पटना: सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम योजना (Agnipath Scheme Protest) के खिलाफ देश भर में उग्र प्रदर्शन किया गया. बिहार में विपक्षी पार्टियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को समर्थन देते हुए बिहार बंद की घोषणा की. शनिवार को पटनासिटी इलाके में बिहार बंद के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. सुबह से ही सड़कों पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए थे. स्टेशन से लेकर प्रमुख मार्केट को छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
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छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील: सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का कहना है कि स्टेशन से लेकर प्रमुख मार्केट और चौक चौराहे पर सुबह से ही नजर रखी जा रही है. उनका कहना है कि प्रदर्शनकारी छात्र शांति बनाए रखे. यदि कोई समस्या है तो लिखित में दिया जाए. जिससे उनकी बात केन्द्र सरकार तक पहुंचाया (Agnipath Scheme Controversy) जा सके. इधर, रेलवे स्टेशन पर भी जीआरपी पुलिस ने चाक चौबंद व्यवस्था की थी. यात्रियों पर विशेष नजर रखा गया था.
'अग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.
क्या है 'अग्निपथ' योजना : आइये जानते है कि आखिर क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme) केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.