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BPSC पेपर लीक मामलाः पटना के कई कोचिंग संचालकों की भूमिका संदिग्ध, साक्ष्य खोजने में जुटा EOU

बीपीएससी पेपर लीक मामले (BPSC Paper Leak Case) में पटना के कोचिंग संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है. जिसके बाद जांच एजेंसी कुछ कोचिंग संचालकों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने में जुट गई है. जल्द ही इनसे भी पूछताछ की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर..

बीपीएससी पेपर लीक मामले
बीपीएससी पेपर लीक मामले
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Published : May 23, 2022, 1:40 PM IST

पटनाः बीपीएससी 67वीं पीटी के प्रश्न पत्र लीक (BPSC 67th Prelims Exam 2022) मामले की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई को पेपर लीक मामले में राजधानी पटना के कई कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका का पता चला है. दरअसल ईओयू द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से की गई पूछताछ में वायरल प्रश्न पत्र को सॉल्व कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने में कुछ कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आई है. जिसके बाद जांच एजेंसी कुछ संदिग्ध कोचिंग संचालकों (EOU Search Evidence Against Coaching Operators Of Patna) के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने में जुट गई है. उम्मीद है कि जल्द ही इन कोचिंग संचालकों से भी पूछताछ की जाएगी.

ये भी पढ़ें : OMG! बीपीएससी पेपर के लिए सेटर्स ने कदमकुआं में बना रखा था कंट्रोल रूम, ग्राउंड ज़ीरो पर ETV भारत

कोचिंग संचालकों की भूमिका संदिग्धः दरअसल बीपीएससी पेपर लीक मामले के गिरोह को मालूम था कि वायरल पत्र परीक्षा से कुछ समय पहले ही उन तक पहुंचेगा. जिस वजह से प्रश्नपत्र को सॉल्व करने के लिए बड़ी संख्या में स्कॉलरो को सॉल्वरों के रूप में रखा गया था. विशेष सूत्रों के अनुसार राजधानी पटना की कुछ कोचिंग संचालक खुद सॉल्वर की भूमिका में जुड़े थे. वहीं, कुछ कोचिंग संचालकों ने सॉल्वर उपलब्ध कराया था. ईओयू के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार प्रश्न पत्र लिखकर आने वाले गिरोह का पटना के कई कोचिंग संचालकों से संपर्क था. वहीं पेपर सॉल्वरों को एक से डेढ़ लाख रुपये देने का सौदा भी हुआ था.

ये भी पढ़ें: Inside Story : BPSC Paper Leak में आरा के इस कॉलेज की क्यों हो रही चर्चा?

सॉल्वर अमित कुमार से मिले नए साक्ष्यः मिली जानकारी के अनुसार बीपीसी पेपर लीक मामले में जेल भेजे गए दो अभियुक्त शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह और निशीकांत कुमार राय को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. हालांकि आर्थिक अपराध इकाई को भी पता चला है कि लोहानी कंट्रोल रूम में भी सॉल्वरों को बैठाकर प्रश्न पत्र हल कराया गया था. दरअसल आर्थिक अपराध इकाई को गिरफ्तार हुए सॉल्वर अमित कुमार से पूछताछ के दौरान कुछ नए साक्ष्य मिले हैं.

दरभंगा में भी हुई पूछताछः वहीं, बीपीएससी पेपर लीक मामले का तार दरभंगा जिले के नगर थाना क्षेत्र से भी जुड़ रहा है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा एक संदिग्ध व्यक्ति के घर पर छापेमारी की गई है, जहां संदिग्ध व्यक्ति के नहीं मिलने पर उसके भाई को हिरासत में लिया गया. बाद में उस व्यक्ति को बुलाकर उसका फोन जब्त किया गया. व्यक्ति ने ईओयू को बताया है कि उसके फोन को किसी ने स्कैन कर हॉटस्पॉट जीमेल के माध्यम से चलाया है. जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने लंबी पूछताछ के बाद पीआर बांड भरवा कर दोनों को छोड़ दिया.

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पटनाः बीपीएससी 67वीं पीटी के प्रश्न पत्र लीक (BPSC 67th Prelims Exam 2022) मामले की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई को पेपर लीक मामले में राजधानी पटना के कई कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका का पता चला है. दरअसल ईओयू द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से की गई पूछताछ में वायरल प्रश्न पत्र को सॉल्व कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने में कुछ कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आई है. जिसके बाद जांच एजेंसी कुछ संदिग्ध कोचिंग संचालकों (EOU Search Evidence Against Coaching Operators Of Patna) के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने में जुट गई है. उम्मीद है कि जल्द ही इन कोचिंग संचालकों से भी पूछताछ की जाएगी.

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कोचिंग संचालकों की भूमिका संदिग्धः दरअसल बीपीएससी पेपर लीक मामले के गिरोह को मालूम था कि वायरल पत्र परीक्षा से कुछ समय पहले ही उन तक पहुंचेगा. जिस वजह से प्रश्नपत्र को सॉल्व करने के लिए बड़ी संख्या में स्कॉलरो को सॉल्वरों के रूप में रखा गया था. विशेष सूत्रों के अनुसार राजधानी पटना की कुछ कोचिंग संचालक खुद सॉल्वर की भूमिका में जुड़े थे. वहीं, कुछ कोचिंग संचालकों ने सॉल्वर उपलब्ध कराया था. ईओयू के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार प्रश्न पत्र लिखकर आने वाले गिरोह का पटना के कई कोचिंग संचालकों से संपर्क था. वहीं पेपर सॉल्वरों को एक से डेढ़ लाख रुपये देने का सौदा भी हुआ था.

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सॉल्वर अमित कुमार से मिले नए साक्ष्यः मिली जानकारी के अनुसार बीपीसी पेपर लीक मामले में जेल भेजे गए दो अभियुक्त शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह और निशीकांत कुमार राय को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. हालांकि आर्थिक अपराध इकाई को भी पता चला है कि लोहानी कंट्रोल रूम में भी सॉल्वरों को बैठाकर प्रश्न पत्र हल कराया गया था. दरअसल आर्थिक अपराध इकाई को गिरफ्तार हुए सॉल्वर अमित कुमार से पूछताछ के दौरान कुछ नए साक्ष्य मिले हैं.

दरभंगा में भी हुई पूछताछः वहीं, बीपीएससी पेपर लीक मामले का तार दरभंगा जिले के नगर थाना क्षेत्र से भी जुड़ रहा है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा एक संदिग्ध व्यक्ति के घर पर छापेमारी की गई है, जहां संदिग्ध व्यक्ति के नहीं मिलने पर उसके भाई को हिरासत में लिया गया. बाद में उस व्यक्ति को बुलाकर उसका फोन जब्त किया गया. व्यक्ति ने ईओयू को बताया है कि उसके फोन को किसी ने स्कैन कर हॉटस्पॉट जीमेल के माध्यम से चलाया है. जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने लंबी पूछताछ के बाद पीआर बांड भरवा कर दोनों को छोड़ दिया.

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