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बजट पर अर्थशास्त्रियों का नजरिया- किसानों को होगा फायदा तो निजीकरण से जनता होगी परेशान - Budget 2020

पटना विवि के पूर्व प्राचार्य और अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी ने बताया कि चुनौतियों के सामने ये बजट अच्छा है. उन्होंने कहा कि गिरती विकास दर का मुख्य कारण मांग की कमी है, जिसको लेकर इस बजट में प्रयास किया गया है.

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Published : Feb 1, 2020, 6:24 PM IST

पटना: आम बजट पेश होने के बाद अर्थशास्त्रियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्रियों की मानें तो कुछ चीजों में फायदा होगा, तो निजीकरण के क्षेत्र को बढ़ावा देने से आम जनता परेशान होगी.

'देश के हित में है यह बजट'
आम बजट पेश होने के बाद अर्थशास्त्री अजय झा ने कहा कि इससे अच्छा बजट नहीं हो सकता है. इससे इंप्लायमेंट जेनरेट होगा और जो सरकार का स्कीम है उसके अनुसार लगभग 6 लाख करोड़ इन्वेस्ट होगा, तो डिमांड के साथ-साथ इकोनॉमी को भी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अगर इकोनॉमी को फायदा होगा तो जीडीपी भी बढ़ेगा. उन्होंने इस आम बजट को देश के हित में बताया है.

अर्थशास्त्रियों ने दी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया

'जनता पर पड़ेगा निजीकरण का असर'
पटना विवि के पूर्व प्राचार्य और अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी ने बताया कि चुनौतियों के सामने ये बजट अच्छा है. उन्होंने कहा कि गिरती विकास दर का मुख्य कारण मांग की कमी है, जिसको लेकर इस बजट में प्रयास किया गया है. साथ ही किसानों के लिए बड़ा आवंटन किया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ेगी, लेकिन चिंता निजी क्षेत्र को लेकर है. जिस तरह से रेलवे, एलआईसी और बैंक के निजीकरण की तरफ सरकार बढ़ रही है, वो खतरनाक है. अगर पूरी अर्थव्यवस्था निजी क्षेत्रों में चला जाएगा, तो जनता पर इसका असर पड़ेगा.

बता दें कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का आम बजट पेश किया है. इस बजट को लेकर देशभर में चर्चा शुरू हो गई है. अर्थशास्त्री इस बजट को लेकर तारीफ भी कर रहे हैं. साथ ही बजट में कुछ खामियां भी निकाल रहे हैं.

पटना: आम बजट पेश होने के बाद अर्थशास्त्रियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्रियों की मानें तो कुछ चीजों में फायदा होगा, तो निजीकरण के क्षेत्र को बढ़ावा देने से आम जनता परेशान होगी.

'देश के हित में है यह बजट'
आम बजट पेश होने के बाद अर्थशास्त्री अजय झा ने कहा कि इससे अच्छा बजट नहीं हो सकता है. इससे इंप्लायमेंट जेनरेट होगा और जो सरकार का स्कीम है उसके अनुसार लगभग 6 लाख करोड़ इन्वेस्ट होगा, तो डिमांड के साथ-साथ इकोनॉमी को भी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अगर इकोनॉमी को फायदा होगा तो जीडीपी भी बढ़ेगा. उन्होंने इस आम बजट को देश के हित में बताया है.

अर्थशास्त्रियों ने दी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया

'जनता पर पड़ेगा निजीकरण का असर'
पटना विवि के पूर्व प्राचार्य और अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी ने बताया कि चुनौतियों के सामने ये बजट अच्छा है. उन्होंने कहा कि गिरती विकास दर का मुख्य कारण मांग की कमी है, जिसको लेकर इस बजट में प्रयास किया गया है. साथ ही किसानों के लिए बड़ा आवंटन किया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ेगी, लेकिन चिंता निजी क्षेत्र को लेकर है. जिस तरह से रेलवे, एलआईसी और बैंक के निजीकरण की तरफ सरकार बढ़ रही है, वो खतरनाक है. अगर पूरी अर्थव्यवस्था निजी क्षेत्रों में चला जाएगा, तो जनता पर इसका असर पड़ेगा.

बता दें कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का आम बजट पेश किया है. इस बजट को लेकर देशभर में चर्चा शुरू हो गई है. अर्थशास्त्री इस बजट को लेकर तारीफ भी कर रहे हैं. साथ ही बजट में कुछ खामियां भी निकाल रहे हैं.

Intro:आम बजट पेश होने के बाद अर्थशास्त्रियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है अर्थशास्त्रियों की माने तो कुछ चीजों में फायदा होगा तो निजी करण के क्षेत्र को बढ़ावा देने से आम जनता परेशान होगी


Body:patna-- आम बजट पेश होने के बाद अर्थशास्त्री अजय झा की माने तो इससे अच्छा बजट नहीं हो सकता है इससे इंप्लायमेंट जनरेट होगा और जो सरकार का स्कीम है उसके अनुसार लगभग ₹600000 करोड़ इन्वेस्ट होगा तो डिमांड के साथ-साथ इकोनामी को भी फायदा होगा और अगर इक्नॉमी को फायदा होगा तो जीडीपी को फायदा होगा तो यह आम बजट देश हित में है
वही पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व प्राचार्य और अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी की माने तो देश की अर्थव्यवस्था और समाज के सामने जो चुनौतियां हैं उसके लिए प्रयास है लेकिन प्रयास कमजोर और अधूरा है और चुनौतियों के सामने यह बजट अच्छा है गिरती विकास दर का मुख्य कारण मांग की कमी है उस दिशा में इसमें जरूर प्रयास किया गया है और किसान की दृष्टि से देखें तो किसानों के लिए बड़ा आवंटन किया गया है किसानों का आय बढ़ेगा लेकिन चिंता की बात निजी करण को लेकर है जिस तरह से रेलवे एलआईसी और बैंक के निजी करण की तरफ सरकार बढ़ रही है वह खतरनाक है अगर पूरी अर्थव्यवस्था निजी क्षेत्रों में चला जाएगा तो जनता पर इसका असर पड़ेगा।

बाइट-- अजय झा अर्थशास्त्री

बाइट-- एनके चौधरी अर्थशास्त्री


Conclusion: हम आपको बता दें कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 21 का आम बजट पेश किया है इस बजट को लेकर देशभर में चर्चा शुरू हो गई है अर्थशास्त्री इस बजट को लेकर तारीफ भी कर रहे हैं साथ ही बजट में कुछ खामियां भी निकाल रहे हैं।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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