पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सरकार द्वारा दिए गए काम करने के बदले कई जिलों में ठेकेदारों ने बढ़ा-चढ़ाकर बिल दे दिया था. चुनाव आयोग ने शिकायत मिलने पर बिल की जांच करने का आदेश दिया था. इस आदेश के जारी हुए करीब 2 सप्ताह हो गए. प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 दिन बाद निर्वाचन विभाग के अधिकारी सभी जिलों से फीडबैक लेंगे. मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास चुनावी खर्च और बिल भुगतान की समीक्षा करेंगे.
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आयोग द्वारा सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि बिल की जांच कर अविलंब भुगतान किया जाए. आयोग ने निर्देश में कहा था किसी भी ठेकेदार को भुगतान करने में परेशान न किया जाए, इसकी भी निगरानी हो. गौरतलब है कि कई ठेकेदारों (जो विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी कार्य किए थे) ने बिल भुगतान नहीं होने के बाद चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचकर शिकायत की थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने सभी जिलों को जल्द बिल भुगतान करने का निर्देश दिया था.
कोरोना के चलते बढ़ा खर्च
कोविड-19 के बीच विधानसभा चुनाव में 50% बूथ बढ़ाए गए थे. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मेडिकल किट बांटे गए थे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए अतिरिक्त गाड़ियां और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल लगाए गए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां राज्य में करीब 140 बटालियन केंद्रीय बल तैनात थे. वहीं, बीते विधानसभा चुनाव में 1200 बटालियन केंद्रीय बल की तैनाती की गई थी.
इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हुए होंगे. हालांकि खर्च का आकलन जारी है और अभी पूरे खर्च का आंकड़ा आने में वक्त लगेगा. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में 535 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.