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अब ट्रेनिंग स्कूल में ड्राइविंग का होगा प्रशिक्षण, निजी क्षेत्रों को भी मिलेगा मौका

सिम्युलेटर के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करने वाले मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संचालकों एक शपथ पत्र देना होगा. जिसमें ये बताना होगा कि प्रोत्साहन प्राप्त करने के बाद न्यूनतम 3 वर्षों तक वे मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संचालित करेंगे और उनकी अनुज्ञप्ति का नवीकरण करवाते रहेंगे.

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Published : Jun 18, 2020, 1:29 PM IST

पटना: कुशल वाहन चालक प्रशिक्षण के लिए जिलों में नए ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाऐंगे. वाहन चलाने से पहले वाहन चालकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के ट्रैक पर वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें सिम्युलेटर आधारित ड्राइविंग प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ट्रेनिंग स्कूल मानक के अनुरूप होंगे, जिसमें एलएमवी श्रेणी के वाहन ट्रेनिंग से संबंधित सभी तरह के आवश्यक उपकरणों और संसाधनों से युक्त होंंगे.

राज्य में वर्तमान में संचालित वैध ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालकों के साथ 19 जून को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक करेंगे. समीक्षा के दौरान ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों को पूरा नहीं करने वाले, बिना लाइसेंस और अधसंरचना वाले ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को बंद किया जाएगा और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.

सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगा लगाम
परिवहन सचिव संजय कुमार ने बताया कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को कुशल वाहन चालन का प्रशिक्षण कराया जाना आवश्यक है. यातायात नियमों की जानकारी का अभाव और कुशल चालक प्रशिक्षण के अभाव में अकसर वाहन चालक छोटी-बड़ी गलतियां करते हैं, जिससे आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने के बाद सड़क पर वाहन चलाने में वाहन चालकों से कम गलतियों की गुंजाइश होगी और इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आ सकेगी. परिवहन सचिव ने बताया कि वर्तमान में राज्य में लगभग कुल 16 जिलों में 26 वैध ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल हैं. जिन जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल नहीं हैं. वहां ट्रेनिंग स्कूल खोलने की कार्रवाई की जाएगी.

निजी व्यक्ति भी खोल सकेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल कुछ शर्तों के साथ निजी व्यक्ति भी खोल सकेंगे. योग्य आवेदकों को लाइसेंस दिया जाएगा. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल योजना के फाॅमुर्लेशन के लिए परिवहन सचिव ने निर्देश दिया है. जल्द ही इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ट्रैक पर ट्रेनिंग देने के साथ ही सिम्युलेटर आधारित ट्रेनिंग भी दी जाएगी. सभी मोटर ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल में सिम्युलेटर रखना एवं सिम्युलेटर बेस्ड ट्रेनिंग देना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए राज्य के सभी वैध मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल को सिम्युलेटर खरीद ने के बाद सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है.

सिम्युलेटर आधारित वाहन चालक का प्रशिक्षण आवश्यक
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ये योजना बिहार के उन प्रशिक्षुओं के लिए होगी, जिनके द्वारा परिवहन विभाग से अनुज्ञप्ति प्राप्त मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में वाहन चालक प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु अपना नामांकन करवाएंगे. 1 अप्रैल 2021 के बाद बिना एलएमवी सिम्युलेटर युक्त किसी भी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का राज्य में संचालन नहीं किया जाएगा. राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए प्रशिक्षु वाहन चालकों को सिम्युलेटर आधारित वाहन चालक का प्रशिक्षण आवश्यक है. इसके माध्यम से प्रशिक्षु वाहन चालक ड्राइविंग के नियमों का आसानी से जान सकेंगे और एक कुशल वाहन चालक बन सकेंगे.

पटना: कुशल वाहन चालक प्रशिक्षण के लिए जिलों में नए ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाऐंगे. वाहन चलाने से पहले वाहन चालकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के ट्रैक पर वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें सिम्युलेटर आधारित ड्राइविंग प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ट्रेनिंग स्कूल मानक के अनुरूप होंगे, जिसमें एलएमवी श्रेणी के वाहन ट्रेनिंग से संबंधित सभी तरह के आवश्यक उपकरणों और संसाधनों से युक्त होंंगे.

राज्य में वर्तमान में संचालित वैध ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालकों के साथ 19 जून को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक करेंगे. समीक्षा के दौरान ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों को पूरा नहीं करने वाले, बिना लाइसेंस और अधसंरचना वाले ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को बंद किया जाएगा और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.

सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगा लगाम
परिवहन सचिव संजय कुमार ने बताया कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को कुशल वाहन चालन का प्रशिक्षण कराया जाना आवश्यक है. यातायात नियमों की जानकारी का अभाव और कुशल चालक प्रशिक्षण के अभाव में अकसर वाहन चालक छोटी-बड़ी गलतियां करते हैं, जिससे आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने के बाद सड़क पर वाहन चलाने में वाहन चालकों से कम गलतियों की गुंजाइश होगी और इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आ सकेगी. परिवहन सचिव ने बताया कि वर्तमान में राज्य में लगभग कुल 16 जिलों में 26 वैध ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल हैं. जिन जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल नहीं हैं. वहां ट्रेनिंग स्कूल खोलने की कार्रवाई की जाएगी.

निजी व्यक्ति भी खोल सकेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल कुछ शर्तों के साथ निजी व्यक्ति भी खोल सकेंगे. योग्य आवेदकों को लाइसेंस दिया जाएगा. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल योजना के फाॅमुर्लेशन के लिए परिवहन सचिव ने निर्देश दिया है. जल्द ही इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ट्रैक पर ट्रेनिंग देने के साथ ही सिम्युलेटर आधारित ट्रेनिंग भी दी जाएगी. सभी मोटर ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल में सिम्युलेटर रखना एवं सिम्युलेटर बेस्ड ट्रेनिंग देना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए राज्य के सभी वैध मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल को सिम्युलेटर खरीद ने के बाद सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है.

सिम्युलेटर आधारित वाहन चालक का प्रशिक्षण आवश्यक
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ये योजना बिहार के उन प्रशिक्षुओं के लिए होगी, जिनके द्वारा परिवहन विभाग से अनुज्ञप्ति प्राप्त मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में वाहन चालक प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु अपना नामांकन करवाएंगे. 1 अप्रैल 2021 के बाद बिना एलएमवी सिम्युलेटर युक्त किसी भी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का राज्य में संचालन नहीं किया जाएगा. राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए प्रशिक्षु वाहन चालकों को सिम्युलेटर आधारित वाहन चालक का प्रशिक्षण आवश्यक है. इसके माध्यम से प्रशिक्षु वाहन चालक ड्राइविंग के नियमों का आसानी से जान सकेंगे और एक कुशल वाहन चालक बन सकेंगे.

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