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पटना: पहले इस खास ट्रैक पर चला कर दिखाइए गाड़ी, फिर मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस

बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस लेने से पहले अब आप को ड्राइविंग टेस्ट देना होगा. इसके लिए बिहार सरकार ने पूरा इंतजाम कर लिया है. सरकार ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक को लागू कर प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटना में कमी लाना चाहती है. पढ़ें पूरी खबर....

ड्राइविंग टेस्ट
ड्राइविंग टेस्ट
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Published : Oct 26, 2021, 1:33 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 7:28 PM IST

पटनाः बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार ड्राइवरों को सड़क पर उतरने से पहले ट्रेनिंग की सुविधा (Training Facility) उपलब्ध कराना चाहती है. इसके लिए बिहार के तमाम जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक (Driving Testing Track) बनाने की योजना पर काम चल रहा है. अब पटना के बाद 17 अन्य जिलों में भी इसके लिए जमीन निर्धारित हो गई है.

ये भी पढ़ेंः सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए क्या कर रही सरकार? सदन में नहीं मिला संतोषजनक जवाब

दरअसल बिहार में अब ड्राइविंग लाइसेंस लेने से पहले इस खास ट्रैक पर गाड़ी चला कर आपको अपने बेहतर ड्राइवर होने का सबूत देना होगा. तभी आपको लाइसेंस मिल पाएगा. पटना के फुलवारीशरीफ में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का बड़ा डिपो निर्माणाधीन है. जहां ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक है. इसके अलावा औरंगाबाद में पहले से ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस देने से पहले वाहन चालकों के दक्षता की जांच की जाती है.

अब परिवहन विभाग ने बिहार के 17 अन्य जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के लिए जमीन निर्धारित कर दी है. सरकार ने इनकी स्थापना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी है. ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण के लिए हर जिले को 50 से 75 लाख तक की राशि मिलेगी. परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के पहले ड्राइवर की दक्षता की जांच के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जाना है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः कोरोना के लिहाज से फेस्टिवल सीजन को लेकर बिहार कितना है तैयार? जानें एक्सपर्ट की राय

संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि पटना और औरंगाबाद में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चालक जांच की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. अब सीतामढ़ी, मोतिहारी, मधेपुरा, जहानाबाद, नवादा, नालंदा, किशनगंज, मधुबनी, सारण, दरभंगा, भोजपुर, भागलपुर, बेतिया, बांका, पूर्णिया, कटिहार और कैमूर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रक निर्माण के लिए जमीन चिन्हित की गई है. एस्टीमेट के आधार पर अधिकतम 50 से 7500000 प्रति जिला प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.

परिवहन विभाग से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए कई जिलों में नए एजेंसी का चयन और टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में मील का पत्थर साबित होगा. क्योंकि इसके माध्यम से एक्सपर्ट ड्राइवर को ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा. जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके.

पटनाः बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार ड्राइवरों को सड़क पर उतरने से पहले ट्रेनिंग की सुविधा (Training Facility) उपलब्ध कराना चाहती है. इसके लिए बिहार के तमाम जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक (Driving Testing Track) बनाने की योजना पर काम चल रहा है. अब पटना के बाद 17 अन्य जिलों में भी इसके लिए जमीन निर्धारित हो गई है.

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दरअसल बिहार में अब ड्राइविंग लाइसेंस लेने से पहले इस खास ट्रैक पर गाड़ी चला कर आपको अपने बेहतर ड्राइवर होने का सबूत देना होगा. तभी आपको लाइसेंस मिल पाएगा. पटना के फुलवारीशरीफ में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का बड़ा डिपो निर्माणाधीन है. जहां ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक है. इसके अलावा औरंगाबाद में पहले से ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस देने से पहले वाहन चालकों के दक्षता की जांच की जाती है.

अब परिवहन विभाग ने बिहार के 17 अन्य जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के लिए जमीन निर्धारित कर दी है. सरकार ने इनकी स्थापना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी है. ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण के लिए हर जिले को 50 से 75 लाख तक की राशि मिलेगी. परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के पहले ड्राइवर की दक्षता की जांच के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जाना है.

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संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि पटना और औरंगाबाद में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चालक जांच की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. अब सीतामढ़ी, मोतिहारी, मधेपुरा, जहानाबाद, नवादा, नालंदा, किशनगंज, मधुबनी, सारण, दरभंगा, भोजपुर, भागलपुर, बेतिया, बांका, पूर्णिया, कटिहार और कैमूर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रक निर्माण के लिए जमीन चिन्हित की गई है. एस्टीमेट के आधार पर अधिकतम 50 से 7500000 प्रति जिला प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.

परिवहन विभाग से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए कई जिलों में नए एजेंसी का चयन और टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में मील का पत्थर साबित होगा. क्योंकि इसके माध्यम से एक्सपर्ट ड्राइवर को ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा. जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके.

Last Updated : Oct 27, 2021, 7:28 PM IST
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