पटनाः जिले के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में पुलिस ने फर्जी ढंग से संचालित हो रहे एक क्लीनिक पर छापेमारी कर झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. ये युवा पीढ़ी को नशे की जद में धकेलने का काम करता था. दरअसल पुलिस को वायरल हो रहा एक वीडियो फुटेज मिला था, जिसमें यह डॉक्टर कम उम्र के बच्चों को नशे का इंजेक्शन लगाते हुए दिखाई दे रहा था. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए छापेमारी की. इसमें पुलिस ने 12 पीस नशे का इंजेक्शन बरामद किया है.
जांच में न डिग्री मिली न दवा बेचने का लाइसेंस
छापेमारी के दौरान इंदिरा नगर स्थित अशोक सिंह के मकान में खुद को आयुर्वेद का डॉक्टर बताकर क्लीनिक चला रहे शैलेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. क्लीनिक के बाहर DMS डॉक्टर होने का बोर्ड भी लगा हुआ था. वहीं, जांच टीम को न तो शैलेंद्र के डॉक्टर होने की कोई डिग्री मिली और न ही दवाईयां बेचने के लिए किसी प्रकार का लाइसेंस मिला है.
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नशा मुक्ति केंद्र पर काम करता था शैलेंद्र
पुलिस ने छापेमारी के दौरान क्लीनिक से करीब 12 पीस नशे वाली इंजेक्शन के साथ ही काफी सारी दवाईयां भी जब्त की. बता दें कि इस केस की जांच में पुलिस ने हेल्थ डिपार्टमेंट की भी सहायता ली. गिरफ्तारी के बाद टीम ने आरोपी शैलेंद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि वो पहले किसी नशा मुक्ति केंद्र पर काम करता था. इस दौरान उसका नशे का सेवन करने वालों से संपर्क हुआ. फिर उसने काम छोड़कर इंदिरा नगर में एक कमरे की दवा दुकान और उसमें क्लीनिक खोला. वह 50 से 100 रुपये लेकर ऑटो, रिक्शा चालक से लेकर युवाओं को नशे का इंजेक्शन बेचता था.
'लाखों का नशे का सामान बरामद'
जांच टीम की मानें तो शैलेंद्र पहले किसी नशा मुक्ति केंद्र पर काम करता था. जिसके बाद वह इस धंधे में आ गया. उन्होंने कहा कि इसके पीछे कौन है और यह नशीली दवा कहां से लाता था? इस सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. थाना प्रभारी ने बताया कि ये नशे का सामान लाखों रुपए का है और यह काफी खतरनाक नशीला पदार्थ है.