पटना: पीएमसीएच बिहार का सबसे बड़ा हॉस्पिटल माना जाता है और इसे गरीबों का अस्पताल भी कहा जाता है. काफी संख्या में प्रदेश के कोने-कोने से यहां गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं. मगर हाल के दिनों में आए दिन गरीब मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. गरीब मरीजों के मिल रही शिकायतों के बाद जब शुक्रवार के दिन ईटीवी भारत की टीम हकीकत जानने के लिए पीएमसीएच पहुंची. जहां पाया कि ओपीडी के बाहर एक महिला जिसके पैर में सर्जरी हुई है और कमर से पैर तक रड लगाकर सहारा दिया हुआ है, जहां वह जमीन पर लेटी हुई है. महिला चलने फिरने में पूरी तरह अक्षम है.
पीएमसीएच की रियलिटी
ओपीडी के बाहर जमीन पर लेटी महिला की परिजन उर्मिला देवी ने बताया कि डेढ़ माह पहले उनकी बेटी बसंती देवी के ऊपर दीवार गिर गया था. जिसके बाद वह लेकर पीएमसीएच पहुंची थी तो पैर में रड लगाया गया और ऑपरेशन हुआ था. उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्हें बेड मिल गया था मगर दोबारा दिखाने के लिए वह पीएमसीएच पिछले 5 दिनों पूर्व से पहुंची हुई है और डॉक्टर रोजाना देखते हैं मगर अब तक बेड का व्यवस्था नहीं हो पाया है. 5 दिनों से वह खुले में जमीन पर रह कर अपने मरीज का इलाज करा रही है.
पीएमसीएच में बेड का अभाव
उर्मिला देवी ने बताया कि दिनभर ओपीडी के बाहर धूप में वह अपने मरीज के साथ जमीन पर लेटी रहती हैं और जब शाम ढलती है तो ओपीडी का जहां पर्चा कटता है वहां सेड के नीचे चली जाती है. वह अपने साथ गैस चूल्हा और कुछ जरूरी बर्तन भी रखी हुई थी. उन्होंने बताया कि सुबह शाम यही खुले में बाहर खाना बनाती है और भोजन के बाद फिर से गैस चूल्हा और बर्तन को पैक कर देती हैं. उन्होंने कहा कि वह रोजाना डॉक्टर से बेड की अपील कर रही है मगर बेड खाली ना होने की बात बता कर अब तक बेड नहीं दिया जा रहा है.
मरीजों के इलाज के लिए आते हैं लाखों के फंड
डॉक्टर की तरफ से बताया जाता है कि बेड खाली होने पर बेड अलॉट कर दिया जाएगा. बता दे कि पीएमसीएच में गरीब मरीजों के इलाज के लिए लाखों के फंड आते हैं और बार-बार सरकार की तरफ से यह निर्देशित किया जाता है कि मरीजों के लिए बेड का अभाव ना हो. लेकिन आए दिन इस प्रकार की समस्या से गरीब मरीजों को रूबरू होना पड़ता है. अस्पताल की कई विभाग ऐसे हैं जहां के कमरे में ताला बंद है मगर उसका आप प्रॉपर यूज नहीं किया जाता. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि अस्पताल प्रबंधन की आंखें कब खुलती है और कब गरीब जनता के प्रति संवेदनशील हो पाता है.