ETV Bharat / state

Exclusive: पूर्व DGP पांडे बने पुजारी, कहा- 'मैं राजनीति के लायक नहीं'

बिहार के पूर्व डीजीपी (Former DGP of Bihar) गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) इन दिनों नए अवतार में नजर आ रहे हैं. पूर्व डीजीपी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 'मैं राजनीति के योग्य नहीं था, इसलिए राजनीति में सफल नहीं हो पाया.'

gupteshwar
gupteshwar
author img

By

Published : Jun 27, 2021, 6:55 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 5:02 PM IST

पटना: बिहार के तेज तर्रार और पूर्व डीजीपी (Former DGP of Bihar) गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) गेरुआ वस्त्र पहनकर भक्ति में लीन हो गए हैं. लोगों को ज्ञान की बातें सुना रहे हैं. गुप्तेश्वर पांडे इन दिनों कथावाचक की भूमिका में नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- देखें VIDEO: 'सुपर कॉप' से 'कथावाचक' बने बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे

'मुझे किसी ने नहीं दिया धोखा'
दरअसल, गुप्तेश्वर पांडे ने राजनीति में भाग्य आजमाने की कोशिश की थी, लेकिन वो इसमें फेल रहे. जिस वजह से उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्वीकार किया कि वो राजनीति के योग्य नहीं थे, तभी तो उन्हें टिकट नहीं मिला. हालांकि, उन्होंने बिना नीतीश कुमार का नाम लिए कहा कि मुझे किसी ने धोखा नहीं दिया है.

''मैं विधायक या मंत्री बनने के लिए राजनीति में नहीं आना चाहता था. बल्कि, मैं लोगों की सेवा करना चाहता था. विधायक बनने के लिए डीजीपी तो छोड़िए दारोगा भी अपनी नौकरी नहीं छोड़ता है.''- गुप्तेश्वर पांडे, पूर्व डीजीपी, बिहार

ईटीवी भारत पर पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे

'ईश्वर के चरणों में गुजरेगा पूरा जीवन'
उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा जीवन ईश्वर के चरणों में गुजरेगा. अब उन्हें भगवान के अलावा किसी भी दूसरे चीज में रुचि नहीं है. जो लोग मुझे जानते हैं, मुझे बचपन से ही कथा वाचन करने का शौक रहा है. नौकरी के दौरान भी गीता का पाठ करते रहा हूं.

'जारी रहेगा कथा वाचन का कार्यक्रम'
गुप्तेश्वर पांडे वे बताया कि वो आगे भी कथा वाचन का कार्यक्रम जारी रखेंगे. आने वाले जुलाई महीने में अयोध्या में 3-3 कथा वाचन कार्यक्रम का आयोजन है. उसके बाद कोलकाता और अन्य राज्यों में भी इसी तरह के कार्यक्रम हैं. आने वाले महीनों में वो विदेशों में भी जाकर कथा वाचन कर सकते हैं. उन्हें मलेशिया और अन्य देशों से बुलावा आ रहा है.

कथावाचन करते गुप्तेश्वर पांडे.

बम ब्लास्ट की घटनाओं पर साधी चुप्पी
हालांकि, बिहार में इन दिनों बम ब्लास्ट की घटनाओं पर कुछ भी बोलने से परहेज करते हुए उन्होंने कहा कि अब मुझे इन विषयों पर किसी प्रकार की कोई रुचि नहीं रही है. इस वजह से मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा. लेकिन उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस से को मैंने नजदीकी से देखा है, वह किसी भी घटना से निपटने के लिए सक्षम हैं. बिहार पुलिस सत्तू और चूड़ा खाकर एक-एक हफ्ते तक रह सकता है.

कौन हैं गुप्तेश्वर पांडे?
बता दें कि बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने बतौर एएसपी, एसपी, एसएसपी, आईजी और एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में सेवा दी है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी को रहना होगा नाउम्मीद, 2025 के चुनाव की करें तैयारी: आरसीपी सिंह

गुप्तेश्वर पांडे ने 2009 में बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया लेकिन टिकट नहीं मिला. उन्होंने वापस सेवा में आने की अर्जी दी, जिसे 9 महीने बाद नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया था. 2009 में जब पांडेय ने वीआरएस लिया था तब वो आईजी थे और 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था.

पटना: बिहार के तेज तर्रार और पूर्व डीजीपी (Former DGP of Bihar) गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) गेरुआ वस्त्र पहनकर भक्ति में लीन हो गए हैं. लोगों को ज्ञान की बातें सुना रहे हैं. गुप्तेश्वर पांडे इन दिनों कथावाचक की भूमिका में नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- देखें VIDEO: 'सुपर कॉप' से 'कथावाचक' बने बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे

'मुझे किसी ने नहीं दिया धोखा'
दरअसल, गुप्तेश्वर पांडे ने राजनीति में भाग्य आजमाने की कोशिश की थी, लेकिन वो इसमें फेल रहे. जिस वजह से उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्वीकार किया कि वो राजनीति के योग्य नहीं थे, तभी तो उन्हें टिकट नहीं मिला. हालांकि, उन्होंने बिना नीतीश कुमार का नाम लिए कहा कि मुझे किसी ने धोखा नहीं दिया है.

''मैं विधायक या मंत्री बनने के लिए राजनीति में नहीं आना चाहता था. बल्कि, मैं लोगों की सेवा करना चाहता था. विधायक बनने के लिए डीजीपी तो छोड़िए दारोगा भी अपनी नौकरी नहीं छोड़ता है.''- गुप्तेश्वर पांडे, पूर्व डीजीपी, बिहार

ईटीवी भारत पर पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे

'ईश्वर के चरणों में गुजरेगा पूरा जीवन'
उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा जीवन ईश्वर के चरणों में गुजरेगा. अब उन्हें भगवान के अलावा किसी भी दूसरे चीज में रुचि नहीं है. जो लोग मुझे जानते हैं, मुझे बचपन से ही कथा वाचन करने का शौक रहा है. नौकरी के दौरान भी गीता का पाठ करते रहा हूं.

'जारी रहेगा कथा वाचन का कार्यक्रम'
गुप्तेश्वर पांडे वे बताया कि वो आगे भी कथा वाचन का कार्यक्रम जारी रखेंगे. आने वाले जुलाई महीने में अयोध्या में 3-3 कथा वाचन कार्यक्रम का आयोजन है. उसके बाद कोलकाता और अन्य राज्यों में भी इसी तरह के कार्यक्रम हैं. आने वाले महीनों में वो विदेशों में भी जाकर कथा वाचन कर सकते हैं. उन्हें मलेशिया और अन्य देशों से बुलावा आ रहा है.

कथावाचन करते गुप्तेश्वर पांडे.

बम ब्लास्ट की घटनाओं पर साधी चुप्पी
हालांकि, बिहार में इन दिनों बम ब्लास्ट की घटनाओं पर कुछ भी बोलने से परहेज करते हुए उन्होंने कहा कि अब मुझे इन विषयों पर किसी प्रकार की कोई रुचि नहीं रही है. इस वजह से मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा. लेकिन उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस से को मैंने नजदीकी से देखा है, वह किसी भी घटना से निपटने के लिए सक्षम हैं. बिहार पुलिस सत्तू और चूड़ा खाकर एक-एक हफ्ते तक रह सकता है.

कौन हैं गुप्तेश्वर पांडे?
बता दें कि बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने बतौर एएसपी, एसपी, एसएसपी, आईजी और एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में सेवा दी है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी को रहना होगा नाउम्मीद, 2025 के चुनाव की करें तैयारी: आरसीपी सिंह

गुप्तेश्वर पांडे ने 2009 में बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया लेकिन टिकट नहीं मिला. उन्होंने वापस सेवा में आने की अर्जी दी, जिसे 9 महीने बाद नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया था. 2009 में जब पांडेय ने वीआरएस लिया था तब वो आईजी थे और 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था.

Last Updated : Jun 29, 2021, 5:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.