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शिक्षा विभाग कर रहा स्कूलों को खोलने की तैयारी, सभी स्कूलों को सेनेटाइज करने के निर्देश - नगर विकास एवं आवास विभाग

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी हाई स्कूलों को भी निर्देश जारी किया है. स्कूलों को विद्यालय के विकास कोष से एक व्हीलचेयर अनिवार्य रूप से रखने का निर्देश जारी किया गया है.

शिक्षा विभाग
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Published : Jun 12, 2020, 10:44 PM IST

पटना: कोविड-19 महामारी की वजह से देश भर में मार्च के आखिरी हफ्ते से स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और शैक्षिक संस्थान बंद हैं. अब शिक्षा विभाग अगले महीने से स्कूलों को खोलने की तैयारी कर रहा है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने पंचायती राज विभाग और नगर विकास और आवास विभाग को पत्र लिखकर सभी स्कूलों को सेनेटाइज करने को कहा है. अपर मुख्य सचिव ने 15 जुलाई तक अन्य राज्यों से बिहार वापस आए बच्चे और शहरी इलाके से ग्रामीण इलाकों में गए बच्चों के सर्वेक्षण का काम पूरा करने का भी निर्देश दिया है.

स्कूल खोलने को लेकर जल्द हो सकता है निर्णय
अपने पत्र में आरके महाजन ने लिखा है जल्द ही स्कूलों में कक्षाओं का संचालन प्रारंभ किया जाना है. इसके लिए स्कूलों को सेनेटाइज करना जरूरी है. ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित स्कूलों का सैनिटाइज का कार्य पंचायती राज विभाग के माध्यम से किया जाएगा. शहरी क्षेत्र में विद्यालयों को संगठित करने की जिम्मेदारी नगर विकास एवं आवास विभाग की है. अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने जिले में स्थित स्कूलों की सूची पंचायती राज विभाग और नगर विकास और आवास विभाग को उपलब्ध कराएं. जिन्हें सेनेटाइज किया जाना है.

शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया हुआ पत्र
शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया हुआ पत्र

'स्कूल में व्हीलचेयर अनिवार्य'
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी हाई स्कूलों को भी निर्देश जारी किया है. स्कूलों को विद्यालय के विकास कोष से एक व्हीलचेयर अनिवार्य रूप से रखने का निर्देश जारी किया गया है. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को बिहार के बाहर से आए और बिहार के शहरी क्षेत्र से गांव आए बच्चों के नामांकन अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया है. बच्चों के नामांकन को लेकर उन्होंने ग्राम वार और टोला वार्ड सर्वेक्षण कर बाल पंजी बनाया जाएगा. उन्होंने जिला शिक्षा विभाग को बच्चों और अभिभावकों के साथ संपर्क कर नामांकन के बारे में उन्हें सूचना देने को कहा है.

15 जुलाई से पहले सर्वेक्षण कार्य किया जाएगा पूरा
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव में निर्देश में यह साफ कहा गया है कि 15 जुलाई से पहले अभियान चलाकर सर्वेक्षण का काम पूरा किया जाए और स्कूल खुलने के बाद निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए. बच्चों का नामांकन आयु के मुताबिक होगा. 5 वर्ष से 6 वर्ष आयु के बच्चे कक्षा 1 में जबकि 7 वर्ष आयु के बच्चे कक्षा दो में नामांकित होंगे. बच्चे का ट्रांसफर सर्टिफिकेट या एजुकेशनल सर्टिफिकेट जांच करना जरूरी नहीं है. लेकिन क्लास में नामांकन के लिए स्कूल के प्रिंसिपल या प्रधान शिक्षक बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे. जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने की स्थिति में अभिभावक से घोषणा पत्र लिया जा सकता है.

पटना: कोविड-19 महामारी की वजह से देश भर में मार्च के आखिरी हफ्ते से स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और शैक्षिक संस्थान बंद हैं. अब शिक्षा विभाग अगले महीने से स्कूलों को खोलने की तैयारी कर रहा है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने पंचायती राज विभाग और नगर विकास और आवास विभाग को पत्र लिखकर सभी स्कूलों को सेनेटाइज करने को कहा है. अपर मुख्य सचिव ने 15 जुलाई तक अन्य राज्यों से बिहार वापस आए बच्चे और शहरी इलाके से ग्रामीण इलाकों में गए बच्चों के सर्वेक्षण का काम पूरा करने का भी निर्देश दिया है.

स्कूल खोलने को लेकर जल्द हो सकता है निर्णय
अपने पत्र में आरके महाजन ने लिखा है जल्द ही स्कूलों में कक्षाओं का संचालन प्रारंभ किया जाना है. इसके लिए स्कूलों को सेनेटाइज करना जरूरी है. ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित स्कूलों का सैनिटाइज का कार्य पंचायती राज विभाग के माध्यम से किया जाएगा. शहरी क्षेत्र में विद्यालयों को संगठित करने की जिम्मेदारी नगर विकास एवं आवास विभाग की है. अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने जिले में स्थित स्कूलों की सूची पंचायती राज विभाग और नगर विकास और आवास विभाग को उपलब्ध कराएं. जिन्हें सेनेटाइज किया जाना है.

शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया हुआ पत्र
शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया हुआ पत्र

'स्कूल में व्हीलचेयर अनिवार्य'
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी हाई स्कूलों को भी निर्देश जारी किया है. स्कूलों को विद्यालय के विकास कोष से एक व्हीलचेयर अनिवार्य रूप से रखने का निर्देश जारी किया गया है. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को बिहार के बाहर से आए और बिहार के शहरी क्षेत्र से गांव आए बच्चों के नामांकन अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया है. बच्चों के नामांकन को लेकर उन्होंने ग्राम वार और टोला वार्ड सर्वेक्षण कर बाल पंजी बनाया जाएगा. उन्होंने जिला शिक्षा विभाग को बच्चों और अभिभावकों के साथ संपर्क कर नामांकन के बारे में उन्हें सूचना देने को कहा है.

15 जुलाई से पहले सर्वेक्षण कार्य किया जाएगा पूरा
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव में निर्देश में यह साफ कहा गया है कि 15 जुलाई से पहले अभियान चलाकर सर्वेक्षण का काम पूरा किया जाए और स्कूल खुलने के बाद निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए. बच्चों का नामांकन आयु के मुताबिक होगा. 5 वर्ष से 6 वर्ष आयु के बच्चे कक्षा 1 में जबकि 7 वर्ष आयु के बच्चे कक्षा दो में नामांकित होंगे. बच्चे का ट्रांसफर सर्टिफिकेट या एजुकेशनल सर्टिफिकेट जांच करना जरूरी नहीं है. लेकिन क्लास में नामांकन के लिए स्कूल के प्रिंसिपल या प्रधान शिक्षक बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे. जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने की स्थिति में अभिभावक से घोषणा पत्र लिया जा सकता है.

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