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प्रश्नपत्र में कश्मीर को अलग देश बताया : शिक्षा मंत्री बोले- 'दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई'

बिहार के किशनगंज में कक्षा सातवीं की परीक्षा के अंग्रेजी के पेपर में एक सवाल (question paper terms Kashmir as separate country) पर हंगामा मच गया. सवाल में कश्मीर को अलग देश बताया गया है. जिसके बाद बिहार की नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. हालांकि बिहार के शिक्षा मंत्री ने माना है कि जो प्रश्न पूछा गया है वो गलत है. पढ़ें पूरी खबर

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
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Published : Oct 19, 2022, 2:22 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 6:40 PM IST

पटना: बिहार के किशनगंज में सातवीं कक्षा (वर्ग) के अर्धवार्षिक परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न पत्र (bihar exam asks about kashmir in Kishanganj) में पूछे गए एक सवाल को लेकर बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. यह मामला किशनगंज का है, जहां कश्मीर को अलग देश बताते हुए एक प्रश्न पूछा गया. उसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. हालांकि जब सियासी हंगामा मचा तो बिहार के शिक्षा मंत्री ने गलती मानी और कहा कि जो सवाल पूछा गया है वो गलत है. इस मामले में जिलाधिकारी को जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. वहीं, इस मामले में अररिया के प्रिंटिंग प्रेस को भी शो-कॉज जारी किया गया है.

ये भी पढ़ें: किशनगंज प्रश्न पत्र मामले पर बोली कांग्रेस, अलगाववादी ताकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

'दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी': बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि इस मामले को हम देख रहे हैं जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है और जिस तरह के प्रश्न पत्र पूछे गए थे कश्मीर को लेकर वह पूरी तरह से गलत है. हम मानते हैं कि कश्मीर हमारे देश का अभिन्न अंग है और इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.

''गलती हुई है. लेकिन आखिर गलती किन कारणों से हुई, वो भी जांच की जाएगी और जो भी दोषी अधिकारी होंगे उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, उनसे भी गलती होती है. उस पर भी आप ध्यान दीजिए. वह तक्षशिला विश्वविद्यालय को भारत में बताते हैं वह विक्रमशिला के बदले तक्षशिला विश्वविद्यालय बोलते हैं, तो गलती उनसे भी हुई, जबकि तक्षशिला पाकिस्तान में है. गलती किसी से भी हो सकती है. लेकिन जिस तरह की गलती सीमांचल में प्रश्न पत्र पर कश्मीर को लेकर की गई है उस गलती को हमने देखा है और वहां के जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है, जांच हो रहा है. इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी होंगे उस पर विभाग कार्रवाई करेगा.'' - चंद्रशेखर, बिहार के शिक्षा मंत्री

स्कूल ने बताया मानवीय गलती: जानकारी के अनुसार यह प्रश्न पत्र जिला स्तर पर ही सेट किया गया था जो छात्रों से पूछा गया है. हालांकि स्कूल प्रशासन ने भी इस गलती पर सफाई दी है. स्कूल के हेड टीचर एस के दास ने कहा कि ''सरकारी स्कूल के लिए पेपर बिहार एजुकेशन बोर्ड की तरफ से सेट किया गया था. असल सवाल था कि कश्मीर के लोगों को क्या कहा जाता है? लेकिन मानवीय गलती के कारण पेपर में गलत छप गया.''

संजय जायसवाल का फेसबुक पोस्ट: प्रश्न पत्र के सामने आने के बाद भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेडीयू और आरजे़डी के गठबंधन को पीएफआई का समर्थक बता दिया. भाजपा के अध्यक्ष ने अपने फेसबुक पर प्रश्नपत्र की प्रति पोस्ट मंगलवार को की, हालांकि रात में उस पोस्ट को हटा दिया. बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जायसवाल ने एक बार फिर प्रश्नपत्र की कॉपी पोस्ट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है.

''फेसबुक ने मेरे एक पोस्ट को भारत सरकार के नियमों के विरुद्ध माना और मैंने उस पोस्ट को हटा दिया. लेकिन बिहार सरकार अभी भी चुप है. दूसरे देशों में रहने वालों को क्या कहा जाता है, भारत में रहने वालों को क्या कहा जाता है और कश्मीर में रहने वालों को क्या कहा जाता है, यह प्रश्न अपने आप में बताता है कि बिहार सरकार के अफसर मानते हैं कि नेपाल, इंग्लैंड, चीन और भारत की तरह कश्मीर भी एक अलग देश है.'' - संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

क्या है पूरा मामला?: किशनगंज जिले में सरकारी स्कूल में सातवीं कक्षा के अर्धवार्षिक परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया जिसे देखकर सभी हैरान हैं. बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों के कक्षा 7 के प्रश्न पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं (What Are The People Of Kashmir Called) है, बल्कि एक अलग देश (Kashmir Separate Nation In Kishanganj School Exam) है. छात्रों से परीक्षा में यह प्रश्न पूछा गया कि पांच देशों- चीन, नेपाल, इंग्लैंड, कश्मीर और भारत के लोगों को क्या कहा जाता है.

कश्मीर को बताया अगल राष्ट्र: बता दें कि जिले के माध्यमिक विद्यालयों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत परीक्षा आयोजित की जा रही है. जो राज्य में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) द्वारा देखी जाती है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है, इससे पूर्व 2017 में भी इस तरह का मामला प्रकाश में आया था और इसी प्रश्न को तब भी पूछा गया था. तब काफी हाय तौबा मची थी और मानवीय भूल बताया गया था.

पहले भी हो चुके हैं इस तरह के कारनामे: इस पूरे मामले पर आशा लता मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए और शिक्षक द्वार भी इस तरह की भूल का बार-बार होना सही नहीं है. एक शिक्षक ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद बीजेपी के नेता गर्म हैं. भाजपा जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि 'कश्मीर के लिए भारत के कितनी मां की गोद सूनी हो चुकी है और एक साजिश के तहत बिहार में इस तरह का कृत्य किया जा रहा है.'

पटना: बिहार के किशनगंज में सातवीं कक्षा (वर्ग) के अर्धवार्षिक परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न पत्र (bihar exam asks about kashmir in Kishanganj) में पूछे गए एक सवाल को लेकर बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. यह मामला किशनगंज का है, जहां कश्मीर को अलग देश बताते हुए एक प्रश्न पूछा गया. उसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. हालांकि जब सियासी हंगामा मचा तो बिहार के शिक्षा मंत्री ने गलती मानी और कहा कि जो सवाल पूछा गया है वो गलत है. इस मामले में जिलाधिकारी को जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. वहीं, इस मामले में अररिया के प्रिंटिंग प्रेस को भी शो-कॉज जारी किया गया है.

ये भी पढ़ें: किशनगंज प्रश्न पत्र मामले पर बोली कांग्रेस, अलगाववादी ताकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

'दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी': बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि इस मामले को हम देख रहे हैं जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है और जिस तरह के प्रश्न पत्र पूछे गए थे कश्मीर को लेकर वह पूरी तरह से गलत है. हम मानते हैं कि कश्मीर हमारे देश का अभिन्न अंग है और इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.

''गलती हुई है. लेकिन आखिर गलती किन कारणों से हुई, वो भी जांच की जाएगी और जो भी दोषी अधिकारी होंगे उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, उनसे भी गलती होती है. उस पर भी आप ध्यान दीजिए. वह तक्षशिला विश्वविद्यालय को भारत में बताते हैं वह विक्रमशिला के बदले तक्षशिला विश्वविद्यालय बोलते हैं, तो गलती उनसे भी हुई, जबकि तक्षशिला पाकिस्तान में है. गलती किसी से भी हो सकती है. लेकिन जिस तरह की गलती सीमांचल में प्रश्न पत्र पर कश्मीर को लेकर की गई है उस गलती को हमने देखा है और वहां के जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है, जांच हो रहा है. इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी होंगे उस पर विभाग कार्रवाई करेगा.'' - चंद्रशेखर, बिहार के शिक्षा मंत्री

स्कूल ने बताया मानवीय गलती: जानकारी के अनुसार यह प्रश्न पत्र जिला स्तर पर ही सेट किया गया था जो छात्रों से पूछा गया है. हालांकि स्कूल प्रशासन ने भी इस गलती पर सफाई दी है. स्कूल के हेड टीचर एस के दास ने कहा कि ''सरकारी स्कूल के लिए पेपर बिहार एजुकेशन बोर्ड की तरफ से सेट किया गया था. असल सवाल था कि कश्मीर के लोगों को क्या कहा जाता है? लेकिन मानवीय गलती के कारण पेपर में गलत छप गया.''

संजय जायसवाल का फेसबुक पोस्ट: प्रश्न पत्र के सामने आने के बाद भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेडीयू और आरजे़डी के गठबंधन को पीएफआई का समर्थक बता दिया. भाजपा के अध्यक्ष ने अपने फेसबुक पर प्रश्नपत्र की प्रति पोस्ट मंगलवार को की, हालांकि रात में उस पोस्ट को हटा दिया. बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जायसवाल ने एक बार फिर प्रश्नपत्र की कॉपी पोस्ट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है.

''फेसबुक ने मेरे एक पोस्ट को भारत सरकार के नियमों के विरुद्ध माना और मैंने उस पोस्ट को हटा दिया. लेकिन बिहार सरकार अभी भी चुप है. दूसरे देशों में रहने वालों को क्या कहा जाता है, भारत में रहने वालों को क्या कहा जाता है और कश्मीर में रहने वालों को क्या कहा जाता है, यह प्रश्न अपने आप में बताता है कि बिहार सरकार के अफसर मानते हैं कि नेपाल, इंग्लैंड, चीन और भारत की तरह कश्मीर भी एक अलग देश है.'' - संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

क्या है पूरा मामला?: किशनगंज जिले में सरकारी स्कूल में सातवीं कक्षा के अर्धवार्षिक परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया जिसे देखकर सभी हैरान हैं. बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों के कक्षा 7 के प्रश्न पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं (What Are The People Of Kashmir Called) है, बल्कि एक अलग देश (Kashmir Separate Nation In Kishanganj School Exam) है. छात्रों से परीक्षा में यह प्रश्न पूछा गया कि पांच देशों- चीन, नेपाल, इंग्लैंड, कश्मीर और भारत के लोगों को क्या कहा जाता है.

कश्मीर को बताया अगल राष्ट्र: बता दें कि जिले के माध्यमिक विद्यालयों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत परीक्षा आयोजित की जा रही है. जो राज्य में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) द्वारा देखी जाती है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है, इससे पूर्व 2017 में भी इस तरह का मामला प्रकाश में आया था और इसी प्रश्न को तब भी पूछा गया था. तब काफी हाय तौबा मची थी और मानवीय भूल बताया गया था.

पहले भी हो चुके हैं इस तरह के कारनामे: इस पूरे मामले पर आशा लता मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए और शिक्षक द्वार भी इस तरह की भूल का बार-बार होना सही नहीं है. एक शिक्षक ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद बीजेपी के नेता गर्म हैं. भाजपा जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि 'कश्मीर के लिए भारत के कितनी मां की गोद सूनी हो चुकी है और एक साजिश के तहत बिहार में इस तरह का कृत्य किया जा रहा है.'

Last Updated : Oct 19, 2022, 6:40 PM IST
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