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Bihar Budget 2022: अर्थशास्त्री बोले- 'बिहार में रोजगार उन्मुखी बजट से अर्थव्यवस्था को मिलेगी ताकत' - etv bharat

कोरोना संकटकाल में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. राज्य में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. बिहार में बेरोजगारी चरम पर है. ऐसे में अर्थशास्त्री बिहार में रोजगार उन्मुखी बजट (Bihar need Employment Oriented Budget) की वकालत कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar Budget 2022
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Published : Feb 27, 2022, 6:21 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Bihar Assembly Budget Session 2022) शुरू हो गया, यह सत्र 31 मार्च तक चलेगा. सरकार के सामने रोजगार सबसे बड़ी चुनौती है. बिहार में सबसे ज्यादा आबादी युवाओं की है. देश की सर्वाधिक जन्म दर वाले राज्य बिहार में 57.2% लोग 25 साल से कम आयु वर्ग के हैं. युवाओं के मामले में उत्तरप्रदेश दूसरे स्थान पर है.

ये भी पढ़ें- Bihar Assembly Budget Session: वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, सदन सोमवार तक के लिए स्थगित

बिहार में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate in Bihar) भी शीर्ष पर है. बेरोजगारी दर में लगातार इजाफा हो रहा है. नवंबर माह में बेरोजगारी दर 14.8% दर्ज की गई. सरकार के लिए बढ़ रही बेरोजगारी चिंता का सबब है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रोजगार को सबसे ऊपर रखकर बजट बनाने की जरूरत है. रोजगार से ही विकास के मार्ग प्रशस्त होंगे.

''सरकार को बजट बनाने समय सबसे ऊपर रोजगार को रखना होगा. अब तक की सरकारें विकास के माध्यम से रोजगार प्राप्त करने की नीति पर चलती रही हैं, लेकिन अब उसमें बदलाव करने की जरूरत है. सरकार को अब रोजगार को मैन प्रोडक्ट और विकास को बाई प्रोडक्ट बनाने की जरूरत है. इससे विकास दर में जरूर कमी आ सकती है, लेकिन लोगों को जब रोजगार मिलेगा तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और समाज में खुशहाली आएगी.''- नवल किशोर चौधरी, चर्चित अर्थशास्त्री

''रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार को सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है. भूमिहीनों के लिए मुकम्मल बजट होना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि सरकार पंचायत स्तर पर सर्वे का काम पूरा कराए.''- डॉक्टर विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

बता दें कि 28 फरवरी से सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी. शून्यकाल और ध्यानाकर्षण भी होगा. 28 फरवरी को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद बिहार सरकार का बजट पेश करेंगे. राज्यपाल के अभिभाषण पर भी चर्चा होगी. 1 मार्च को महाशिवरात्रि होने के कारण बैठक नहीं होगी. 2 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी और सरकार का उत्तर भी होगा. 3 मार्च और 4 मार्च को बिहार बजट पर चर्चा होगी.

5 मार्च और 6 मार्च शनिवार और रविवार होने के कारण बैठक नहीं होगी. 7 मार्च को तृतीय अनुपूरक आय-व्यय पर चर्चा की जाएगी. 8 मार्च, 9 मार्च, 10 मार्च और 11 मार्च को भी विभिन्न विभागों के बजट पर चर्चा होगी और सरकार सदन से पास करायेगी. 12 मार्च और 13 मार्च को शनिवार और रविवार है. इसलिए बैठक नहीं होगी.
14 मार्च, 15 मार्च, 16 मार्च और 17 मार्च को भी विभिन्न विभागों के बजट पर चर्चा होगी और चर्चा के बाद सरकार सदन से उसे पास कराएगी. 18 मार्च को होली की छुट्टी रहेगी. 19 और 20 मार्च शनिवार रविवार है, इसलिए बैठक नहीं होगी.

21 मार्च को विभागीय बजट पर चर्चा होगी और सरकार फिर सदन से पास कराएगी. 22 मार्च बिहार दिवस के कारण सदन की कार्यवाही नहीं होगी. 23 मार्च, 24 मार्च और 25 मार्च को भी विभागीय बजट पर चर्चा होगी और फिर उसे पास कराया जाएगा. 26 मार्च और 27 मार्च शनिवार व रविवार होने के कारण बैठक नहीं होगी. 28 मार्च को राजकीय विधेयक पेश होगा और अन्य राजकीय कार्य किए जाएंगे. 29 मार्च को गैर सरकारी संकल्प सदन में लाए जाएंगे उस पर चर्चा होगी. 30 मार्च को राजकीय विधेयक और राजकीय कार्य किए जाएंगे. 31 मार्च को गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा होगी.

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पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Bihar Assembly Budget Session 2022) शुरू हो गया, यह सत्र 31 मार्च तक चलेगा. सरकार के सामने रोजगार सबसे बड़ी चुनौती है. बिहार में सबसे ज्यादा आबादी युवाओं की है. देश की सर्वाधिक जन्म दर वाले राज्य बिहार में 57.2% लोग 25 साल से कम आयु वर्ग के हैं. युवाओं के मामले में उत्तरप्रदेश दूसरे स्थान पर है.

ये भी पढ़ें- Bihar Assembly Budget Session: वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, सदन सोमवार तक के लिए स्थगित

बिहार में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate in Bihar) भी शीर्ष पर है. बेरोजगारी दर में लगातार इजाफा हो रहा है. नवंबर माह में बेरोजगारी दर 14.8% दर्ज की गई. सरकार के लिए बढ़ रही बेरोजगारी चिंता का सबब है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रोजगार को सबसे ऊपर रखकर बजट बनाने की जरूरत है. रोजगार से ही विकास के मार्ग प्रशस्त होंगे.

''सरकार को बजट बनाने समय सबसे ऊपर रोजगार को रखना होगा. अब तक की सरकारें विकास के माध्यम से रोजगार प्राप्त करने की नीति पर चलती रही हैं, लेकिन अब उसमें बदलाव करने की जरूरत है. सरकार को अब रोजगार को मैन प्रोडक्ट और विकास को बाई प्रोडक्ट बनाने की जरूरत है. इससे विकास दर में जरूर कमी आ सकती है, लेकिन लोगों को जब रोजगार मिलेगा तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और समाज में खुशहाली आएगी.''- नवल किशोर चौधरी, चर्चित अर्थशास्त्री

''रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार को सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है. भूमिहीनों के लिए मुकम्मल बजट होना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि सरकार पंचायत स्तर पर सर्वे का काम पूरा कराए.''- डॉक्टर विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

बता दें कि 28 फरवरी से सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी. शून्यकाल और ध्यानाकर्षण भी होगा. 28 फरवरी को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद बिहार सरकार का बजट पेश करेंगे. राज्यपाल के अभिभाषण पर भी चर्चा होगी. 1 मार्च को महाशिवरात्रि होने के कारण बैठक नहीं होगी. 2 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी और सरकार का उत्तर भी होगा. 3 मार्च और 4 मार्च को बिहार बजट पर चर्चा होगी.

5 मार्च और 6 मार्च शनिवार और रविवार होने के कारण बैठक नहीं होगी. 7 मार्च को तृतीय अनुपूरक आय-व्यय पर चर्चा की जाएगी. 8 मार्च, 9 मार्च, 10 मार्च और 11 मार्च को भी विभिन्न विभागों के बजट पर चर्चा होगी और सरकार सदन से पास करायेगी. 12 मार्च और 13 मार्च को शनिवार और रविवार है. इसलिए बैठक नहीं होगी.
14 मार्च, 15 मार्च, 16 मार्च और 17 मार्च को भी विभिन्न विभागों के बजट पर चर्चा होगी और चर्चा के बाद सरकार सदन से उसे पास कराएगी. 18 मार्च को होली की छुट्टी रहेगी. 19 और 20 मार्च शनिवार रविवार है, इसलिए बैठक नहीं होगी.

21 मार्च को विभागीय बजट पर चर्चा होगी और सरकार फिर सदन से पास कराएगी. 22 मार्च बिहार दिवस के कारण सदन की कार्यवाही नहीं होगी. 23 मार्च, 24 मार्च और 25 मार्च को भी विभागीय बजट पर चर्चा होगी और फिर उसे पास कराया जाएगा. 26 मार्च और 27 मार्च शनिवार व रविवार होने के कारण बैठक नहीं होगी. 28 मार्च को राजकीय विधेयक पेश होगा और अन्य राजकीय कार्य किए जाएंगे. 29 मार्च को गैर सरकारी संकल्प सदन में लाए जाएंगे उस पर चर्चा होगी. 30 मार्च को राजकीय विधेयक और राजकीय कार्य किए जाएंगे. 31 मार्च को गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा होगी.

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