ETV Bharat / state

जीतनराम मांझी का एक बार फिर से विवादित बयान, ब्राह्मणों को लेकर कह दी आपत्तिजनक बात

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भगवान राम और ब्राह्मणों पर फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ भगवान राम की आरती से कुछ नहीं मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने लोगों को मूर्ख ब्राह्मणों से पूजा पाठ नहीं कराने की नसीहत भी दी.

जीतन राम मांझी का ब्राह्मणों पर विवादित बयान
जीतन राम मांझी का ब्राह्मणों पर विवादित बयान
author img

By

Published : Apr 24, 2022, 3:45 PM IST

धनबाद/पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री (HAM Leader Jitan Ram Manjhi) जीतन राम मांझी ने एक बार विवादित बयान दिया है. धनबाद पहुंचे मांझी ने ब्राह्मणों के खिलाफ बोलते हुए कहा कि मूर्ख ब्राह्मणों से (jitan Ram Manjhi Controversial Statement On Brahmins) पूजा पाठ और धार्मिक कर्मकांड न करवाएं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विद्वान हो सात्विक हों एवं मांस मछली मदिरा का सेवन नहीं करता हो वैसे ब्राह्मणों से पूजा पाठ कराने में कोई दिक्कत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों को रामचंद्र जी के आरती के भरोसे नहीं रहने की सलाह दी. मांझी ने कहा कि सिर्फ आरती गाने से कुछ नहीं होगा बल्कि लोगों को आगे बढ़ने के लिए बच्चों को समझदार बनाना पड़ेगा.

ये भी पढे़ं:मांझी का फिर विवादित बयान, बोले- 'राम भगवान नहीं... वो महज किरदार'

दूसरे राज्यों में पार्टी का विस्तार: इसके अलावा उन्होंने हम पार्टी को बिहार झारखंड के अलावा कई अन्य राज्यों में बढ़ाने की बात कही और कहा कि लोग हमारी विचारधारा से जुड़ रहे हैं. भले ही हम सत्ता में नहीं आ पाए लेकिन हम लोगों के बीच अपनी सेवा करते रहेंगे. दलित और शोषित और पीड़ितों को सहारा देते रहेंगे. उन्हें शोषण से मुक्त कराने का हर प्रयास करते रहेंगे. जो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सपना था उसे साकार करने का भरसक प्रयास करेंगे. जीतन राम मांझी ने झारखंड में चल रहे 1932 खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति पर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया और कहा कि उन्हें इस विषय में ठीक से जानकारी नहीं है.

ये भी पढे़ं:मांझी ने राम के बाद कृष्ण के अस्तित्व को भी नकारा, BJP ने दी ये नसीहत

'राम भगवान नहीं थे': इस पहले भी जीतनराम मांझी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती (Baba saheb Bhimrao Ambedkar birth anniversary) और माता सवरी महोत्सव समारोह में शामिल होने जमुई पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा कि वे गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते, राम कोई भगवान नहीं थे. वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे. उन्होंने कहा कि महाकाव्य में बहुत सी अच्छी बात है, उसको हम मानते हैं. अगर आप कहते हैं कि राम को मानते हैं तो यह दोनों बात नहीं चलेगी.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

धनबाद/पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री (HAM Leader Jitan Ram Manjhi) जीतन राम मांझी ने एक बार विवादित बयान दिया है. धनबाद पहुंचे मांझी ने ब्राह्मणों के खिलाफ बोलते हुए कहा कि मूर्ख ब्राह्मणों से (jitan Ram Manjhi Controversial Statement On Brahmins) पूजा पाठ और धार्मिक कर्मकांड न करवाएं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विद्वान हो सात्विक हों एवं मांस मछली मदिरा का सेवन नहीं करता हो वैसे ब्राह्मणों से पूजा पाठ कराने में कोई दिक्कत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों को रामचंद्र जी के आरती के भरोसे नहीं रहने की सलाह दी. मांझी ने कहा कि सिर्फ आरती गाने से कुछ नहीं होगा बल्कि लोगों को आगे बढ़ने के लिए बच्चों को समझदार बनाना पड़ेगा.

ये भी पढे़ं:मांझी का फिर विवादित बयान, बोले- 'राम भगवान नहीं... वो महज किरदार'

दूसरे राज्यों में पार्टी का विस्तार: इसके अलावा उन्होंने हम पार्टी को बिहार झारखंड के अलावा कई अन्य राज्यों में बढ़ाने की बात कही और कहा कि लोग हमारी विचारधारा से जुड़ रहे हैं. भले ही हम सत्ता में नहीं आ पाए लेकिन हम लोगों के बीच अपनी सेवा करते रहेंगे. दलित और शोषित और पीड़ितों को सहारा देते रहेंगे. उन्हें शोषण से मुक्त कराने का हर प्रयास करते रहेंगे. जो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सपना था उसे साकार करने का भरसक प्रयास करेंगे. जीतन राम मांझी ने झारखंड में चल रहे 1932 खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति पर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया और कहा कि उन्हें इस विषय में ठीक से जानकारी नहीं है.

ये भी पढे़ं:मांझी ने राम के बाद कृष्ण के अस्तित्व को भी नकारा, BJP ने दी ये नसीहत

'राम भगवान नहीं थे': इस पहले भी जीतनराम मांझी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती (Baba saheb Bhimrao Ambedkar birth anniversary) और माता सवरी महोत्सव समारोह में शामिल होने जमुई पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा कि वे गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते, राम कोई भगवान नहीं थे. वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे. उन्होंने कहा कि महाकाव्य में बहुत सी अच्छी बात है, उसको हम मानते हैं. अगर आप कहते हैं कि राम को मानते हैं तो यह दोनों बात नहीं चलेगी.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.