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पूरे विश्व में भारत मधुमेह के रोगियों की अंतरराष्ट्रीय राजधानी- डॉ दिवाकर तेजस्वी - Diabetic patients

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि खानपान और जीवनशैली में सुधारकर डायबिटीज से बचा जा सकता है. साथ ही नियमित रूप से मौसमी फलों का सेवन करें और रोजाना 1 घंटे शारीरिक व्यायाम करें.

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Published : Nov 14, 2020, 4:00 PM IST

पटनाः 14 नवंबर विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी से बातचीत की. इस दौरान डॉ दिवाकर ने मधुमेह के रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण और मधुमेह से बचने के उपाय के बारे में बताया.

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि पूरे विश्व में भारत मधुमेह के रोगियों की अंतरराष्ट्रीय राजधानी बनती जा रही है. क्योंकि भारत में मधुमेह के मरीज पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़े हैं. पहले यह बीमारी शहरी क्षेत्र के लोगों में देखने को मिलती थी. लेकिन अब यह ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से फैलती जा रही है. इसके बहुत भयंकर दुष्परिणाम हम सभी देख रहे हैं.

20 से 40 साल के लोगों में होता है टाइप टू डायबिटीज
डॉ दिवाकर ने कहा कि सामान्यतः यह बुजुर्ग और 50 वर्ष के अधिक आयु के लोगों में बीमारी देखने को मिलती है. जिसे टाइप टू डायबिटीज कहते हैं. लेकिन टाइप वन डायबिटीज जिसे जूविनाइल डायबिटीज कहते है, यह यंग एज में भी काफी देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अब 20, 30, 40 साल के लोगों में भी टाइप टू डायबिटीज मेलाईटस की बीमारी देखने को मिल रही है.

एशियन जीन में होते हैं डायबिटीज के प्रोन
भारत में मधुमेह के मरीजों की बढ़ती संख्या पर बात करते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इसके 3 कारण है. उन्होंने बताया कि इसका पहला कारण जो है रिसर्च में पाया गया है कि साउथ एशियन जीन जो होते हैं, उसके जेनेटिक स्ट्रक्चर में थोड़ी सी डायबिटीज के प्रोन होते हैं.

दूसरा कारण जो है वह एनवायरमेंटल फैक्टर है. जैसे खानपान में गड़बड़ियां, जंक फूड का प्रचलन बढ़ना, इम्टी कैलोरी की प्रचलन शुरू हो गई है. इसके साथ खानपान में मिलावट भी बहुत देखने को मिल रहा है. शहर में पार्क और खाली एरिया की कमी होने के कारण बच्चे खेल मैदान से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में फिजिकल एक्सरसाइज कम होती जा रही है.

ये भी पढ़ेंः यहां पढ़ें कब करें मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा, क्या चाहिए पूजा सामग्री

'स्ट्रेस फैक्टर के कारण बढ़ता है मधुमेह'
मधुमेह के रोगियों की बढ़ती संख्या के तीसरे कारण को बताते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि तीसरा कारण तनाव है. आज की भागदौड़ की दुनिया में जनसंख्या जितनी तेजी से बढ़ रही है और रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं. परीक्षा पास करने का तनाव है, पास करने के बाद नौकरी लेने का तनाव है, नौकरी करने के बाद नौकरी बचाए रखने का तनाव है और फिर रिटायरमेंट के बाद जीवन कैसे गुजरेगी इसका तनाव है. स्ट्रेस फैक्टर के कारण शरीर की इम्यूनिटी प्रभावित होती है और शरीर में इंसुलिन बनने की क्षमता भी प्रभावित होती है.

'जंक फूड का सेवन ना करें'
मधुमेह से बचने के उपाय के बारे में बताते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि अगर हम अपने खानपान में सुधार करते हैं और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाते हैं तो निश्चित तौर पर इस बीमारी से काफी हद तक बचकर रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि मधुमेह से बचने के लिए जंक फूड का सेवन ना करें और ताजा भोजन ग्रहण करें.

नियमित रूप से मौसमी फलों का सेवन करें और रोजाना 1 घंटे शारीरिक व्यायाम करें. भोजन के बाद कुछ समय के लिए आवश्यक रूप से टहलें. अगर हम यह दिनचर्या अपनाते हैं तो निश्चित रूप से काफी हद तक मधुमेह से बचा जा सकता है.

पटनाः 14 नवंबर विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी से बातचीत की. इस दौरान डॉ दिवाकर ने मधुमेह के रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण और मधुमेह से बचने के उपाय के बारे में बताया.

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि पूरे विश्व में भारत मधुमेह के रोगियों की अंतरराष्ट्रीय राजधानी बनती जा रही है. क्योंकि भारत में मधुमेह के मरीज पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़े हैं. पहले यह बीमारी शहरी क्षेत्र के लोगों में देखने को मिलती थी. लेकिन अब यह ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से फैलती जा रही है. इसके बहुत भयंकर दुष्परिणाम हम सभी देख रहे हैं.

20 से 40 साल के लोगों में होता है टाइप टू डायबिटीज
डॉ दिवाकर ने कहा कि सामान्यतः यह बुजुर्ग और 50 वर्ष के अधिक आयु के लोगों में बीमारी देखने को मिलती है. जिसे टाइप टू डायबिटीज कहते हैं. लेकिन टाइप वन डायबिटीज जिसे जूविनाइल डायबिटीज कहते है, यह यंग एज में भी काफी देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अब 20, 30, 40 साल के लोगों में भी टाइप टू डायबिटीज मेलाईटस की बीमारी देखने को मिल रही है.

एशियन जीन में होते हैं डायबिटीज के प्रोन
भारत में मधुमेह के मरीजों की बढ़ती संख्या पर बात करते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इसके 3 कारण है. उन्होंने बताया कि इसका पहला कारण जो है रिसर्च में पाया गया है कि साउथ एशियन जीन जो होते हैं, उसके जेनेटिक स्ट्रक्चर में थोड़ी सी डायबिटीज के प्रोन होते हैं.

दूसरा कारण जो है वह एनवायरमेंटल फैक्टर है. जैसे खानपान में गड़बड़ियां, जंक फूड का प्रचलन बढ़ना, इम्टी कैलोरी की प्रचलन शुरू हो गई है. इसके साथ खानपान में मिलावट भी बहुत देखने को मिल रहा है. शहर में पार्क और खाली एरिया की कमी होने के कारण बच्चे खेल मैदान से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में फिजिकल एक्सरसाइज कम होती जा रही है.

ये भी पढ़ेंः यहां पढ़ें कब करें मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा, क्या चाहिए पूजा सामग्री

'स्ट्रेस फैक्टर के कारण बढ़ता है मधुमेह'
मधुमेह के रोगियों की बढ़ती संख्या के तीसरे कारण को बताते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि तीसरा कारण तनाव है. आज की भागदौड़ की दुनिया में जनसंख्या जितनी तेजी से बढ़ रही है और रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं. परीक्षा पास करने का तनाव है, पास करने के बाद नौकरी लेने का तनाव है, नौकरी करने के बाद नौकरी बचाए रखने का तनाव है और फिर रिटायरमेंट के बाद जीवन कैसे गुजरेगी इसका तनाव है. स्ट्रेस फैक्टर के कारण शरीर की इम्यूनिटी प्रभावित होती है और शरीर में इंसुलिन बनने की क्षमता भी प्रभावित होती है.

'जंक फूड का सेवन ना करें'
मधुमेह से बचने के उपाय के बारे में बताते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि अगर हम अपने खानपान में सुधार करते हैं और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाते हैं तो निश्चित तौर पर इस बीमारी से काफी हद तक बचकर रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि मधुमेह से बचने के लिए जंक फूड का सेवन ना करें और ताजा भोजन ग्रहण करें.

नियमित रूप से मौसमी फलों का सेवन करें और रोजाना 1 घंटे शारीरिक व्यायाम करें. भोजन के बाद कुछ समय के लिए आवश्यक रूप से टहलें. अगर हम यह दिनचर्या अपनाते हैं तो निश्चित रूप से काफी हद तक मधुमेह से बचा जा सकता है.

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