पटना: संस्था नारी गुंजन की संस्थापक पद्मश्री सुधा वर्गीज बेसहारा औरतों और छोटे अनाथ बच्चों के लिए लंबे समय से काम कर रही हैं. अब उनके साथ इस सामाजिक कार्य में कई अन्य संस्था भी जुड़ने लगे हैं. ऐसी ही पटना की एक संस्था डॉ दयाल फाउंडेशन डॉ संकेसवर दयाल की पुण्यतिथि पर सुधा वर्गीज के संस्था के साथ जुड़ गई. इस फाउंडेशन ने संस्था के 22 छोटे बच्चों को अगले 2 साल के लिए गोद लिया है.
डॉ दयाल फाउंडेशन ने नारी गुंजन संस्था को लिया गोद
पद्मश्री सुधा वर्गीज शुरू से सामाजिक कार्यो से जुड़ी रही हैं और अपने स्तर से ऐसे तबके के लिए काम करती हैं जो पूरी तरह से बेसहारा है. सुधा वर्गीज के काम को देखते हुए कई संस्था उनके साथ जुड़ने लगी है. ऐसी ही एक संस्था है डॉ दयाल फाउंडेशन, जिसने बैंगलुरु में अनाथ बच्चों के एक स्कूल को गोद ले रखा है. यह फाउंडेशन 13 सालों से ऐसे ही काम कर रहा है. इस फाउंडेशन ने सुधा वर्गीज की संस्था नारी गुंजन को 2 साल के लिए गोद लिया है.
नारी गुंजन संस्था में 22 ऐसे छोटे बच्चे हैं जिनकी उम्र 6 माह से लेकर 6 साल तक है. डॉ दयाल फाउंडेशन ने उन्हीं 22 बच्चों को अगले 2 साल के लिए गोद लिया है. फाउंडेशन अगले 2 साल तक उन सभी 22 बच्चों का सारा खर्च उठाएगी.
पिछले 13 सालों से कर रहे हैं गरीब बच्चों की मदद
फाउंडेशन के अध्यक्ष निशांत दयाल ने बताया कि उनकी संस्था अगले दो साल तक नारी गुंजन के बच्चों को दूध, कपड़े, पढ़ाई के समान और पैम्पर्स जैसी वस्तुएं देगी. इसके अलावा बच्चों की और भी जरूरतों को भी पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि सुधा वर्गीज के साथ जुड़कर काफी अच्छा लग रहा है और आगे भी वो उनकी संस्था से जुड़े रहेंगे.
वहीं, सुधा वर्गीज ने दयाल फाउंडेशन को धन्यवाद देते हुए कहा कि दयाल फाउंडेशन जैसी कई संस्था को आगे आना चाहिए, ताकि बच्चों को वो सबकुछ मिल सके जो दूसरे बच्चों को मिलता है. उन्होंने कहा कि वह समाज के लिए कुछ अच्छा करने का एक छोटा सा प्रयास किया है. अब कई लोग उनके प्रयास से जुड़ रहे हैं और उनके काम में हाथ बंटाकर उनका साथ दे रहे हैं जो काफी अच्छी बात है.