पटना: बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने सोमवार को प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों के मौजूदा हालात को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने महामारी काल में पलायन कर प्रदेश लौटे प्रवासियों के लिए बिहार सरकार की ओर से क्या नीतियां बनाई गई हैं. साथ ही सरकार की ओर से प्रवासी श्रमिकों के लिए क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इन सब समसामयिक मुद्दों पर विशेष चर्चा की गई.
श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए कई चरण में काम कर रही है. प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार कई मूलभूत कदम उठा चुकी है. इसी क्रम में सरकार की ओर से 5 करोड़ से ज्यादा कार्य दिवस तय किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए श्रम संसाधन विभाग उनका पंजीकरण क्वारंटीन कैंपों में कर रहा है.
'श्रम विभाग ने भी कस ली है कमर'
विजय सिन्हा ने कहा कि कोरोना काल में बिहार सरकार ने कई लेबर ओरिएंटेड योजना शुरू करने का फैसला लिया है. बिहार सरकार ने जल जीवन हरियाली, हर घर नल जल योजना और सिंचाई बांध मरम्मत का काम शुरू करने का निर्णय लिया है. इन कामों से संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश भी दे दिए गए हैं. इसको लेकर श्रम विभाग ने भी कमर कस ली है. श्रम मंत्री विजय सिन्हा बताते हैं कि जो मजदूर बाहर के राज्यों से यहां आ गए हैं, उनको यहां काम मिले, इसकी व्यवस्था की जा रही है.
'बेरोजगार मजदूरों को प्रदेश में ही मिलेगा काम'
साथ ही मौजूदा सरकार के महत्वपूर्ण योजना चीनी मिलों के जमीन पर नहीं उतर पाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि निवेशकों का रूझान अब अत्याधुनिक उद्योगों पर हैं. इसलिए चीनी मिलों को शुरू करने में थोड़ा व्यवधान रहा. हालांकि, सरकार चीनी मिलों को फिर से प्रतिस्थापित करने में लगी हुई है. साथ ही उन्होंने बताया कि कृषि विभाग भी मजदूरों को काम देने की तैयारी कर रही है. सरकार की मंशा है कि लॉकडाउन की वजह से घर लौटे इन बेरोजगार मजदूरों को प्रदेश में ही काम दिया जाए.