नई दिल्ली/पटना: लोक जनशक्ति पार्टी पर वर्चस्व को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान के बीच तलवार खीचीं हुई है. एलजेपी (LJP) में तख्ता पलट करने और संसदीय दल का नेता बनने के बाद पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत (Exclusive conversation) की. इस दौरान उन्होंने कहा कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) को मुझे और चार सांसदों को पार्टी से निकालने का पावर ही नहीं है.
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"लोजपा के छह में से पांच सांसद हमारे साथ हैं, नब्बे परसेंट राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मेरे साथ हैं. हमने पार्टी छोड़ी नहीं है. पार्टी को बचाया है. कुछ असामाजिक तत्व पार्टी को बर्बाद करने पर तुल गए हैं. वो असामाजिक तत्व चिराग के साथ हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के संविधान में एक व्यक्ति एक पद का नियम है. चिराग पासवान कुल 3 पद पर थे." - पशुपति कुमार पारस, सांसद
पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी में एक व्यक्ति को एक ही पद पर रहने का नियम है. लेकिन चिराग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संसदीय दल के नेता और पार्लियामेंट्री बोर्ड के भी चेयरमैन थे. यह पार्टी संविधान के विपरीत था. इसलिए चिराग को कुछ पदों से हटाया गया है.
"चिराग पासवान को मुझे व चार सांसदों को पार्टी से निकालने का पावर ही नहीं है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि किस हैसियत से उन्होंने 5 सांसदों को पार्टी से बाहर निकालने का निर्णय लिया है. 17 तारीख को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा."- पशुपति कुमार पारस, सांसद
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पशुपति पारस ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा. यह पार्टी के नेता और कार्यकर्ता को मंजूर नहीं था. उसी का नतीजा है कि विधानसभा चुनाव में लोजपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा. लोजपा समाप्त हो रही थी. चिराग ऐसे निर्णय ले रहे थे जो किसी को पसंद नहीं था. हमने उसको बचाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि चिराग से हमको कोई दिक्कत नहीं है.
बता दें कि लोजपा में टूट के बाद से दो खेमा हो गया है. एक खेमा चिराग पासवान का तो दूसरा पशुपति पारस का है. लोजपा के छह में से पांच सांसद अलग हो गए हैं. चिराग अकेले रह गए हैं. चिराग की जगह पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बना दिया गया है.
पशुपति पारस को बनाया जाएगा अध्यक्ष?
बीते दिनों पारस ने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. जिसमें यह निर्णय लिया गया कि चिराग पासवान पार्टी के अध्यक्ष नहीं रहेंगे. मंगलवार को सूरजभान सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. 17 तारीख को पटना में लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. जहां सुरजभान सिंह की अध्यक्षता में पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा.
चिराग ने पांच सांसदों को दिखाया बाहर का रास्ता
इधर, मंगलवार को चिराग ने अपने गुट के कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ बैठक की. जिसमें यह फैसला लिया गया कि सभी पांचों सांसदों को पार्टी से निकाला जाएगा. चिराग ने पशुपति पारस, वीणा देवी, चंदन सिंह, महबूब अली कैसर और प्रिंस राज इन पांचों सांसदों को पार्टी से बाहर कर दिया है.
चुनाव आयोग करेगा फैसला, असली लोजपा कौन?
चिराग के समर्थकों का कहना है कि असली लोजपा वही हैं. जबकि पारस का कहना है कि असली लोजपा हम हैं. अब चुनाव आयोग ही निर्णय करेगा कि असली लोजपा कौन है? बता दें लोजपा में टूट तब हुई है जब चिराग पासवान के केंद्र सरकार में मंत्री बनने की बात सामने आ रही थी. अब हो सकता है कि लोजपा कोटे से पशुपति पारस केंद्र सरकार में मंत्री बनें.
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