पटना: प्रदेशभर में दवा दुकानें बुधवार 22 जनवरी से तीन दिनों के लिए बंद रहेंगी. दरअसल, बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने अपनी विभिन्न मांगो के लेकर पूरे सूबे में बंद का ऐलान किया है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसन्न सिंह ने बताया कि सरकार और विभाग की तरफ से हर दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट रखने का आदेश जारी किया है. जिसके विरोध मे राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई हैं.
'बंद रहेंगी बिहार के 35 हजार दवा दुकानें'
इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसन्न सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में लगभग 35 हजार दवा दुकानें हैं, जिसमें मात्र साढ़े सात हजार फार्मासिस्ट हैं. सरकार ने हर दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट रखने का आदेश जारी किया है. पूरे बिहार में मात्र साढ़े सात हजार फार्मासिस्ट हैं. जिस वजह से हड़ताल की घोषणा की गई है.
'नियम की आड़ में हो रहा शोषण'
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि फार्मासिस्ट को लेकर विभाग नें एक नियम बनाई है. जिसकी आड़ में लाइसेंसधारी दुकानदारों के साथ विभागीय उत्पीड़न और शोषण किया जाता हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में सरकार अपना रूख साफ नहीं कर रही है. जिस वजह से लाचार होकर एसोसिएशन ने 3 दिनों के हड़ताल का निर्णय किया है.
'जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति रहेगी जारी'
प्रसन्न सिंह ने कहा कि कई बार बातचीत के बाद भी सरकार ने मांगें नहीं मानी. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर इन 3 दिनों के बंदी के बाद भी सरकार मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो पूरे बिहार के दवा दुकान दुकानदार अपनी दुकानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि इस हड़ताल के दौरान दुकानदारों को जीवन रक्षक दवाओं का आपूर्ति जारी रखने का निर्देश दिया है.