पटना. शपथ लेने के 71 घंटे बाद बिहार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को भारी हंगामे के बीच शिक्षा विभाग का पदभार संभाला. लेकिन 3 घंटे बाद ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. दरअसल, पिछले 2 दिनों से लगातार मेवालाल चौधरी को लेकर बिहार में सियासी बवाल मचा हुआ था. आरजेडी लगातार नीतीश कुमार पर हमला कर रहा था.
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Bihar Education Minister Mewa Lal Choudhary resigns. pic.twitter.com/Uo8K5bbIHB
— ANI (@ANI) November 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Bihar Education Minister Mewa Lal Choudhary resigns. pic.twitter.com/Uo8K5bbIHB
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वहीं इस मसले पर मेवालाल चौधरी ने कहा था कि मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो खुद आरोपी है, जेल के दरवाजे पर खड़ा है और दूसरा जेल के अंदर है. अगर ऐसे लोग मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं तो मेरे पास बोलने के लिए फिर कुछ नहीं है.
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An accusation is proven only when a charge sheet is filed or a court gives an order and none of the two is there to prove the allegations against me: Mewa Lal Choudhary, Bihar Education Minister on corruption charges levelled against him pic.twitter.com/Vy4yCPNQma
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मेवालाल पर क्या है आरोप?
दरअसल, 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपलेबाजी करने का आरोप है. उनके ऊपर कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली करने का आरोप है. बकायदा तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. इसके अलावा उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप है.