पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से अपना पांव पसार रहा है. राजधानी पटना में भी कोरोना संक्रमण ने विस्फोटक रूप अपना लिया है. बिहार में इस वक्त सबसे बड़ी समस्या अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की है. इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है और क्षेत्र में काम कर रही है. बता दें कि बिहार सरकार ने ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी 2021 को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. जिसके तहत बिहार में अब ऑक्सीजन के नए प्लांट लग सकेंगे.
ऑक्सीजन की ना हो समस्या
बिहार सरकार के उद्योग विभाग के मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार सरकार का प्रयास है कि किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की समस्या ना हो, इसके लिए कई ऐसे प्लांट जो बंद पड़े थे, उन्हें भी सुचारू रूप से शुरू किया गया.
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ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना
ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी 2021 के तहत जो भी ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे, उन्हें ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना करने में मशीनरी पर अधिकतम 30 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. इसमें क्रायोजेनिक ऑक्सीजन संयंत्र, तरलीकृत मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन केंद्रित और सहायक उपकरण और ऑक्सीजन लॉजिस्टिक इकाइयों पर भी 30 फीसदी सब्सिडी प्लांट मशीनरी की लागत पर मिलेगी.
ऑक्सीजन के उत्पादन में वृद्धि
इस नीति का उद्देश्य राज्य में ऑक्सीजन निर्माण उद्योग को विकसित करना है. ताकि कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए हमें सुविधा मिले और बिहार में ऑक्सीजन के उत्पादन में वृद्धि हो. प्लांट लगाने वालों को कैपिटल सब्सिडी भी अधिकतम 25 करोड़ तक की होगी. 30 सितंबर तक स्टेज-1 क्लीयरेंस के लिए आवेदन करना होगा. आवेदन करने के 5 महीने के अंदर स्टेज-2 क्लीयरेंस मिल जाएगा और उद्यमी कैपिटल सब्सिडी का लाभ हासिल कर सकेंगे.
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साथ ही मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के लिए बनी नीति के तहत स्टांप ड्यूटी और लैंड कन्वर्जन फीस में उद्यमियों को 100 फीसदी की छूट दी जाएगी. इस नीति के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र इकाइयों को स्टेज-1 के लिए 31.9.2021 तक आवेदन देना होगा. यह नीति 31 मार्च 2025 तक परिचालन में रहेगी.
आठ रिफलिंग प्लांट किया गया शुरू
वहीं उधोग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार में पहले केवल 11 ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट चल रहे थे. जिस तरीके से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही थी और ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ रही थी. इसको देखते हुए पिछले 2 सप्ताह में विशेष प्रयास करके 8 रिफलिंग प्लांट को ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने के लिए शुरू किया गया.
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पटना में चार, बेगूसराय में दो, औरंगाबाद में दो, भागलपुर में दो, मुजफ्फरपुर में दो, नालंदा, गया ,दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, गोपालगंज और समस्तीपुर में एक संचालित हैं. समस्तीपुर में एक नया प्लांट भी 1 से 2 दिनों में संचालित हो जाएगा. इसके अतिरिक्त एम्स पटना, महावीर कैंसर संस्थान, ईएसआईसी बिहटा, पारस हॉस्पिटल पटना में विभिन्न क्षमता के एलएमओ संग्रह के लिए क्रायोजेनिक टैंक संधारित है.
लगातार कार्य कर रही सरकार
सरकार का प्रयास है कि बिहार में ऑक्सीजन की कमी ना हो और किसी भी मरीज को ऑक्सीजन के चलते समस्या ना हो. इसके लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है. केंद्र सरकार से भी जल्द ही बिहार को ऑक्सीजन उपलब्ध होगा. हमारा पूरा प्रयास है कि हम मजबूती से इस कोरोना संक्रमण से लड़ेंगे और जीत भी हासिल करेंगे.