पटना: बुधवार को पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के महाप्रबंधक अनुपम शर्मा (Railway GM Anupam Sharma) ने पटना स्थित महेन्दूघाट में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक (Railway Review Meeting in Patna) की. जहां पूर्व मध्य रेल की 500 करोड़ रूपए से अधिक की लागत वाली नई लाईन, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन एवं अन्य निर्माण परियोजनाओं के कार्य प्रगति की समीक्षा की गई. पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने जानकारी दी कि बैठक में महाप्रबंधक ने पूर्व मध्य रेल के निर्माण संगठन और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) की विभिन्न रेल परियोजनाओं की गहन समीक्षा की. परियोजनाओं की समीक्षा के क्रम में महाप्रबंधक ने निर्माण परियोजनाओं और रेल विकास से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने का दिशा-निर्देश दिया.
ये भी पढ़ें: भारतीय रेलवे में गार्ड का पदनाम बदला, अब कहलाएंगे 'ट्रेन मैनेजर', जानिए नई पोस्ट
समीक्षा बैठक में पावर प्वायंट प्रजेंटेशन के माध्यम से पूर्व मध्य रेल के निर्माण विभाग की उपलब्धियों और भविष्य के लिए निर्धारित लक्ष्यों से महाप्रबंधक को अवगत कराया गया. महाप्रबंधक ने लगभग 291 किमी लंबे सोननगर-पतरातु तीहरी लाइन परियोजना, नेउरा-दनियांवा नई लाईन परियोजना, मुजफ्फरपुर-वाल्मिकीनगर दोहरीकरण, झंझारपुर-लौकहाबाजार, झंझारपुर-निर्मली, सहरसा-फारबिसगंज आमान परिवर्तिन परियोजना सहित अन्य रेल परियोजनाओं के कार्यों प्रगति की समीक्षा की.
महाप्रबंधक ने कहा कि हमें रेलवे के प्रत्येक क्षेत्र में नई तकनीक का ज्यादा-से-ज्यादा प्रयोग करना होगा ताकि लोगों की अपेक्षा पर खरे उतरते हुए उन्हें बेहतर परिणाम दे सकें. उन्होंने पूर्व मध्य रेल में चल रही निर्माण परियोजनाओं की नियमित और गहन मॉनिटरिंग का निर्देश दिया ताकि सभी निर्माण कार्य तय समय पर पूरा किया जा सके.
ये भी पढ़ें: राजस्व वसूली में समस्तीपुर रेल डिवीजन नंबर-1, जुटाए रिकॉर्ड 8 करोड़ 95 लाख रुपये
धनबाद और पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से करने के लिए जारी ढांचागत सुधार कार्य की महाप्रबंधक ने समीक्षा की. ढांचागत सुधार के क्रम में मिट्टी के कार्य, बलास्ट, थीक वेब स्वीच आदि का प्रावधान किया जा रहा है. यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य पूरा किया जाएगा. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) मानक स्थापित किए जाएंगे. इनमें रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण, रेल पुलों का उन्नयन, सिगनल प्रणाली का आधुनिकीकरण जैसे कार्य कार्य भी शामिल हैं.
विदित हो कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा और धनबाद के रेलवे ट्रैक को पहले चरण में 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है. सकरी-निर्मली, झंझारपुर-लौकहा बाजार और सहरसा-फॉरबिसबंज (206 किमी) आमान परिवर्तन परियोजना की कुल लागत 1468 करोड़ रुपए है. लगभग 210 किलोमीटर लंबे मुजफ्फरपुर-सगौली-वाल्मिकीनगर दोहरीकरण परियोजना का भी निर्माण कार्य तीव्रगति से जारी है. मुजफ्फरपुर-सगौली-वाल्मिकीनगर दोहरीकरण परियोजना पर लगभग 2402 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें: एयरपोर्ट की तर्ज पर स्टेशन डेवलपमेंट फीस वसूलेगा रेलवे, लंबी दूरी की यात्रा होगी महंगी
विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP