पटना: कोरोना काल (Corona Pandemic) में मछली पार्टी करने वाले निलंबित डीएसपी प्रभात भूषण श्रीवास्तव को निलंबन मुक्त कर दिया गया है. मछली पार्टी की कीमत उन्हें 1 साल 2 महीना और 14 दिन खाकी से दूर रहकर चुनानी पड़ी. उन्होंने कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की पहली लहर के दौरान लॉकडाउन (Lockdown) की गाइडलाइन का उल्लंघन किया था. काम पर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर थमने के बाद वापस आ सके.
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मंत्री के पीए के घर हुई थी पार्टी
डीएसपी प्रभात भूषण श्रीवास्तव को पुलिस मुख्यालय में योगदान देने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए बिहार सरकार के गृह विभाग के आरक्षी शाखा द्वारा आदेश जारी किया गया है. वह अभी वेटिंग फॉर पोस्टिंग में रहेंगे. दरअसल लॉकडाउन के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा के पीए के गृह प्रवेश के अवसर पर वह मछली चावल खाते नजर आए थे, जिसके बाद उनपर विभागीय कार्रवाई की गई थी.
30 लोगों पर दर्ज हुआ था केस
मछली पार्टी 15 अप्रैल 2020 को जहानाबाद जिला के मखदुमपुर थाना क्षेत्र के सुगाव में हुई थी. पार्टी पिंटू यादव ने दी थी. लॉकडाउन का उल्लंघन कर पार्टी करने के आरोप में पिंटू यादव, एसडीपीओ प्रभात भूषण श्रीवास्तव, मखदुमपुर बीडीओ, सीओ सहित 30 लोगों पर मामला दर्ज हुआ है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 271, सेक्शन 51B, 56 और आपदा एक्ट 2005 के तहत केस दर्ज किया गया था.
मखदुमपुर थाना दर्ज हुआ था केस
मखदुमपुर थाना में केस दर्ज होने के बाद पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) ने डीएसपी प्रभात भूषण के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी. तात्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय कहा था कि डीएसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी. प्रभात भूषण पर लगे आरोपों पर पुलिस मुख्यालय ने अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी थी. इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था.
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