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Bihar News : ऊर्जा मंत्री का दावा- 'अन्य राज्यों से सस्ती बिहार में बिजली, दी जा रही सब्सिडी'

बिहार में बिजली मंगाई को लेकर जमई सांसद ने चिराग पासवान ने बयान दिया था. जिसको लेकर ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने खंडन किया है. मंत्री ने कहा कि बिहार में अन्य राज्यों के तुलना में सस्ती बिजली मिल रही है. फिर भी इस तरह का बयान देना एकदम निराधार है. पढ़ें पूरी खबर...

ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव
ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव
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Published : Jan 29, 2023, 9:33 PM IST

पटनाः बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया. बताया कि कुछ लोग इस संदर्भ में भ्रामक बयान दे रहे हैं, जिसे समझने की आवश्यकता है. बता दें कि जमुई सांसद चिराग पासवान ने बिहार में बढ़ रहे बिजली के दाम को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बिहार में का दर दूसरे राज्यों से अधिक है. चिराग के इसी बयान को लेकर ऊर्जा मंत्री ने जानकारी दी. कहा कि बिहार सरकार बिजली के क्षेत्र में असाधारण काम किया है. उसका अनुकरण पूरे देश में हो रहा है.

यह भी पढ़ेंः Union Budget 2023: महंगाई और गैस के बढ़े दाम से बिगड़ा बजट, गृहणियों की अपील- 'कम हो कीमतें'

NTPC से खरीदी जा रही बिजलीः बिहार में बिजली भारत सरकार के उपक्रम NTPC (National Thermal Power Corporation Limited) की से खरीदी जाती है. इन सभी उत्पादन इकाइयों से उत्पादित बिजली का दर केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग द्वारा तय किया जाता है. जिसपर क्रेता राज्यों अथवा विक्रेता उत्पादन इकाइयों का कोई नियंत्रण नहीं रहता. NTPC के इन इकाइयों से न केवल बिहार में बिजली खरीद की जा रही है, बल्कि अन्य राज्यों में भी बिजली की खरीद हो रही है.

कोयला खादानों से दूर होने से लागत अधिकः बिजली को लेकर किसी का भी इस प्रकार बयान देना निराधार है. जिस दर से दूसरे राज्य बिजली खरीदना बंद करते हैं, हमलोग वहां से खरीदते हैं. मंत्री ने यह भी बताया कि उनलोगों को इस संदर्भ में पूरी जानकारी रखनी चाहिए. प्रति यूनिट फिक्सड कॉस्ट की दर पुरानी इकाइयों की तुलना में लगभग 40-50% अधिक रहता है. कोयला खादानों से दूर होने के कारण NTPC की बिहार स्थित इकाइयों का ईंधन लागत भी अधिक रहता है. विगत वर्ष कोयले की कमी की से पूरे देश में बिजली की कमी हुई. जिस कारण केन्द्र सरकार द्वारा 10% आयातित कोयले के इस्तेमाल को बाध्यकारी बनाया गया है. इस कारण भी ईंधन लागत में वृद्धि हुई है.

अन्य राज्यों से कीमत कमः राज्य सरकार उपभोक्ताओं पर बोझ कम पड़ने के उद्देश्य से शहरी एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को क्रमशः 1.83 व 3.55 रुपए प्रति यूनिट सब्सिडी दे रही है. बिजली सब्सिडी मद में कुल 7801.00 करोड़ रुपये वहन करने का प्रावधान है. पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिहार के घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर बिजली मुहैया करायी जा रही है. बिहार में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकत्तम दर 6.22 रुपये प्रति यूनिट है. पश्चिम बंगाल में 9.22, यूपी में 6.50 व झारखण्ड में 6.25 रुपये प्रति यूनिट है.

"बिहार को सस्ती बिजली मिले इसके लिए न केवल राज्य सरकार ने तमाम सार्थक पहल किये हैं, बल्कि केन्द्र सरकार से विद्युत प्रक्षेत्र में कतिपय सुधारों हेतु अनुरोध भी किया है. बिहार ने केन्द्र सरकार से पूरे देश में 'वन नेशन वन टैरिफ' लागू करने की मांग की है. वर्तमान में बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा अनुमोदित टैरिफ दर राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी एवं उसके उपरांत लागू टैरिफ दर संलग्न है." -बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री

पटनाः बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया. बताया कि कुछ लोग इस संदर्भ में भ्रामक बयान दे रहे हैं, जिसे समझने की आवश्यकता है. बता दें कि जमुई सांसद चिराग पासवान ने बिहार में बढ़ रहे बिजली के दाम को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बिहार में का दर दूसरे राज्यों से अधिक है. चिराग के इसी बयान को लेकर ऊर्जा मंत्री ने जानकारी दी. कहा कि बिहार सरकार बिजली के क्षेत्र में असाधारण काम किया है. उसका अनुकरण पूरे देश में हो रहा है.

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NTPC से खरीदी जा रही बिजलीः बिहार में बिजली भारत सरकार के उपक्रम NTPC (National Thermal Power Corporation Limited) की से खरीदी जाती है. इन सभी उत्पादन इकाइयों से उत्पादित बिजली का दर केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग द्वारा तय किया जाता है. जिसपर क्रेता राज्यों अथवा विक्रेता उत्पादन इकाइयों का कोई नियंत्रण नहीं रहता. NTPC के इन इकाइयों से न केवल बिहार में बिजली खरीद की जा रही है, बल्कि अन्य राज्यों में भी बिजली की खरीद हो रही है.

कोयला खादानों से दूर होने से लागत अधिकः बिजली को लेकर किसी का भी इस प्रकार बयान देना निराधार है. जिस दर से दूसरे राज्य बिजली खरीदना बंद करते हैं, हमलोग वहां से खरीदते हैं. मंत्री ने यह भी बताया कि उनलोगों को इस संदर्भ में पूरी जानकारी रखनी चाहिए. प्रति यूनिट फिक्सड कॉस्ट की दर पुरानी इकाइयों की तुलना में लगभग 40-50% अधिक रहता है. कोयला खादानों से दूर होने के कारण NTPC की बिहार स्थित इकाइयों का ईंधन लागत भी अधिक रहता है. विगत वर्ष कोयले की कमी की से पूरे देश में बिजली की कमी हुई. जिस कारण केन्द्र सरकार द्वारा 10% आयातित कोयले के इस्तेमाल को बाध्यकारी बनाया गया है. इस कारण भी ईंधन लागत में वृद्धि हुई है.

अन्य राज्यों से कीमत कमः राज्य सरकार उपभोक्ताओं पर बोझ कम पड़ने के उद्देश्य से शहरी एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को क्रमशः 1.83 व 3.55 रुपए प्रति यूनिट सब्सिडी दे रही है. बिजली सब्सिडी मद में कुल 7801.00 करोड़ रुपये वहन करने का प्रावधान है. पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिहार के घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर बिजली मुहैया करायी जा रही है. बिहार में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकत्तम दर 6.22 रुपये प्रति यूनिट है. पश्चिम बंगाल में 9.22, यूपी में 6.50 व झारखण्ड में 6.25 रुपये प्रति यूनिट है.

"बिहार को सस्ती बिजली मिले इसके लिए न केवल राज्य सरकार ने तमाम सार्थक पहल किये हैं, बल्कि केन्द्र सरकार से विद्युत प्रक्षेत्र में कतिपय सुधारों हेतु अनुरोध भी किया है. बिहार ने केन्द्र सरकार से पूरे देश में 'वन नेशन वन टैरिफ' लागू करने की मांग की है. वर्तमान में बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा अनुमोदित टैरिफ दर राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी एवं उसके उपरांत लागू टैरिफ दर संलग्न है." -बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री

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