पटना: प्रदेश में साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों में इजाफा देखने को मिला है. सरकार और बैंकों के तमाम प्रचार अभियान और सतर्कता के बावजूद लोग इन साइबर ठगों के शिकार बन रहे हैं. आकड़ों की माने तो पिछले सालों की तुलना में साल 2020 से लेकर अब तक साइबर फ्रॉड के मामलों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
साइबर फ्रॉड नित-नए तरीके इजात कर लोगों की गाढ़ी कमाई को पल भर में महज एक कॉल और मैसेज के जरिए चूना लगा रहे हैं. इसे रोकने के लिए आर्थिक अपराध इकाई अब लोगों को कैलेंडर के जरिए जागरूक कर रहा है. इन कैलेंडर में लोगों से साइबर फ्रॉड से जुड़े तथ्यों को चित्रित किया है.
टेबल कैलेंडर के जरिए दिया जा रहा साइबर फ्रॉड से बचाव का संदेश
नए साल में साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाई जा सके इसे लेकर आर्थिक अपराध इकाई द्वारा विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. निजी स्कूल, सरकारी स्कूल सरकारी कार्यालय, निजी कार्यालय, बीआईए चेंबर ऑफ कॉमर्स समेत सार्वजनिक स्थलों पर कैलेंडर के जरिए साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए जागरूक कर रहा है.
पिछले कई दिनों से आर्थिक अपराध इकाई बिजनैसमैन, कॉलेज और स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को साइबर फ्राड से बचाव के लिए उपाय सूझा रहा है. करोना काल के दौरान जनता का रूझान 'डिजिटल पे' की तरफ झुका है. जिस कारण एक तरफ तो देश और प्रदेश कैशलेस बनता जा रहा है. तो वहीं, दूसरी ओर साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में बिजनेसमैन और छात्रों को साइबर फ्रॉड से बचाव हेतु आर्थिक अपराध इकाई जानकारी दे रहा है.
फाइनेंशियल, सोशल और पर्सनल जानकारी साझा न करें- एडीजी
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों को सतर्क करते हुए बताया कि 3 तरह से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. हम सभी को फाइनेंशियल, सोशल और पर्सनल लेवल पर सतर्क रहने की जरूरत है. समय-समय पर आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पुलिसकर्मियों को भी ट्रेनिंग दी जाती है कि अगर साइबर फ्रॉड जैसे मामले उनके पास आते हैं तो उन्हें किस प्रकार से निपटना है.
तीन महत्वपूर्ण बिंदओं की बारे में बताते हुए एडीजी जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहला लोगों को अपनी फाइनेंशियल सेफ्टी रखने की जरूरत है. किसी भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल कर लेना चाहिए. दूसरी, सोशल साइट्स के माध्यम से साइबर फ्रॉड आम इंसान को ठगते हैं. इसलिए सोशल साइट्स पर अपनी निजी जानकारी भूलकर भी ना डालें. सोशल साइट्स पर अपनी फोटो या परिवार के फोटो को ना डालें अन्यथा उनके फोटो के साथ छेड़खानी कर उन्हें ब्लैकमेल किया जा सकता है. तीसरी, सोशल साइट के माध्यम से साइबर फ्रॉड या दूसरे लोग सामाजिक अलगाव बढ़ा सकते हैं. वे आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करके समाज में वैमन्यस्यता बढ़ा सकते हैं. इससे भी सतर्क रहने की जरूरत है.
आर्थिक अपराध इकाई चला रहा साइबर सेनानी ग्रुप
एडीजी ने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई के तरफ से साइबर सेनानी ग्रुप चलाया जा रहा है. जिसमें अभी ढाई लाख से ज्यादा लोग को जोड़ा गया है. प्रतिदिन हर इंसान को 2 मिनट का समय निकालकर इन विषयों पर सोचना समझने जरूरत है. खुद के साथ-साथ दूसरों को भी साइबर फ्रॉड से सतर्कता के उपाय बताते रहें. उसे खुद में भी अपनाएं तभी जाकर लोग सतर्क रहेंगे तब साइबर फ्रॉड हम पर हावी नहीं हो पाएंगे. अगर कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो उसे नजदीकी थाने में या केंद्र सरकार द्वारा के बनाए गए पोर्टल पर दर्ज टोल फ्री नंबर पर अपनी शिकायत को दर्ज करवा देना चाहिए.