पटना: नगर निगम क्षेत्र में 2 लाख 50 हजार सरकारी और निजी प्रतिष्ठान या भवन हैं. जिनसे निगम हर साल टैक्स वसूलता है. लेकिन इनमें भी कुछ प्रतिष्ठान के साथ 30 प्रतिशत सरकारी विभाग ऐसे हैं, जो निगम टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं. जिसकी वजह से निगम की आय में वृद्धि नहीं हो पाती है. पैसे की कमी की वजह से निगम शहर के विकास कार्य योजना सही समय पर पूरा नहीं कर पाता है.
मांगें पूरी करने में भी निगम नाकाम
वहीं, शहर को साफ रखने का दायित्व सफाई कर्मियों का है, लेकिन वह भी अपनी वेतन की मांग को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन हड़ताल भी करते रहते हैं. पटना नगर निगम क्षेत्र में निगम कर्मियों की संख्या की बात करें, तो सफाई कर्मी और कार्यालय कर्मी की संख्या 4200 के आसपास है. जिन्हें निगम हर महीने की 10 तारीख को सैलरी देता है. निगम कर्मचारियों की भी कई तरह की मांगें हैं. जिन्हें नगर निगम सही समय पर पूरा भी नहीं कर पाता है. जिसके कारण कर्मी आए दिन हड़ताल पर रहते हैं.
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हालांकि सफाई कर्मियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण में भी निगम द्वारा हम लोगों की सैलरी नहीं काटी गई. महीने के हर 10 से 12 तारीख को निगम द्वारा हमें सैलरी मिल जाती है.
निजी प्रतिष्ठान देरी से करते हैं भुगतान
निगम की आय का मुख्य स्रोत होल्डिंग टैक्स है. लेकिन सही समय पर शहरवासियों द्वारा इसका भुगतान नहीं किया जाता है. जिसको लेकर निगम प्रशासन इस बार सख्त नजर आ रहा है. जिनके ऊपर टैक्स बकाया है. निगम के तरफ से उन्हें नोटिस भी किया जा रहा है. हालांकि निजी प्रतिष्ठान भवन देरी से ही सही लेकिन अपना टैक्स का भुगतान कर देते हैं.
सरकारी विभाग का टैक्स बकाया
लेकिन, सरकारी विभाग समय पर निगम को टैक्स नहीं देते हैं. जिससे निगम को काफी घाटे का सामना करना पड़ता है. इन सभी के बीच पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू ने कहा कि जो निगम कर्मी काम करते रहे हैं. उन्हें निगम द्वारा आगे भी सही समय पर सैलरी मिलती रहेगी.
आय बढ़ाने में लगा नगर निगम
बता दें कि नगर निगम अपने आय बढ़ाने में लगा हुआ है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में निगम ने 15 हजार नई संपत्ति को टैक्स के दायरे में लाया है. 2020-21 में 113.77 करोड़ होल्डिंग टैक्स वसूलने का लक्ष्य भी रखा गया है. इसमें बकायेदारों की राशि भी शामिल है. निगम को बेसिक होल्डिंग टैक्स से 58.51 करोड़ रुपए अभी तक आया है. वहीं, कई ऐसे सरकारी विभाग हैं, जो निगम का करोड़ों रुपए टैक्स बकाया रखे हुए हैं. नए टैक्स स्लैब से नगर निगम की आमदनी बढ़ेगी.
नगर निगम का नया टैक्स स्लैब
पटना में मेन रोड के किनारे पूरी तरह व्यावसायिक, औद्योगिक संपत्ति या बिल्डिंग है, तो प्रति वर्ग फीट 62 रुपए 10 पैसे के हिसाब से सालाना होल्डिंग टैक्स देना होगा. अब तक ऐसे भवनों पर सालाना 54 रुपए प्रति वर्ग फीट होल्डिंग टैक्स देना होता था. जबकि सामान्य सड़क के किनारे जिनका आवासीय भवन है, उन्हें 2 रुपए 30 पैसे प्रति वर्ग फीट के हिसाब से टैक्स देना होगा. इस कैटेगरी में प्रधान मुख्य सड़क, मुख्य सड़क और अन्य सड़कें शामिल हैं.
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स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर पटना नगर निगम तैयारी कर रहा है. ऐसे में निगम के पास पैसे का भी अभाव है. जिन सरकारी विभागों पर निगम का टैक्स बकाया है, वो टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं. जिससे निगम को काम करने में भी समस्या उत्पन्न हो रही है.
''नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के अलावा मुख्य सचिव को इस बारे में भी देख लेना चाहिए, क्योंकि निगम के पास इतनी शक्ति नहीं होती है. जो इन सरकारी विभागों पर कार्रवाई कर सकें. यदि सरकारी विभाग निगम को टैक्स नहीं देंगे, तो फिर निगम हमें सुविधा कैसे दे पाएगा''- डीएम दिवाकर, विशेषज्ञ
राशि के अभाव में विकास कार्यों पर ब्रेक
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत निगम ने अपनी आय बढ़ाने को लेकर कई योजना बनाई थी. लेकिन पैसे के अभाव की वजह से ये योजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं. निगम को चार जगहों पर शॉपिंग मॉल, पाटलिपुत्र द्वार सहित दूसरी योजनाओं को पूरा करना था. ताकि निगम की आय भी बढ़ सके. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए फुटपाथी दुकानदारों को 27 जगह वेंडिंग जोन बनाने की योजना थी. इसके अलावा अन्य छोटे-मोटी ऐसी योजनाएं थी. जो शहर वासियों को सुख-सुविधा मुहैया कराना था, लेकिन वह भी नहीं करा सका.
कर्मचारियों पर सालाना 300 करोड़ खर्च
पटना नगर निगम में कर्मचारियों की संख्या की बात की जाए तो अस्थाई कर्मचारी लगभग 4500 हैं. जिनमें सफाई कर्मी भी शामिल हैं. वहीं, निगम आउट सोर्स पर 3800 कर्मियों की बहाली भी की है. निगम प्रत्येक महीने पेंशन और वेतन पर 15 करोड़, कचरा ढोने वाली गाड़ियों के ईंधन पर 3 से 4 करोड़ रुपए, प्रत्येक माह आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों पर 3 से 4 करोड़ रुपए खर्च करता है. यानि पेंशन, वेतन और ईंधन पर ही सालाना 300 करोड़ रुपए खर्च होते हैं.
बहरहाल, इन सब के बीच पटना नगर निगम कोरोना जैसी विकट परिस्थिति में भी अपने कर्मियों को लेट लतीफ सैलरी देते आ रहा है. निगम का दावा है कि आने वाले समय में भी इन्हें वेतन की कोई परेशानी नहीं होगी.