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रोजगार अधिकार महासम्मेलन में हजारों अभ्यर्थी हुए शामिल, सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा

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Published : Mar 9, 2022, 10:52 PM IST

नृत्य कला मंदिर में रोजगार अधिकार महासम्मेलन का आयोजन हुआ. इस मौके पर हजारों की तादाद में विभिन्न बहालियों के अभ्यर्थी शामिल हुए. रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह आयोजन हुआ. पढ़ें रिपोर्ट..

नृत्य कला मंदिर में आयोजन
नृत्य कला मंदिर में आयोजन

पटना: पटना के नृत्य कला मंदिर में रोजगार अधिकार महासम्मेलन (employment rights convention) का आयोजन हुआ. रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह आयोजन हुआ. यहां हजारों की तादाद में विभिन्न बहालियों के अभ्यर्थी शामिल हुए. इस रोजगार अधिकार महासम्मेलन में भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ, मनोज मंजिल, अजीत कुशवाहा और अमरजीत कुशवाहा भी शामिल हुए. बीते दिनों विभिन्न बहालियों को लेकर आंदोलन कर रहे युवाओं के संगठनों को एक मंच पर लाते हुए माले विधायक संदीप सौरव और मनोज मंजिल के प्रयासों से रोजगार संगत संयुक्त मोर्चा का गठन हुआ था. इस सम्मेलन में 24 से अधिक बहालियों के अभ्यर्थी शामिल हुए थे.

यह भी पढ़ें- विधानसभा में सरकार पर बरसे तेजस्वी, कहा- नौकरी देने का गलत आंकड़ा पेश कर रही सरकार

जल्द ज्वाइन करवाने की अपीलः सम्मेलन में शामिल हुए अभ्यर्थियों में एसटीईटी 2019, सांख्यिकी स्वयंसेवक, अनियोजित कार्यपालक सहायक, बीएसएससी 2014, फार्मासिस्ट, पारा मेडिकल, एसटीईटी 2011-12, रेलवे लाइब्रेरी बहाली के अभ्यर्थी, सिपाही बहाली 2009, ललित कला शिक्षक भर्ती, राजस्व एवं भूमि सुधार के वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थी, आईटीआई अनुदेशक जैसे विभिन्न लंबित पड़ी हुई बहाली के अभ्यर्थियों ने इस सम्मेलन में सरकार से अपील किया कि उन लोगों को जल्द ज्वाइन कराया जाए.

अचानक काम से हटा दिया गयाः भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि आज बिहार में कोई ऐसी बहाली नहीं है, जो बेहाल पड़ी हुई नहीं है. हर बहाली बेहाल है. ऐसे में इस सम्मेलन के माध्यम से डिमांड यही है कि बिहार में जो रोजगार का संकट है और सरकार की गलत नीतियों के चलते अलग-अलग बहालियां जिस प्रकार से लंबित पड़ी हुई हैं, सरकार तत्काल इसका संज्ञान ले. जो भी बहाली लंबित पड़ी हुई हैं उसके अभ्यर्थियों को अविलंब नियुक्ति करवाए. सांख्यिकी के बच्चों का एक पैनल बनाया गया और 1 साल काम पर भी रखा गया और बिना कोई कारण बताए सरकार ने अचानक काम से हटा दिया. अब इनके कार्यों को सरकार शिक्षकों से करवाने की कोशिश कर रही है और वह भी नहीं हो पा रहा है.

गलत आंका गया रकवाः इस बार बिहार में जो धान की खरीदारी हुई, उसमें जो रकवा का अंकन करना था, उसमें अधिकांश जगह रकवा गलत आंका गया है. यह गलती इसलिए हुई क्योंकि इतने महत्वपूर्ण काम के लिए एडहॉक के बेसिस पर लोगों को रख लिया गया था. अगर सांख्यिकी के सब लोग होते और इस काम को ढंग से करते तो ऐसा नहीं होता. किसानों को दिक्कत नहीं होती. आज सरकार जो युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है, उसका खामियाजा युवाओं को तो भुगतना ही पड़ रहा है, इसके साथ ही प्रदेश की पूरी जनता को भी भुगतना पड़ रहा है.

सरकार नहीं दे रही है नियुक्ति पत्रः उन्होंने कहा, स्कूलों में शिक्षक नहीं है अस्पताल में पारा मेडिकल और फार्मासिस्ट नहीं हैं. ब्लॉक में कर्मचारी नहीं हैं. ऐसे में बिहार की जनता को प्रदेश में हर जगह परेशान होना पड़ रहा है. सरकार जो न्याय के साथ विकास करने की बात करती है, वह तब तक संभव नहीं है, जब तक युवाओं को उनके हक का रोजगार नहीं मिल जाता. कई बहालियां ऐसी हैं, जिनमें अभ्यर्थी कोर्ट से भी जीत चुके हैं. हर पक्ष अभ्यर्थियों के साथ है, लेकिन बावजूद इसके सरकार कोई ना कोई अड़ंगा लगाकर नियुक्ति पत्र नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि इस रोजगार अधिकार सम्मेलन में जिन 24 से अधिक बहालियों के अभ्यर्थी आए हुए हैं, यदि इनका आकलन किया जाए, तो इनकी संख्या लगभग 4 से 5 लाख के करीब है. इन बहालियों को दुरुस्त किया जाए तो एक बार में ही लगभग 5 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा, यह सभी क्वालिफाइड अभ्यर्थी हैं.

अभ्यर्थी करेंगे प्रदर्शनः विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से एक मांग पत्र तैयार किया जा रहा है. यह मांग पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा जाएगा. इसके बाद भी युवाओं के रोजगार की दिशा में सरकार ने कुछ प्रयास नहीं किया तो अब युवाओं की भीड़ पटना में नहीं लगेगी, बल्कि हर जिले के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर विभिन्न लंबित बहाली के अभ्यर्थी प्रदर्शन करेंगे और अपना विरोध जताएंगे.

क्वालिफाई होने के बावजूद नहीं मिल रही नौकरीः प्रदर्शन में शामिल हुए एसटीईटी 2011 के अभ्यर्थी ओम प्रकाश कुमार ने बताया कि 2011 में उन्होंने एसटीईटी क्वालिफाई किया था. उस समय सरकार ने कहा कि जो क्वालिफाइड अभ्यर्थी अनट्रेंड हैं यानी कि बीएड नहीं किए हुए हैं. वह जब ट्रेनिंग कर लेंगे तब उन्हें नौकरी दी जाएगी. उन्होंने 2015 में ट्रेनिंग भी पूरी कर ली, लेकिन अभी तक वह दर-बदर भटक रहे हैं और उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिल रहा है. प्रदेश में शिक्षकों के काफी पद खाली हैं, लेकिन उनके एसटीईटी क्वालिफाई होने और ट्रेनिंग करने के बावजूद नौकरी नहीं मिल रही. इस मामले में सरकार कोई संज्ञान लेती नजर नहीं आ रही है, जिससे वह काफी परेशान हैं. वह चाहते हैं कि सरकार जल्द उन्हें नियुक्ति पत्र दे.

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पटना: पटना के नृत्य कला मंदिर में रोजगार अधिकार महासम्मेलन (employment rights convention) का आयोजन हुआ. रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह आयोजन हुआ. यहां हजारों की तादाद में विभिन्न बहालियों के अभ्यर्थी शामिल हुए. इस रोजगार अधिकार महासम्मेलन में भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ, मनोज मंजिल, अजीत कुशवाहा और अमरजीत कुशवाहा भी शामिल हुए. बीते दिनों विभिन्न बहालियों को लेकर आंदोलन कर रहे युवाओं के संगठनों को एक मंच पर लाते हुए माले विधायक संदीप सौरव और मनोज मंजिल के प्रयासों से रोजगार संगत संयुक्त मोर्चा का गठन हुआ था. इस सम्मेलन में 24 से अधिक बहालियों के अभ्यर्थी शामिल हुए थे.

यह भी पढ़ें- विधानसभा में सरकार पर बरसे तेजस्वी, कहा- नौकरी देने का गलत आंकड़ा पेश कर रही सरकार

जल्द ज्वाइन करवाने की अपीलः सम्मेलन में शामिल हुए अभ्यर्थियों में एसटीईटी 2019, सांख्यिकी स्वयंसेवक, अनियोजित कार्यपालक सहायक, बीएसएससी 2014, फार्मासिस्ट, पारा मेडिकल, एसटीईटी 2011-12, रेलवे लाइब्रेरी बहाली के अभ्यर्थी, सिपाही बहाली 2009, ललित कला शिक्षक भर्ती, राजस्व एवं भूमि सुधार के वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थी, आईटीआई अनुदेशक जैसे विभिन्न लंबित पड़ी हुई बहाली के अभ्यर्थियों ने इस सम्मेलन में सरकार से अपील किया कि उन लोगों को जल्द ज्वाइन कराया जाए.

अचानक काम से हटा दिया गयाः भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि आज बिहार में कोई ऐसी बहाली नहीं है, जो बेहाल पड़ी हुई नहीं है. हर बहाली बेहाल है. ऐसे में इस सम्मेलन के माध्यम से डिमांड यही है कि बिहार में जो रोजगार का संकट है और सरकार की गलत नीतियों के चलते अलग-अलग बहालियां जिस प्रकार से लंबित पड़ी हुई हैं, सरकार तत्काल इसका संज्ञान ले. जो भी बहाली लंबित पड़ी हुई हैं उसके अभ्यर्थियों को अविलंब नियुक्ति करवाए. सांख्यिकी के बच्चों का एक पैनल बनाया गया और 1 साल काम पर भी रखा गया और बिना कोई कारण बताए सरकार ने अचानक काम से हटा दिया. अब इनके कार्यों को सरकार शिक्षकों से करवाने की कोशिश कर रही है और वह भी नहीं हो पा रहा है.

गलत आंका गया रकवाः इस बार बिहार में जो धान की खरीदारी हुई, उसमें जो रकवा का अंकन करना था, उसमें अधिकांश जगह रकवा गलत आंका गया है. यह गलती इसलिए हुई क्योंकि इतने महत्वपूर्ण काम के लिए एडहॉक के बेसिस पर लोगों को रख लिया गया था. अगर सांख्यिकी के सब लोग होते और इस काम को ढंग से करते तो ऐसा नहीं होता. किसानों को दिक्कत नहीं होती. आज सरकार जो युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है, उसका खामियाजा युवाओं को तो भुगतना ही पड़ रहा है, इसके साथ ही प्रदेश की पूरी जनता को भी भुगतना पड़ रहा है.

सरकार नहीं दे रही है नियुक्ति पत्रः उन्होंने कहा, स्कूलों में शिक्षक नहीं है अस्पताल में पारा मेडिकल और फार्मासिस्ट नहीं हैं. ब्लॉक में कर्मचारी नहीं हैं. ऐसे में बिहार की जनता को प्रदेश में हर जगह परेशान होना पड़ रहा है. सरकार जो न्याय के साथ विकास करने की बात करती है, वह तब तक संभव नहीं है, जब तक युवाओं को उनके हक का रोजगार नहीं मिल जाता. कई बहालियां ऐसी हैं, जिनमें अभ्यर्थी कोर्ट से भी जीत चुके हैं. हर पक्ष अभ्यर्थियों के साथ है, लेकिन बावजूद इसके सरकार कोई ना कोई अड़ंगा लगाकर नियुक्ति पत्र नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि इस रोजगार अधिकार सम्मेलन में जिन 24 से अधिक बहालियों के अभ्यर्थी आए हुए हैं, यदि इनका आकलन किया जाए, तो इनकी संख्या लगभग 4 से 5 लाख के करीब है. इन बहालियों को दुरुस्त किया जाए तो एक बार में ही लगभग 5 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा, यह सभी क्वालिफाइड अभ्यर्थी हैं.

अभ्यर्थी करेंगे प्रदर्शनः विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से एक मांग पत्र तैयार किया जा रहा है. यह मांग पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा जाएगा. इसके बाद भी युवाओं के रोजगार की दिशा में सरकार ने कुछ प्रयास नहीं किया तो अब युवाओं की भीड़ पटना में नहीं लगेगी, बल्कि हर जिले के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर विभिन्न लंबित बहाली के अभ्यर्थी प्रदर्शन करेंगे और अपना विरोध जताएंगे.

क्वालिफाई होने के बावजूद नहीं मिल रही नौकरीः प्रदर्शन में शामिल हुए एसटीईटी 2011 के अभ्यर्थी ओम प्रकाश कुमार ने बताया कि 2011 में उन्होंने एसटीईटी क्वालिफाई किया था. उस समय सरकार ने कहा कि जो क्वालिफाइड अभ्यर्थी अनट्रेंड हैं यानी कि बीएड नहीं किए हुए हैं. वह जब ट्रेनिंग कर लेंगे तब उन्हें नौकरी दी जाएगी. उन्होंने 2015 में ट्रेनिंग भी पूरी कर ली, लेकिन अभी तक वह दर-बदर भटक रहे हैं और उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिल रहा है. प्रदेश में शिक्षकों के काफी पद खाली हैं, लेकिन उनके एसटीईटी क्वालिफाई होने और ट्रेनिंग करने के बावजूद नौकरी नहीं मिल रही. इस मामले में सरकार कोई संज्ञान लेती नजर नहीं आ रही है, जिससे वह काफी परेशान हैं. वह चाहते हैं कि सरकार जल्द उन्हें नियुक्ति पत्र दे.

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