पटनाः बिहार में 1 लाख 25000 शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद रोक लग गई है. ऐसे में शिक्षक अभ्यर्थी लगातार सरकार से मांग कर रहे थे कि नियोजन की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए. अब इस बारे में शिक्षा विभाग ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है, ताकि इस मामले की जल्द सुनवाई हो और नियोजन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सके.
शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर रोक
ईटीवी भारत ने भी लगातार यह खबर दिखाई थी कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर रोक लग गई है. तीन अलग-अलग मामलों को लेकर शिक्षक नियोजन मामले में अभ्यर्थियों ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नियोजन की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए बिहार सरकार से जवाब मांगा था. ऐसे में यह मामला सितंबर से पहले पूरा होता नहीं दिख रहा.
जल्द सुनवाई की अपील
बिहार में इस साल चुनाव होने है और चुनाव की घोषणा होने के बाद आचार संहिता लग जाएगी. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जल्द सुनवाई करने की अपील करेगा. इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने महाधिवक्ता को पत्र लिखकर पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का अनुरोध किया है.
नियोजन का छठा चरण आखरी फेज में
बता दें कि बिहार में प्राथमिक शिक्षकों के करीब 90 हजार से ज्यादा पदों पर छठे चरण में नियोजन का काम चल रहा है. वहीं करीब 30,000 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन का छठा चरण भी आखरी फेज में है. विभिन्न मामलों में पटना हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब करते हुए नियोजन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
किन मामलों को लेकर लगी है रोक-
- डीएलएड और बीएड में प्राथमिकता का मामला
- दिसंबर में सीटेट पास करने वाले एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों का मामला
- रोस्टर बनाने में नेत्रहीन अभ्यर्थियों का मामला