पटना: देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूरे देशभर में लॉकडाउन का समय 3 मई तक बढ़ा दिया है. इस लॉकडाउन की स्थिति में आपातकालीन सेवा छोड़कर बाकी सभी तरह की दुकानों को सरकार ने बंद रखने का आदेश दिया है. इससे उन लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है जो हर दिन कमाते थे और परिवार का भरण पोषण करते थे.
दाने-दाने को मोहताज
लॉकडाउन की वजह से सारा रोजगार बंद हो चुका है. लोग दाने-दाने के लिए मोहताज हैं. काम बंद होने के बाद अब मैकेनिक सरकार की तरफ देख रहे हैं, कि सरकार शायद उनकी मदद करें. कोरोना इफेक्ट को लेकर लॉकडाउन का बिहार में 25वां दिन है. इस दौरान इन मैकेनिकों का हालचाल जानने ईटीवी भारत की टीम उनके पास पहुंची.
क्या कहते हैं मोटर मैकेनिक
इस बारे में पटना में रहकर मोटर मैकेनिक का काम करने वाले मोहम्मद शौकत अंसारी ने बताया कि पहले की जो भी जमा पूंजी थी उसी से हमारा घर चल रहा था. लेकिन अब वह भी समाप्त हो चुका है. हम लोग घरों में बैठकर सरकार की सहायता का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन अभी तक हमें कोई सहायता नहीं मिली है.
शौकत अंसारी बताते हैं कि वे वैशाली जिले के रहने वाले हैं. उनका राशन कार्ड वैशाली का है, लेकिन वे पटना में मोटर मैकेनिक का काम करते हैं और लॉकडाउन की वजह से वे सभी यहां फंसे हुए हैं. पटना का उनके पास कोई राशन कार्ड भी नहीं है कि उन्हें राशन मिल सके.
सरकार के फैसले का करते हैं सम्मान
शौकत ने बताया कि सरकार ने कोरोना संक्रमण के लिए जो भी निर्णय लिया है वह उनका सम्मान करते हैं. सरकार के निर्णय पर ही उन्होंने अपनी दुकान बंद कर रखी है. सरकार ने जो भी कुछ किया है देश के लोगों के लिए ही किया है. लेकिन सरकार को हम लोगों पर भी ध्यान देना चाहिए. हम जैसे लोगों के लिए सरकार उचित व्यवस्था करनी चाहिए.
सरकार से मदद की उम्मीद
बता दें कि राजधानी पटना में वाहन मैकेनिकों की संख्या 3,500 से अधिक हैं. इनका घर रोज की कमाई से चलता है. लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद अब इनकी परेशानी भी बढ़ गई है. ऐसे में इन्हें सरकार से मदद की उम्मीद है. खाद्यान्न के साथ अन्य जरूरी सामानों की भी इन्हें जरूरत है ताकि यह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.