पटना : बिहार में गर्मी रुला रही है. इस बढ़ती गर्मी में बिजली विभाग की भी हालत बदतर हो गई है. इसी कड़ी में भीषण गर्मी में बिजली की मांग में भारी इजाफा हुआ है. इस वर्ष पीक आवर में बिजली की मांग बढ़कर अपने उच्चतम स्तर 6983 मेगावाट तक पहुंच गई. इसके साथ ही पिछले साल बिहार में बिजली की सर्वाधिक 6738 मेगावाट की मांग का रिकॉर्ड भी टूट गया. गुरुवार को रात 9 बजकर 11 मिनट पर बिजली की मांग 6983 मेगावाट हो गई. जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
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भीषण गर्मी और लू के कारण बिजली की मांग बढ़ी : ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने बताया कि बिजली विभाग ने आधारभूत संरचना को इतना मजबूत बनाया गया है. यही वजह है कि सूबे में पीक डिमांड को पूरा करने में हम सक्षम हैं. अधिकतर जिलों में भीषण गर्मी और लू के कारण बिजली की मांग बढ़ी है. इसके बावजूद गुरुवार की रात को पीक डिमांड को बिना बिजली काटे पूरा किया गया.
इंजीनियरों को सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए गए: उन्होंने कहा कि हम राज्य में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में सफल रहे हैं. अधिकतर जिलों में भीषण गर्मी और लू के कारण बिजली की मांग बढ़ी है. ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की मांग बढ़ने से कुल मांग में इजाफा हुआ है.बिजली उपकरणों पर लगातार बढ़ रहे दबाव को देखते हुए इंजीनियरों को सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं.
पीक डिमांड को ध्यान में रखकर हो रहा काम: उन्होंने कहा कि राज्य में उपकेंद्रों की संख्या 1232 है. आने वाले समय में उपकेंद्रों को बढ़ाने पर काम हो रहा है. केंद्रीय इकाईयों से पर्याप्त बिजली मिल रही है. भविष्य में बिहार में पीक डिमांड को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है. बिहार के 1.92 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को गर्मी में कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए हमारी तैयारी पूरी है.
"बिजली विभाग ने आधारभूत संरचना को इतना मजबूत बनाया गया है. यही वजह है कि सूबे में पीक डिमांड को पूरा करने में हम सक्षम हैं.राज्य में उपकेंद्रों की संख्या 1232 है. बिहार के 1.92 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को गर्मी में कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए हमारी तैयारी पूरी है. जहां कहीं पर बिजली कट हो रही है."- संजीव हंस, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव