पटना: बिहार विधानसभा में आज बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर बीजेपी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. वेल में पहुंचकर बीजेपी के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. बीजेपी के सदस्यों ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया और बिजली बिल में हुई वृद्धि वापस लेने की मांग भी की. विपक्ष के हंगामे के बाद सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव जवाब दिया और कहा कि 4 साल तक बिजली बिल में सरकार ने कोई बढ़ोतरी नहीं की. यह बात मैंने बजटीय भाषण में भी कहा था.
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बोले ऊर्जा मंत्री- 'बिजली दर तय करने का अधिकार सरकार को नहीं': बिजेंद्र यादव ने कहा बिजली बिल बढ़ाने का अधिकार रेगुलेटरी कमीशन को है और अटल बिहारी वाजपेयी शासन के समय ही पार्लियामेंट ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का निर्माण किया था. उसी समय यह फैसला किया गया और राज्य सरकार से अधिकार छीन कर बिजली बिल तय करने का अधिकार रेगुलेटरी कमीशन को दिया गया.
"मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि गांव गरीब को कोई नुकसान नहीं होगा. सरकार कोई कठिनाई नहीं होने देगी."- बिजेंद्र यादव, ऊर्जा मंत्री
विपक्ष ने किया हंगामा: ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव के आश्वासन देने के बावजूद बीजेपी के सदस्य नारेबाजी करते रहे. वेल में काफी देर तक हंगामा होता रहा. बीजेपी के सदस्यों ने सत्ता पक्ष की ओर से पीएम मोदी का नाम लिए जाने पर भी हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा इस तरह की परंपरा पर रोक लगायी जाए.
बिजली दरों में 24.10 फीसदी की बढ़ोतरी: वहीं ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव के बयान से साफ लग रहा है कि सरकार बिजली बिल में बढ़ोतरी के फैसले को अब वापस लेने वाली नहीं है. बिहार के लोगों पर बड़ा बोझ पड़ने वाला है. अप्रैल से यह बढ़ोतरी लागू हो जाएगी. विद्युत विनियामक आयोग ने 24.10% की वृद्धि की है. फिक्स्ड चार्ज सीधे डबल कर दिया गया है और इन सबका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. ऐसे सहयोगी दलों की ओर से भी सरकार पर दबाव है. अधिक से अधिक सब्सिडी देने की सरकार से मांग की जा है. ऐसे में देखना है कि सरकार बिजली की दरों में जो बढ़ोतरी की गई है उसमें कितना सब्सिडी देती है.