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Dussehra 2023 : जलेबी के बिना अधूरा है दशहरा मेला, 'भगवान राम ने इसके साथ मनाया था जीत का जश्न'

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2023, 4:36 PM IST

दशहारा मेले में धुमने निकले लोगों के लिए जलेबी सबसे खास मिठाई (Dushahera mela 2023) रही. हर साल पूजा के दौरान जलेबी लोगों के उत्साह और उल्लास को बनाए रखती है. कहा जाता है कि भगवान राम ने जीत के बाद जलेबी खाकर जश्न मनाया था. ऐसे में जलेबी को लेकर हमारे देश में अलग ही महत्व बना हुआ है.

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पटना : जलेबी भारत की राष्ट्रीय मिठाई है. पर्व कोई भी हो, जलेबी का अपना एक अलग ही महत्व होता है. इस साल दशहरा में भी जलेबी को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. घूमने के दौरान देर रात तक लोगों ने जलेबी का लुत्फ़ उठाया. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम को शशकुला नामक मिठाई बेहद पसंद थी (जो कि अब जलेबी के नाम से भी जाना जाता है). भगवान राम को जलेबी इतनी प्रिय थी कि उन्होंने रावण पर अपनी जीत का जश्न भी जलेबी खाकर ही मनाया था.

इसे भी पढ़े- आप भी ले सकते हैं बाजार जैसी कुरकुरी जलेबी का लुत्फ, सीखें रेसिपी

'फाफड़ा के साथ जलेबी तैयार करते थे हनुमान': दशहरा पर जलेबी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि मेला घुमने के दौरान आखिरकार लोग जलेबी पर ही सबसे ज्यादा जोड़ क्यों देते है. दरअसल इसके पीछे कई कारण है और कई कहानियां भी हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम को शशकुली नामक मिठाई बेहद पसंद थी. वे हर खुशी में जलेबी खाकर ही अपना मुंह मीठी करते थे. ऐसे में उनके भक्त भी उनके लिए जलेबी उपलब्ध कराने में लगे रहते है. भगवान राम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान भी उनके लिए जलेबी उपलब्ध कराते थे. हनुमान उनके लिए फाफड़ा के साथ जलेबी तैयार करते थे. यीं वजह है कि देशभर में जलेबी तो लेकर लोगों में अलग की प्रेम और स्नेह है.

Dussehra fair is incomplete without Jalebi
जलेबी के बिना अधूरा है दशहरा मेला

"रावण वध के बाद भगवान राम ने जीत के जश्न में जलेबी खाया था. वे अपनी जीत का जश्न जलेबी खाकर ही मनाते थे. भगवान राम को शशकुली नामक मिठाई बेहद पसंद थी." - आचार्य गोपाल, मुख्य पुजारी श्री राम जानकी ठाकुरवाडी मंदिर

वहीं, डॉक्टर डॉ रामजयपाल सिंह की माने तो जलेबी का सेवन करने से सिर दर्द की समस्या दूर होती है. आराम मिलता है और जलेबी की मिठास आपकी चिंता और तनाव को ही दूर करती है. इसके अलावा जो लोग दुबलेपन से शिकार होते हैं. वह जलेबी खाकर वजन बढ़ा सकते हैं.

Dussehra fair is incomplete without Jalebi
जलेबी के बिना अधूरा है दशहरा मेला

पटना : जलेबी भारत की राष्ट्रीय मिठाई है. पर्व कोई भी हो, जलेबी का अपना एक अलग ही महत्व होता है. इस साल दशहरा में भी जलेबी को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. घूमने के दौरान देर रात तक लोगों ने जलेबी का लुत्फ़ उठाया. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम को शशकुला नामक मिठाई बेहद पसंद थी (जो कि अब जलेबी के नाम से भी जाना जाता है). भगवान राम को जलेबी इतनी प्रिय थी कि उन्होंने रावण पर अपनी जीत का जश्न भी जलेबी खाकर ही मनाया था.

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'फाफड़ा के साथ जलेबी तैयार करते थे हनुमान': दशहरा पर जलेबी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि मेला घुमने के दौरान आखिरकार लोग जलेबी पर ही सबसे ज्यादा जोड़ क्यों देते है. दरअसल इसके पीछे कई कारण है और कई कहानियां भी हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम को शशकुली नामक मिठाई बेहद पसंद थी. वे हर खुशी में जलेबी खाकर ही अपना मुंह मीठी करते थे. ऐसे में उनके भक्त भी उनके लिए जलेबी उपलब्ध कराने में लगे रहते है. भगवान राम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान भी उनके लिए जलेबी उपलब्ध कराते थे. हनुमान उनके लिए फाफड़ा के साथ जलेबी तैयार करते थे. यीं वजह है कि देशभर में जलेबी तो लेकर लोगों में अलग की प्रेम और स्नेह है.

Dussehra fair is incomplete without Jalebi
जलेबी के बिना अधूरा है दशहरा मेला

"रावण वध के बाद भगवान राम ने जीत के जश्न में जलेबी खाया था. वे अपनी जीत का जश्न जलेबी खाकर ही मनाते थे. भगवान राम को शशकुली नामक मिठाई बेहद पसंद थी." - आचार्य गोपाल, मुख्य पुजारी श्री राम जानकी ठाकुरवाडी मंदिर

वहीं, डॉक्टर डॉ रामजयपाल सिंह की माने तो जलेबी का सेवन करने से सिर दर्द की समस्या दूर होती है. आराम मिलता है और जलेबी की मिठास आपकी चिंता और तनाव को ही दूर करती है. इसके अलावा जो लोग दुबलेपन से शिकार होते हैं. वह जलेबी खाकर वजन बढ़ा सकते हैं.

Dussehra fair is incomplete without Jalebi
जलेबी के बिना अधूरा है दशहरा मेला
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