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अनोखा हाथी प्रेम: अख्तर इमाम ने 'मोती-रानी' के नाम की 5 करोड़ की संपत्ति

पटना के अख्तर इमाम अपने दोनों हाथियों को परिवार का सदस्य मानते हैं. वे बच्चों की तरह उन्हें खिलाते, नहलाते और पुचकारते हैं. यह प्रेम इन दिनों इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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Published : Jun 9, 2020, 1:58 PM IST

पटना: केरल में हाथी के साथ हुई दर्दनाक घटना से हर कोई मर्माहत है. इस वाकये के बाद मानवता पर भी सवाल उठने लगे हैं. लेकिन इस बीच राजधानी से एक ऐसे हाथी प्रेमी की कहानी सामने आई है जिसने अपने जीवनभर की सारी संपत्ति अपने हाथियों के नाम कर दी है.

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परिवार के सदस्य की तरह रहता है हाथी

पटना से सटे जानीपुर के रहने वाले अख्तर इमाम को हाथियों से बड़ा प्यार है. 12 साल की उम्र से ही वे निस्वार्थ भाव से हाथियों की सेवा करते आ रहे हैं. अख्तर इमाम की मानें तो मोती और रानी (हाथियों के नाम) उनके लिए उनके परिवार से बढ़कर है. इसलिए उन्होंने मोती और रानी के नाम सारी प्रॉपर्टी लिख दी है. अख्तर की इस पहल से परिवार वाले काफी नाराज हैं.

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हाथी की सेवा करता अख्तर इमाम

अख्तर इमाम ऐसे बने हाथियों के साथी
हाथियों के साथी अख्तर इमाम (50) बताते हैं कि हाथियों के साथ उनके प्रेम के पीछे अनोखी कहानी है. दरअसल, कई साल पहले उन पर जानलेवा हमला हुआ था. उस दौरान हाथियों ने उन्हें बचाया. अख्तर ने बताया कि जब एक बार पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश उनके कमरे की तरफ बढ़ने लगे तो हाथी उसे देखकर चिंघाड़ने लगा. इसी बीच उनकी नींद खुल गई और उन्होंने शोर मचाया तो बदमाश भाग निकले.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

परिवार ने छोड़ा साथ
अख्तर की कहानी काफी दर्दनाक है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे हाथी तस्कर के साथ मिल गए थे और उन्हें जेल भिजवा दिया. हालांकि, बाद में वे छूट गए. लेकिन, इस घटना के बाद उन्होंने अपने परिवार को छोड़ दिया. बीते 10 सालों से वे अपनी बीवी और बच्चों से अलग रह रहे हैं.

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अख्तर इमाम का अनूठा हाथी प्रेम

सालों से कर रहे हाथियों की सेवा
मौजूदा समय में अख्तर एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक हैं. अपने स्तर से वे हाथी तस्करों के खिलाफ लड़ाई भी लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि इसके लिए उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है. लेकिन, इसके बावजूद वे हाथियों की रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करते हैं.

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बच्चे की तरह करते हैं हाथी की सेवा

हाथियों के नाम की 5 करोड़ की प्रॉपर्टी
हाल ही में केरल में हुई घटना के बाद अख्तर काफी दुखी हुए. ऐसे में उन्होंने हाथियों के नाम तकरीबन 5 करोड़ की जायदाद लिख दी ताकि उनके मरने के बाद मोती और रानी लावारिस न हो जाए. अख्तर का कहना है कि अगर दोनों हाथियों की मौत हो जाती है तो यह जायदाद एरावत संस्था को चली जाएगी.

पटना: केरल में हाथी के साथ हुई दर्दनाक घटना से हर कोई मर्माहत है. इस वाकये के बाद मानवता पर भी सवाल उठने लगे हैं. लेकिन इस बीच राजधानी से एक ऐसे हाथी प्रेमी की कहानी सामने आई है जिसने अपने जीवनभर की सारी संपत्ति अपने हाथियों के नाम कर दी है.

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परिवार के सदस्य की तरह रहता है हाथी

पटना से सटे जानीपुर के रहने वाले अख्तर इमाम को हाथियों से बड़ा प्यार है. 12 साल की उम्र से ही वे निस्वार्थ भाव से हाथियों की सेवा करते आ रहे हैं. अख्तर इमाम की मानें तो मोती और रानी (हाथियों के नाम) उनके लिए उनके परिवार से बढ़कर है. इसलिए उन्होंने मोती और रानी के नाम सारी प्रॉपर्टी लिख दी है. अख्तर की इस पहल से परिवार वाले काफी नाराज हैं.

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हाथी की सेवा करता अख्तर इमाम

अख्तर इमाम ऐसे बने हाथियों के साथी
हाथियों के साथी अख्तर इमाम (50) बताते हैं कि हाथियों के साथ उनके प्रेम के पीछे अनोखी कहानी है. दरअसल, कई साल पहले उन पर जानलेवा हमला हुआ था. उस दौरान हाथियों ने उन्हें बचाया. अख्तर ने बताया कि जब एक बार पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश उनके कमरे की तरफ बढ़ने लगे तो हाथी उसे देखकर चिंघाड़ने लगा. इसी बीच उनकी नींद खुल गई और उन्होंने शोर मचाया तो बदमाश भाग निकले.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

परिवार ने छोड़ा साथ
अख्तर की कहानी काफी दर्दनाक है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे हाथी तस्कर के साथ मिल गए थे और उन्हें जेल भिजवा दिया. हालांकि, बाद में वे छूट गए. लेकिन, इस घटना के बाद उन्होंने अपने परिवार को छोड़ दिया. बीते 10 सालों से वे अपनी बीवी और बच्चों से अलग रह रहे हैं.

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अख्तर इमाम का अनूठा हाथी प्रेम

सालों से कर रहे हाथियों की सेवा
मौजूदा समय में अख्तर एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक हैं. अपने स्तर से वे हाथी तस्करों के खिलाफ लड़ाई भी लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि इसके लिए उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है. लेकिन, इसके बावजूद वे हाथियों की रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करते हैं.

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बच्चे की तरह करते हैं हाथी की सेवा

हाथियों के नाम की 5 करोड़ की प्रॉपर्टी
हाल ही में केरल में हुई घटना के बाद अख्तर काफी दुखी हुए. ऐसे में उन्होंने हाथियों के नाम तकरीबन 5 करोड़ की जायदाद लिख दी ताकि उनके मरने के बाद मोती और रानी लावारिस न हो जाए. अख्तर का कहना है कि अगर दोनों हाथियों की मौत हो जाती है तो यह जायदाद एरावत संस्था को चली जाएगी.

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