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Education Department Vs Governor : शिक्षा विभाग ने बिहार विश्वविद्यालय के वीसी का वेतन रोकने का फैसला वापस लेने से किया इनकार

बिहार के राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच दूरी लगातार बढ़ रही है. राजभवन के आदेश को शिक्षा विभाग ने मानने से इंकार कर दिया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Education Department Vs Governor Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 22, 2023, 5:49 PM IST

पटना : बिहार के शिक्षा विभाग और राज भवन के बीच तकरार बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल, बीते दिनों शिक्षा विभाग के बैठक में बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति और प्रति कुलपति के नहीं पहुंचने पर विभाग के अपर मुख्य सचिव ने दोनों का वेतन रोकने का निर्देश जारी कर दिया था. इस निर्देश के जारी होने के 24 घंटे के भीतर ही राजभवन की ओर से निर्देश को रद्द कर दिया गया.

ये भी पढ़ें - राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव, KK Pathak के निर्देश को 24 घंटे के भीतर राजभवन ने किया खारिज

शिक्षा विभाग और राजभवन में तकरार : राज भवन ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया की बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रतिकुलपति के वेतन को बहाल किया जाए. लेकिन अब शिक्षा विभाग ने अपने फैसले को वापस लेने से इनकार कर दिया है. शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की ओर से राजभवन को भेजे गए पत्र में बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 का हवाला देते हुए पूछा गया है कि किस धारा में विश्वविद्यालय की स्वायत्तता परिभाषित है.

क्या लिखा है पत्र में? : शिक्षा विभाग के सचिव के पत्र में लिखा गया है कि राज्य सरकार हर साल विश्वविद्यालय को 4000 करोड़ रुपए देती है. ऐसे में शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों को उनकी जिम्मेदारी बताने और पूछने का पूर्ण अधिकार है कि वे इस राशि को कहां और कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं. पत्र में लिखा गया है कि विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 4 और 5 में स्पष्ट प्रावधान है कि जिम्मेदार अधिकारियों को हॉस्टल और कॉलेजों इत्यादि का नियमित इंस्पेक्शन कराना है और समय पर परीक्षा करानी है.

शिक्षा विभाग के सचिव.
शिक्षा विभाग के सचिव का पत्र.

'राज्य सरकार का हस्तक्षेप लाजमी': विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि जब इंस्पेक्शन के निर्धारित बिंदुओं पर विश्वविद्यालय फेल करेंगे तो राज्य सरकार का हस्तक्षेप लाजमी है. राज्य सरकार का हस्तक्षेप इसलिए भी लाजमी है क्योंकि वह करदाताओं और छात्रों के प्रति जिम्मेदार हैं.

राजभवन ने क्या कहा था? : दरअसल राजभवन ने शिक्षा विभाग को कहा था कि बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन रोकने का आदेश वापस लिया जाए. राज भवन ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि यह कुलाधिपति के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण है. इसके बाद से राज भवन के निर्देश को मानने से शिक्षा विभाग ने इनकार करते हुए अब राज भवन को ही पत्र भेज दिया है. ऐसे में लाजमी है कि बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच ठनी हुई है.

पटना : बिहार के शिक्षा विभाग और राज भवन के बीच तकरार बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल, बीते दिनों शिक्षा विभाग के बैठक में बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति और प्रति कुलपति के नहीं पहुंचने पर विभाग के अपर मुख्य सचिव ने दोनों का वेतन रोकने का निर्देश जारी कर दिया था. इस निर्देश के जारी होने के 24 घंटे के भीतर ही राजभवन की ओर से निर्देश को रद्द कर दिया गया.

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शिक्षा विभाग और राजभवन में तकरार : राज भवन ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया की बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रतिकुलपति के वेतन को बहाल किया जाए. लेकिन अब शिक्षा विभाग ने अपने फैसले को वापस लेने से इनकार कर दिया है. शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की ओर से राजभवन को भेजे गए पत्र में बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 का हवाला देते हुए पूछा गया है कि किस धारा में विश्वविद्यालय की स्वायत्तता परिभाषित है.

क्या लिखा है पत्र में? : शिक्षा विभाग के सचिव के पत्र में लिखा गया है कि राज्य सरकार हर साल विश्वविद्यालय को 4000 करोड़ रुपए देती है. ऐसे में शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों को उनकी जिम्मेदारी बताने और पूछने का पूर्ण अधिकार है कि वे इस राशि को कहां और कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं. पत्र में लिखा गया है कि विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 4 और 5 में स्पष्ट प्रावधान है कि जिम्मेदार अधिकारियों को हॉस्टल और कॉलेजों इत्यादि का नियमित इंस्पेक्शन कराना है और समय पर परीक्षा करानी है.

शिक्षा विभाग के सचिव.
शिक्षा विभाग के सचिव का पत्र.

'राज्य सरकार का हस्तक्षेप लाजमी': विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि जब इंस्पेक्शन के निर्धारित बिंदुओं पर विश्वविद्यालय फेल करेंगे तो राज्य सरकार का हस्तक्षेप लाजमी है. राज्य सरकार का हस्तक्षेप इसलिए भी लाजमी है क्योंकि वह करदाताओं और छात्रों के प्रति जिम्मेदार हैं.

राजभवन ने क्या कहा था? : दरअसल राजभवन ने शिक्षा विभाग को कहा था कि बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन रोकने का आदेश वापस लिया जाए. राज भवन ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि यह कुलाधिपति के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण है. इसके बाद से राज भवन के निर्देश को मानने से शिक्षा विभाग ने इनकार करते हुए अब राज भवन को ही पत्र भेज दिया है. ऐसे में लाजमी है कि बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच ठनी हुई है.

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