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6 अरब डकार गए जिलों के DEO! शिक्षा विभाग ने जारी किया रिमाइंडर

बिहार में 6 अरब रुपये शिक्षा विभाग ने कहां खर्च किए हैं. इसका हिसाब-किताब नहीं मिल रहा है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को तीन दिनों का अल्टीमेटम दिया है. जिसमें कहा गया है कि किसी भी हाल में जवाब दें नहीं तो कार्रवाई की जाएगी.

education department
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Published : Feb 4, 2021, 5:00 PM IST

पटनाः बिहार में एसी डीसी बिल को लेकर पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है. एक बार फिर शिक्षा विभाग की अरबों की राशि को लेकर बेचैनी बढ़ी है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस बार जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है कि वे लेखा-जोखा दें. ऐसा नहीं करने पर वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

दिया 3 दिन का अल्टीमेटम
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 3 दिन में एसी डीसी कोषांग बनाकर इसकी सूचना उपलब्ध कराने का अल्टीमेटम दिया है. प्राथमिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2002-03 से लेकर वर्ष 2019-20 तक विभिन्न मदों में खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का आदेश दिया है.

Patna
जिलेवार सूची

दिया गया था डीसी कोषांग बनाने का निर्देश
मामले में गंभीर वित्तीय अनुशासनहीनता को लेकर जनहित याचिका भी दायर हो चुकी है. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में एसी डीसी कोषांग बनाने का निर्देश दिया था. लेकिन अब तक किसी भी जिले में कोषांग बनाए जाने की सूचना भी उपलब्ध नहीं कराई गई है. इसे देखते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 3 दिनों में इसकी पूरी सूचना मांगी है.

ये भी पढ़ेः लाजवाब स्वाद के साथ भरपूर सेहत, ठंड में बढ़ी डिमांड.. तो हो जाए कुल्हड़ वाली चाय

21 फरवरी को होगी समीक्षा
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने लिखा है कि विभाग की सभी लंबित एसी डीसी बिल 15 फरवरी तक महालेखाकार के पास जमा होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने 20 फरवरी तक सभी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने के निर्देश दिए हैं. 21 फरवरी को इस मामले की समीक्षा होगी और ढिलाई बरतने वाले दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला
बता दें कि यह पूरा मामला करीब 6 अरब रुपये के खर्च का है, जो वर्ष 2002-03 से वर्ष 2019-20 तक शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे पोशाक, छात्रवृत्ति,वेतन, साइकिल, प्रोत्साहन, परिभ्रमण और भवन निर्माण में खर्च किए गए हैं.

पटनाः बिहार में एसी डीसी बिल को लेकर पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है. एक बार फिर शिक्षा विभाग की अरबों की राशि को लेकर बेचैनी बढ़ी है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस बार जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है कि वे लेखा-जोखा दें. ऐसा नहीं करने पर वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

दिया 3 दिन का अल्टीमेटम
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 3 दिन में एसी डीसी कोषांग बनाकर इसकी सूचना उपलब्ध कराने का अल्टीमेटम दिया है. प्राथमिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2002-03 से लेकर वर्ष 2019-20 तक विभिन्न मदों में खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का आदेश दिया है.

Patna
जिलेवार सूची

दिया गया था डीसी कोषांग बनाने का निर्देश
मामले में गंभीर वित्तीय अनुशासनहीनता को लेकर जनहित याचिका भी दायर हो चुकी है. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में एसी डीसी कोषांग बनाने का निर्देश दिया था. लेकिन अब तक किसी भी जिले में कोषांग बनाए जाने की सूचना भी उपलब्ध नहीं कराई गई है. इसे देखते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 3 दिनों में इसकी पूरी सूचना मांगी है.

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21 फरवरी को होगी समीक्षा
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने लिखा है कि विभाग की सभी लंबित एसी डीसी बिल 15 फरवरी तक महालेखाकार के पास जमा होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने 20 फरवरी तक सभी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने के निर्देश दिए हैं. 21 फरवरी को इस मामले की समीक्षा होगी और ढिलाई बरतने वाले दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला
बता दें कि यह पूरा मामला करीब 6 अरब रुपये के खर्च का है, जो वर्ष 2002-03 से वर्ष 2019-20 तक शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे पोशाक, छात्रवृत्ति,वेतन, साइकिल, प्रोत्साहन, परिभ्रमण और भवन निर्माण में खर्च किए गए हैं.

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