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Patna News : बारिश नहीं होने से मसौढ़ी में हाहाकार.. प्रखंड में महज 12% ही हो सकी है धान रोपनी18967138

बिहार में एक बार फिर से किसान मानसून की दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड़ देखने को मिल रहा है. पटना के मसौढ़ी में धान रोपनी में कमी देखने को मिल रही है. ग्रामीण इलाकों में बारिश नहीं होने से ऐसा देखने को मिल रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jul 11, 2023, 9:11 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में मात्र 12 प्रतिशत धान रोपनी हो पाई है, जबकि पूरे मसौढ़ी प्रखंड में 11200 हेक्टेयर धान रोपने का लक्ष्य रखा गया है. दरअसल, खरीफ अभियान के बाद 25 जून से हर तरफ धान की रोपनी की शुरुआत हो जानी थी, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसान अपने खेतों में कम पानी की वजह से धान रोपनी नहीं कर पाएं हैं. अब तक महज 10- 12% ही धान रोपनी हो पाई है.

ये भी पढ़ें : 'धान के कटोरे' में दरार: बारिश की कमी के चलते सुखाड़ की स्थिति, सरकार की बेरुखी से किसान दुखी

जुलाई में हो जाती है 15 से 20 प्रतिशत रोपनी : किसान लगातार भगवान इंद्र से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द अच्छी बारिश हो, ताकि धान की रोपनी हो सके और सभी किसानों के खेत में धान लहलहा सके. अगर अच्छी बारिश होती तो भी जुलाई के महीने में 15 से 20% रोपनी हो चुकी होती, लेकिन बारिश नहीं होने कारण हर जगह पर वही स्थिति देखने को मिल रही है. पटना के ग्रामीण इलाके के तमाम प्रखंडों में काफी कम रोपनी होती दिख रही है.

बारिश की आस लगाए बैठे हैं किसान :मसौढ़ी प्रखंड में इस बार पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक धान की रोपनी का प्रतिशत कम देखा जा रहा है. हालांकि अगर अच्छी बारिश हो तो हर गांव में किसान जो आस लगाए बैठे हैं, धान रोपनी की गति में तेजी आ सकती है. हर कोई को बस अब भगवान इंद्र की ओर उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द बारिश हो. अगर हाल ऐसा ही रहा तो धान रोपनी के प्रतिशतता में कमी आ सकती है.

"मसौढ़ी प्रखंड के कृषि नोडल पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि मसौढ़ी प्रखंड में 12% धान की रोपनी हुई है और अगर अच्छी बारिश हो तो यह प्रतिशत बढ़ सकता है" - अजय कुमार, नोडल पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, मसौढ़ी

पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में मात्र 12 प्रतिशत धान रोपनी हो पाई है, जबकि पूरे मसौढ़ी प्रखंड में 11200 हेक्टेयर धान रोपने का लक्ष्य रखा गया है. दरअसल, खरीफ अभियान के बाद 25 जून से हर तरफ धान की रोपनी की शुरुआत हो जानी थी, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसान अपने खेतों में कम पानी की वजह से धान रोपनी नहीं कर पाएं हैं. अब तक महज 10- 12% ही धान रोपनी हो पाई है.

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जुलाई में हो जाती है 15 से 20 प्रतिशत रोपनी : किसान लगातार भगवान इंद्र से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द अच्छी बारिश हो, ताकि धान की रोपनी हो सके और सभी किसानों के खेत में धान लहलहा सके. अगर अच्छी बारिश होती तो भी जुलाई के महीने में 15 से 20% रोपनी हो चुकी होती, लेकिन बारिश नहीं होने कारण हर जगह पर वही स्थिति देखने को मिल रही है. पटना के ग्रामीण इलाके के तमाम प्रखंडों में काफी कम रोपनी होती दिख रही है.

बारिश की आस लगाए बैठे हैं किसान :मसौढ़ी प्रखंड में इस बार पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक धान की रोपनी का प्रतिशत कम देखा जा रहा है. हालांकि अगर अच्छी बारिश हो तो हर गांव में किसान जो आस लगाए बैठे हैं, धान रोपनी की गति में तेजी आ सकती है. हर कोई को बस अब भगवान इंद्र की ओर उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द बारिश हो. अगर हाल ऐसा ही रहा तो धान रोपनी के प्रतिशतता में कमी आ सकती है.

"मसौढ़ी प्रखंड के कृषि नोडल पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि मसौढ़ी प्रखंड में 12% धान की रोपनी हुई है और अगर अच्छी बारिश हो तो यह प्रतिशत बढ़ सकता है" - अजय कुमार, नोडल पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, मसौढ़ी

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