पटना: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना ऐतिहासिक बताया जा रहा है. इस बीच कश्मीर से बिहार आए कारोबारियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि घाटी में रह रहे परिवार से बातचीत नहीं हो रही है.
साथ ही उन्होंने बताया कि परिवार से बात नहीं होने की वजह से परेशानी बढ़ गई है. बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है. इससे कश्मीर के बाहर रह रहे लोगों की अपने परिजनों से बातचीत नहीं हो पा रही है.
कनेक्टिविटी बंद होने से बढ़ी परेशानी
एजाज ने कहा कि कनेक्टिविटी बंद होने से परेशानी बहुत बढ़ गई है. काम में मन नहीं लग रहा. दिन-रात घरवालों की चिंता सता रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को अगर यह फैसला करना ही था, तो कम से कम फोन चालू रखना चाहिए था. धारा 370 हटाए जाने पर कश्मीरी युवक एजाज अहमद ने कहा कि ये हमारे लिए गलत हुआ है. मोदी जी ने घर वालों को बाहर निकाल दिया और दूसरों को अंदर ला रहे हैं. ये कहां का न्याय है.
पहले भी हिंदुस्तान के साथ थे
लद्दाख और कश्मीर को अलग किए जाने पर एजाज ने कहा कि हमलोग तो पहले से ही हिंदुस्तान के साथ थे. अब प्रधानमंत्री जी को और क्या करने की आवश्यकता थी.
कश्मीर में जल्द शुरु हो फोन की सुविधा
एजाज ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि, 'जो कश्मीरी प्रदेश से बाहर दूसरी जगहों पर हैं, इस बार बकरीद में घर जाना चाहते हैं, तो उसकी पूरी व्यवस्था की गई है'. एजाज ने कहा कि पीएम के संबोधन के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. न्यूज में हर जगह कश्मीर की बात चल रही है. प्रधानमंत्री अगर सच में कुछ करना चाहते हैं. तो सबसे पहले कनेक्टिविटी की शुरुआत करें. ताकि हम अपने परिजनों से बात कर उनका हालचाल जान सकें.