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रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करने वाला शशि यादव को EOU ने किया गिरफ्तार, 5 महीने से था फरार

कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले शशि यादव को आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने गिरफ्तार कर लिया है. 5 महीने बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम को यह सफलता मिली है.

आर्थिक अपराध इकाई
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Published : Oct 28, 2021, 11:01 PM IST

पटना: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी (Black Marketing of Remdesivir Injection) करने वाले शशि यादव को आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी राजधानी पटना के कुर्जी हॉस्पिटल के पास से हुई है. 5 महीने बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस शातिर को गिरफ्तार करने में कामयाबी पायी है. आर्थिक अपराध इकाई के डीएसपी रजनीश कुमार और भास्कर रंजन को इसके मूवमेंट की जानकारी मिली. जिसके बाद शातिर को ट्रैक कर गिरफ्तार किया गया.

ये भी पढ़ें- करोड़पति निकला बिहार पुलिस का सिपाही, EOW के छापे में मिली 9.47 करोड़ की संपत्ति

बता दें कि यह मामला उस समय का है जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर से लोग बुरी तरह से परेशान थे. उस समय संक्रमित लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की जरूरत थी. उस दौरान कुछ लोगों ने इसकी कालाबाजारी शुरू कर दी थी. इस दौरान आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने गोरखधंधे में लिप्त आरोपियों को पकड़ने के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए कुछ लोगों से संपर्क किया तो तीन डोज की कीमत 120000 में तय हुई. जिसमें शशि यादव का भी नाम था. संभावना जताई जा रही है कि शशि यादव की गिरफ्तारी और नर्सिंग होम के एक शख्स से पूछताछ में इसका खुलासा हो सकता है.

आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार शशि यादव को गिरफ्तार करने के बाद गोरखधंधे में उसके साथ कौन-कौन से लोग शामिल थे, इसकी पूछताछ की गई है. पूछताछ के दौरान उसने मनीष नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया है. जो रेमडेसिवीर इंजेक्शन का इंतजाम करता था. मनीष जक्कनपुर इलाके स्थित पॉपुलर नर्सिंग होम का मालिक बताया जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम छापेमारी की, लेकिन मनीष को गिरफ्तार तो नहीं कर पाई. हालांकि नर्सिंग होम से जितेंद्र कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

ये भी पढ़ें- धनकुबेर निकला डोरीगंज का निलंबित थाना अध्यक्ष, आय से अधिक संपत्ति मामले में FIR दर्ज

पटना: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी (Black Marketing of Remdesivir Injection) करने वाले शशि यादव को आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी राजधानी पटना के कुर्जी हॉस्पिटल के पास से हुई है. 5 महीने बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस शातिर को गिरफ्तार करने में कामयाबी पायी है. आर्थिक अपराध इकाई के डीएसपी रजनीश कुमार और भास्कर रंजन को इसके मूवमेंट की जानकारी मिली. जिसके बाद शातिर को ट्रैक कर गिरफ्तार किया गया.

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बता दें कि यह मामला उस समय का है जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर से लोग बुरी तरह से परेशान थे. उस समय संक्रमित लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की जरूरत थी. उस दौरान कुछ लोगों ने इसकी कालाबाजारी शुरू कर दी थी. इस दौरान आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने गोरखधंधे में लिप्त आरोपियों को पकड़ने के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए कुछ लोगों से संपर्क किया तो तीन डोज की कीमत 120000 में तय हुई. जिसमें शशि यादव का भी नाम था. संभावना जताई जा रही है कि शशि यादव की गिरफ्तारी और नर्सिंग होम के एक शख्स से पूछताछ में इसका खुलासा हो सकता है.

आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार शशि यादव को गिरफ्तार करने के बाद गोरखधंधे में उसके साथ कौन-कौन से लोग शामिल थे, इसकी पूछताछ की गई है. पूछताछ के दौरान उसने मनीष नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया है. जो रेमडेसिवीर इंजेक्शन का इंतजाम करता था. मनीष जक्कनपुर इलाके स्थित पॉपुलर नर्सिंग होम का मालिक बताया जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम छापेमारी की, लेकिन मनीष को गिरफ्तार तो नहीं कर पाई. हालांकि नर्सिंग होम से जितेंद्र कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

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