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PM मोदी से कश्मीरी कारोबारियों की अपील- कई दिनों से घरवालों से नहीं हुई बात, फोन कनेक्टिविटी शुरू कराएं

कई कश्मीरी कारीगर भी राजधानी में स्टॉल लगाए हुए हैं. इनका कहना है कि हम तो पहले से ही हिंदुस्तान के साथ हैं. लेकिन, अभी घाटी में इंटरनेट सेवा बंद है. घरवालों से बात नहीं हो रही है.

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Published : Aug 9, 2019, 4:09 PM IST

Updated : Aug 9, 2019, 6:03 PM IST

कश्मीरी कारीगर से खास बातचीत

पटना: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना ऐतिहासिक बताया जा रहा है. इस बीच कश्मीर से बिहार आए कारोबारियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि घाटी में रह रहे परिवार से बातचीत नहीं हो रही है.

साथ ही उन्होंने बताया कि परिवार से बात नहीं होने की वजह से परेशानी बढ़ गई है. बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है. इससे कश्मीर के बाहर रह रहे लोगों की अपने परिजनों से बातचीत नहीं हो पा रही है.

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कनेक्टिविटी बंद होने से कारीगर चिंतित

कनेक्टिविटी बंद होने से बढ़ी परेशानी
एजाज ने कहा कि कनेक्टिविटी बंद होने से परेशानी बहुत बढ़ गई है. काम में मन नहीं लग रहा. दिन-रात घरवालों की चिंता सता रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को अगर यह फैसला करना ही था, तो कम से कम फोन चालू रखना चाहिए था. धारा 370 हटाए जाने पर कश्मीरी युवक एजाज अहमद ने कहा कि ये हमारे लिए गलत हुआ है. मोदी जी ने घर वालों को बाहर निकाल दिया और दूसरों को अंदर ला रहे हैं. ये कहां का न्याय है.

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सिल्क एक्सपो में कई कश्मीरी कारीगरों ने भी स्टॉल लगाये

पहले भी हिंदुस्तान के साथ थे
लद्दाख और कश्मीर को अलग किए जाने पर एजाज ने कहा कि हमलोग तो पहले से ही हिंदुस्तान के साथ थे. अब प्रधानमंत्री जी को और क्या करने की आवश्यकता थी.

कश्मीरी कारीगर से खास बातचीत

कश्मीर में जल्द शुरु हो फोन की सुविधा
एजाज ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि, 'जो कश्मीरी प्रदेश से बाहर दूसरी जगहों पर हैं, इस बार बकरीद में घर जाना चाहते हैं, तो उसकी पूरी व्यवस्था की गई है'. एजाज ने कहा कि पीएम के संबोधन के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. न्यूज में हर जगह कश्मीर की बात चल रही है. प्रधानमंत्री अगर सच में कुछ करना चाहते हैं. तो सबसे पहले कनेक्टिविटी की शुरुआत करें. ताकि हम अपने परिजनों से बात कर उनका हालचाल जान सकें.

पटना: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना ऐतिहासिक बताया जा रहा है. इस बीच कश्मीर से बिहार आए कारोबारियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि घाटी में रह रहे परिवार से बातचीत नहीं हो रही है.

साथ ही उन्होंने बताया कि परिवार से बात नहीं होने की वजह से परेशानी बढ़ गई है. बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है. इससे कश्मीर के बाहर रह रहे लोगों की अपने परिजनों से बातचीत नहीं हो पा रही है.

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कनेक्टिविटी बंद होने से कारीगर चिंतित

कनेक्टिविटी बंद होने से बढ़ी परेशानी
एजाज ने कहा कि कनेक्टिविटी बंद होने से परेशानी बहुत बढ़ गई है. काम में मन नहीं लग रहा. दिन-रात घरवालों की चिंता सता रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को अगर यह फैसला करना ही था, तो कम से कम फोन चालू रखना चाहिए था. धारा 370 हटाए जाने पर कश्मीरी युवक एजाज अहमद ने कहा कि ये हमारे लिए गलत हुआ है. मोदी जी ने घर वालों को बाहर निकाल दिया और दूसरों को अंदर ला रहे हैं. ये कहां का न्याय है.

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सिल्क एक्सपो में कई कश्मीरी कारीगरों ने भी स्टॉल लगाये

पहले भी हिंदुस्तान के साथ थे
लद्दाख और कश्मीर को अलग किए जाने पर एजाज ने कहा कि हमलोग तो पहले से ही हिंदुस्तान के साथ थे. अब प्रधानमंत्री जी को और क्या करने की आवश्यकता थी.

कश्मीरी कारीगर से खास बातचीत

कश्मीर में जल्द शुरु हो फोन की सुविधा
एजाज ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि, 'जो कश्मीरी प्रदेश से बाहर दूसरी जगहों पर हैं, इस बार बकरीद में घर जाना चाहते हैं, तो उसकी पूरी व्यवस्था की गई है'. एजाज ने कहा कि पीएम के संबोधन के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. न्यूज में हर जगह कश्मीर की बात चल रही है. प्रधानमंत्री अगर सच में कुछ करना चाहते हैं. तो सबसे पहले कनेक्टिविटी की शुरुआत करें. ताकि हम अपने परिजनों से बात कर उनका हालचाल जान सकें.

Intro:राजधानी पटना के तारामंडल सभागार में चल रहे सिल्क एक्सपो में कई कश्मीरी कारीगर भी अपने स्टाल लगाए हुए हैं. कश्मीर में चल रहे अभी के हालात पर कश्मीरी कारीगरों से ईटीवी की बातचीत.

कश्मीर के श्रीनगर से आए एजाज अहमद ने कहा कि उनके परिजनों से उनकी बातचीत नहीं हो पा रही है. घरवाले उनके लिए परेशान है और वह घर वालों के लिए परेशान है.. ना तो कोई फोन है ना कोई कांटेक्ट हो पा रहा है और नेट भी कई दिनों से बंद है. घरवाले ठीक है या नहीं इसकी चिंता सता रही है.. सभी लोग परेशान हैं.. कनेक्टिविटी बंद होने से परेशानी बहुत बढ़ गई है. एजाज अहमद ने कहा कि कम से कम घर वालों से बातचीत हो जाती तो उन्हें बता देते कि ठीक है और उधर के हालात भी पता चलते हैं. उन्होंने कहा कि वह इधर काम करने आए हैं लेकिन दिमाग पूरा फेल हो चुका है और क्या करें क्या नहीं करें समझ में नहीं आ रहा है. काम में दिल नहीं लग रहा है. सरकार को अगर यह फैसला करना ही था तो नहीं तो फोन चालू रखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ करना चाहती है तो उनकी अपनी मर्जी है उससे हमें कोई परेशानी नहीं है.


Body:धारा 370 हटाए जाने पर कश्मीरी युवक एजाज अहमद ने कहा कि इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा लेकिन हमारे लिए तो गलत ही हो गया. घर वालों को ही घर से बाहर निकाल दिया और दूसरों को अंदर ला रहे हैं. इस फैसले से परेशानी नहीं होगी.

लद्दाख और कश्मीर को अलग किए जाने पर एजाज ने कहा कि एक परिवार को दो हिस्सों में बांटा गया है. पहले हम मिलजुल कर बैठते थे फोन थें थे और काम करते थे इधर आते थे. उन्होंने कहा कि हम तो पहले से ही हिंदुस्तान के साथ थे तो इन्हें और अब क्या करना था. उन्होंने कहा कि अब इस फैसले पर कोई कर ही क्या सकता है.


Conclusion:प्रधानमंत्री से कश्मीर में फोन की सुविधा चालू कराने की की मांग

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जो कश्मीरी प्रदेश से बाहर दूसरी जगहों पर है और अगर वह इस बार बकरीद में घर जाना चाहते हैं तो उसकी पूरी व्यवस्था की गई है. इस पूरे मसले पर एजाज ने कहा कि ना तो कोई फोन है ना कोई कांटेक्ट है तो इसमें कैसे व्यवस्था कर सकते हैं. न्यूज़ में हर जगह कश्मीर की बात चल रही है और इसमें कश्मीरी पीस रहे हैं. प्रधानमंत्री अगर सच में कुछ करना चाहते हैं तो कनेक्टिविटी की शुरुआत करें और फोन चालू करें. इससे हम लोग अपने घरवालों और परिजनों से बात कर सकेंगे.
Last Updated : Aug 9, 2019, 6:03 PM IST
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