पटना: बिहार में वैसे बच्चे जो दिव्यांग की श्रेणी में आते हैं उन बच्चों का स्कूल में नामांकन अभियान (School Enrollment Drive) चलाकर किया जाएगा, जो पूरे प्रदेश में आयोजित किया जाएगा. दिव्यांग बच्चे जो अभी तक शिक्षा से महरूम हैं, उनके लिए राज्य सरकार ने विशिष्ट स्तर पर पहल की है. इस तहत शिक्षा विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग और ग्रामीण विभाग एक साथ आए हैं.
30 अप्रैल तक अभियान: राजधानी के जगजीवन राम शोध संस्थान में आयोजित विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए विभिन्न विभागों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि जो बच्चे दिव्यांग की श्रेणी में आते हैं उन्हें शिक्षा उपलब्ध कराई जाए. जानकारी के अनुसार राज्य में करीब दो लाख तीस हजार ऐसे बच्चे हैं जो दिव्यांग की श्रेणी में आते हैं. इनके एडमिशन के लिए आगामी एक अप्रैल से विशेष नामांकन अभियान शुरू होगा जो कि 30 अप्रैल तक चलेगा. इस अभियान में 18 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों का नामांकन लिया जाएगा.
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कहां होगा नामंकन: एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच वर्तमान दिव्यांगता पंजी में दर्ज तीन से छह साल के दिव्यांग बच्चों का पास के आंगनबाड़ी केंद्र में और 6 वर्ष से ऊपर के दिव्यांग बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा. प्रखंड दिव्यांगता पंजी में दर्ज श्रवण एवं दृष्टिबाधित दिव्यांग बालिकाओं का कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नामांकन किया जाएगा. इन विभागों द्वारा संयुक्त रूप से तय शेड्यूल के अनुसार 18 मार्च से पहले जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अनुश्रवण समिति की पहली बैठक का आयोजन हो चुका है. जबकि 25 मार्च से पहले दिव्यांगता प्रमाणीकरण शिविर के आयोजन से संबंधित स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारियों का राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण होना है. 25 मार्च के पहले दिव्यांगता प्रमाणीकरण शिविर के आयोजन से संबंधित मेडिकल बोर्ड के सदस्यों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण होगा. 25 मार्च से पहले प्रखंड दिव्यांगता पंजी का अपडेशन एवं स्वास्थ्य विभाग तथा समाज कल्याण विभाग के द्वारा सर्वेक्षण किए गए 0 से 18 आयु वर्ग के बच्चों का प्रखंड पंजी से रिकॉन्सिलिएशन तथा छूटे हुए नाम पंजी में दर्ज करने होंगे.
दिव्यांगता मूल्यांकन शिविर का आयोजन: 25 मार्च से 25 मई के बीच प्रखंड दिव्यांगता पंजी में दर्ज 0 से 18 आयु वर्ग के दिव्यांग बच्चों की दिव्यांगता प्रमाणीकरण के लिए असैनिक शल्य चिकित्सक द्वारा गठित मेडिकल टीम के माध्यम से दिव्यांगता मूल्यांकन शिविर का आयोजन किया जाएगा. जबकि 15 जून तक जांच शिविर के माध्यम से चिन्हित 0 से 18 आयु वर्ग के दिव्यांग बच्चों को दिव्यांग का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. तय शेड्यूल के अनुसार 15 अप्रैल से 30 जून तक दिव्यांग का प्रमाण पत्र के आधार पर सभी दिव्यांग बच्चों को यूडीआईडी कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही दिव्यांगता पेंशन तथा शिक्षा विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदत्त लाभुक योजनाओं से जुड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.
दिव्यांग बच्चों को दी जाएगी ये सामग्री: 25 मार्च से 25 मई के बीच ही आयोजित दिव्यांगता प्रमाणीकरण के लिए जांच शिविर के दौरान ही आवश्यकता का आकलन किया जाएगा तथा 0 से 18 आयु वर्ग के चिन्हित दिव्यांग बच्चों को दिव्यांग सहायक उपकरण, शैक्षणिक उपकरण, शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए दिव्यांगता क्षेत्र के विशेषज्ञ टीम के माध्यम से जांच व मूल्यांकन शिविर का आयोजन किया जाएगा. खास बात यह है कि 1 जुलाई से 15 अगस्त के बीच चिन्हित दिव्यांग बच्चों को जरूरत के अनुसार सुधारात्मक शल्य चिकित्सा की जाएगी. इस विशेष बैठक में शिक्षा विभाग की तरफ से विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अंशुल अग्रवाल, शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव, शिक्षा विभाग के परामर्शी एके साहा, प्राथमिक शिक्षा के निदेशक रवि प्रकाश, समाज कल्याण विभाग से कौशल किशोर के साथ ही राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन तथा जिला अस्पताल के अधीक्षक उपस्थित थे.