पटनाः बिहार के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की सेवा शर्त जल्द लागू होने वाली है. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने यह बयान दिया है. गुरुवार को कैबिनेट ने सेवा शर्त निर्धारण के लिए बनी कमेटी के पुनर्गठन का फैसला किया है. इसके बाद सेवा शर्त की घोषणा जल्द होने की उम्मीद है.
शिक्षक संघ ने जताई आपत्ति
सरकार ने नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवा शर्त निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वर्ष 2015 में ही एक कमेटी का गठन किया था. इसके बाद इस कमेटी का लगातार विस्तार होता रहा लेकिन आज तक सेवा शर्त लागू नहीं हो पाई. लगभग 5 साल के बाद जब नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी का सरकार ने पुनर्गठन किया है, तो इसे लेकर शिक्षक संघ ने आपत्ति जताई है.
पहले भी कमेटी गठित हुई थी कमेटी
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार ने पहले ही कमेटी का गठन करने के 3 माह के अंदर सेवा शर्त का ड्राफ्ट प्रस्ताव देने का निर्देश दिया था. लेकिन आज तक कमेटी अपनी अनुशंसा नहीं दे सकी. सरकार ने आज तक इस पर ना तो कोई संज्ञान लिया और ना ही सरकारी अधिकारियों की इस कमेटी को कोई निर्देश दिया.
सरकार को है शिक्षकों की पूरी चिंता
अचानक इस कमेटी का पुनर्गठन करने के निर्णय और औचित्य को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. शिक्षकों की नाराजगी को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार को उनकी पूरी चिंता है. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों की भलाई के लिए शुरू से ही तत्पर रही है. बहुत जल्द उनकी सेवा शर्त की घोषणा हो जाएगी.
कुछ सवालों का मंत्री ने नहीं दिया जवाब
हमारे संवाददाता ने शिक्षा मंत्री से कुछ तल्ख सवाल भी किए कि आखिर क्यों आपने 5 साल तक शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला टाले रखा. लेकिन शिक्षा मंत्री ने इसका सीधा जवाब देने की बजाय इतना ही कहा कि सही समय पर शिक्षकों की सेवा शर्त लागू हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि परिस्थितियां अनुकूल होते ही शिक्षक संघों से सरकार वार्ता करेगी.
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क्यों जरूरी है सेवा शर्त?
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि सेवा शर्त आने से शिक्षकों के प्रमोशन, प्रधानाचार्य बनने की योग्यता, ट्रांसफर, अवकाश, ईपीएफ और एसीपी समेत कई सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी.
शिक्षकों के लिए है अच्छी खबर
बता दें कि शिक्षक सेवा शर्त लागू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. कई बार इसको लेकर पहल हुई. लेकिन अब तक सब कुछ ठंडे बस्ते में पड़ा है. अब जब कैबिनेट से सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी का पुनर्गठन कर दिया गया है, उसके बाद शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि बहुत जल्द सरकार शिक्षकों के सेवा शर्त की घोषणा करेगी. जिससे नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए उम्मीद की कुछ किरण जगी है.