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मानसून सत्र का हुआ समापन, जानिए इस सत्र में क्या रहा खास

मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की. सरकार ने भी विपक्ष के सवालों का बखूबी जवाब दिया. चमकी बुखार, बाढ़, शिक्षा समेत कई ऐसे मुद्दे रहे जिसपर विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा.

बिहार विधानसभा
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Published : Jul 26, 2019, 7:40 PM IST

पटना: एक महीने मानसून सत्र चलने के बाद शुक्रवार को इसका समापन हो गया. खट्टे-मीठे नोक-झोंक के बीच अनिश्चित काल के लिए सत्र समाप्त करने की घोषणा कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने की. सदन में मानसून सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.

चमकी बुखार पर हुआ सदन में हंगामा
28 जून को शुरू हुए मॉनसून सत्र में सबसे ज्यादा हंगामा मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत के कारण हुआ. हालांकि इस मामले पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगले वर्षों में इस तरह की घटना न हो सरकार इसकी पूरी कोशिश कर रही है.

पटना से खास रिपोर्ट

बाढ़ को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा
बाढ़ के मुद्दे पर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. विरोधी दल के नेताओं की ओर से बाढ़ को मैन मेड डिजास्टर बताया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार तटबंधों को सुरक्षित रखने में असफल रही, जिसकी वजह से राज्य के तकरीबन 15 जिलों में बाढ़ आई है. सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और जमीनी सर्वे किया.

शिक्षा विभाग से हुए सबसे ज्यादा सवाल
सत्र में शिक्षा से जुड़े कई मसले उठाए गए. इस सत्र में सबसे ज्यादा सवाल शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग से जुड़े रहे. वित्त रहित कॉलेजों और नियोजित शिक्षकों को लेकर सत्ता और विपक्ष के सदस्य ने एकजुटता से शिक्षा मंत्री को घेरा. कई सदस्यों ने तो यहां तक कह दिया कि शिक्षा मंत्री की उनके विभाग के अधिकारी एक नहीं सुनते. हालांकि शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया.

नगर और ग्रामीण विकास पर भी हुई चर्चा
सदन में नगर विकास और ग्रामीण विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए. खासकर बारिश के कारण पटना की गलियों में जलजमाव की समस्या सदस्यों ने उठाया. पिछले कई सत्र की तरह इस सत्र में भी कचरा डंपिंग यार्ड को लेकर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा को सदस्यों ने जमकर घेरा. हालांकि सुरेश शर्मा ने डंपिंग यार्ड को 15 दिनों के अंदर गर्दनीबाग से हटाने की बात कही.

बीजेपी और सुशील मोदी पर किए तीखे सवाल
मानसून सत्र के दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 2 दिन ही सदन पहुंचे. वहीं राबड़ी देवी विधान परिषद में मुख्यमंत्री पर सीधा हमला करने से बचती दिखीं. इस सत्र में राजद के नेताओं ने बीजेपी और खासकर सुशील मोदी पर कई तीखे सवाल और इल्जाम लगाए. मानसून सत्र के अंतिम 2 दिनों में उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच काफी आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहा. जानकारों की मानें तो बिहार की राजनीति में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

पटना: एक महीने मानसून सत्र चलने के बाद शुक्रवार को इसका समापन हो गया. खट्टे-मीठे नोक-झोंक के बीच अनिश्चित काल के लिए सत्र समाप्त करने की घोषणा कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने की. सदन में मानसून सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.

चमकी बुखार पर हुआ सदन में हंगामा
28 जून को शुरू हुए मॉनसून सत्र में सबसे ज्यादा हंगामा मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत के कारण हुआ. हालांकि इस मामले पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगले वर्षों में इस तरह की घटना न हो सरकार इसकी पूरी कोशिश कर रही है.

पटना से खास रिपोर्ट

बाढ़ को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा
बाढ़ के मुद्दे पर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. विरोधी दल के नेताओं की ओर से बाढ़ को मैन मेड डिजास्टर बताया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार तटबंधों को सुरक्षित रखने में असफल रही, जिसकी वजह से राज्य के तकरीबन 15 जिलों में बाढ़ आई है. सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और जमीनी सर्वे किया.

शिक्षा विभाग से हुए सबसे ज्यादा सवाल
सत्र में शिक्षा से जुड़े कई मसले उठाए गए. इस सत्र में सबसे ज्यादा सवाल शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग से जुड़े रहे. वित्त रहित कॉलेजों और नियोजित शिक्षकों को लेकर सत्ता और विपक्ष के सदस्य ने एकजुटता से शिक्षा मंत्री को घेरा. कई सदस्यों ने तो यहां तक कह दिया कि शिक्षा मंत्री की उनके विभाग के अधिकारी एक नहीं सुनते. हालांकि शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया.

नगर और ग्रामीण विकास पर भी हुई चर्चा
सदन में नगर विकास और ग्रामीण विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए. खासकर बारिश के कारण पटना की गलियों में जलजमाव की समस्या सदस्यों ने उठाया. पिछले कई सत्र की तरह इस सत्र में भी कचरा डंपिंग यार्ड को लेकर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा को सदस्यों ने जमकर घेरा. हालांकि सुरेश शर्मा ने डंपिंग यार्ड को 15 दिनों के अंदर गर्दनीबाग से हटाने की बात कही.

बीजेपी और सुशील मोदी पर किए तीखे सवाल
मानसून सत्र के दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 2 दिन ही सदन पहुंचे. वहीं राबड़ी देवी विधान परिषद में मुख्यमंत्री पर सीधा हमला करने से बचती दिखीं. इस सत्र में राजद के नेताओं ने बीजेपी और खासकर सुशील मोदी पर कई तीखे सवाल और इल्जाम लगाए. मानसून सत्र के अंतिम 2 दिनों में उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच काफी आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहा. जानकारों की मानें तो बिहार की राजनीति में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

Intro:एक महीने मानसून सत्र चलने के बाद आज समापन हो गया।
खट्टे मीठे नोकझोंक के बीच अनिश्चित काल के लिए सत्र समाप्त करने की घोषणा आज कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने की।

सदन में मानसून सत्र के दौरान इन मुद्दों पर हुई गंभीर चर्चा।

28 जून को शुरू हुए मानसून सत्र में सबसे ज्यादा हंगामा मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत के कारण हुआ।
हालांकि इस मामले पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन के माध्यम से बिहार की जनता को आश्वस्त किया, कि अगले वर्षों में इस तरह का की घटना ना हो सरकार इसकी पूरी कोशिश कर रही है। बाढ़ के मुद्दे पर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ।
विरोधी दल के नेताओं द्वारा बाढ़ को मेन मेड डिजास्टर बताया।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार प्रतिबंधों को सुरक्षित रखने में असफल रही जिसकी वजह से राज्य के तकरीबन 15 जिलों में बाढ़ आई है। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और जमीनी सर्वे किया।


Body:सत्र में शिक्षा से जुड़े कई मसला उठाया गया। इस सत्र में सबसे ज्यादा सवाल शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग से जुड़े रहे। वित्त रहित कॉलेजों और नियोजित शिक्षकों को लेकर सत्ता और विपक्ष के सदस्य ने एकजुटता से शिक्षा मंत्री को घेरा। कई सदस्यों ने तो यहां तक कह दिया कि शिक्षा मंत्री कि उनके विभाग के अधिकारी एक नहीं सुनते। हालांकि शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।

सदन में नगर विकास और ग्रामीण विकास से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए। खासकर बारिस के कारण पटना के मोहल्लों में जलजमाव की समस्या सदस्य सदस्यों द्वारा उठाया गया। पिछले कई सत्र के की तरह इस सत्र में भी कचरा डंपिंग यार्ड को लेकर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा को सदस्यों ने जमकर घेरा। हालांकि सुरेश शर्मा ने डंपिंग यार्ड को 15 दिनों के अंदर गर्दनीबाग से हटाने की बात कही है।


Conclusion:गौरतलब है कि मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 2 दिन ही पहुंचे। वही रावडी देवी परिषद में मुख्यमंत्री पर सीधा हमला करने से बचती दिखी। हवा की राजद के नेताओं द्वारा बीजेपी और खास करके सुशील कुमार मोदी पर कई तीखे सवाल और इल्जाम लगाए गए।
मानसून सत्र के अंतिम 2 दिनों में उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच काफी आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहा। जानकारों की मानें तो बिहार की राजनीति में जल्दी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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