नई दिल्ली/पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अहंकार के कारण कोटा से बिहारी छात्रों और दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों को वापस नहीं लाया जा रहा है. कई राज्यों की सरकारों ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने छात्रों और मजदूरों को वापस बुला लिया है, जबकि नीतीश कुमार ने ऐसा नहीं किया है. नीतीश सरकार को कोटा से बिहारी छात्रों और दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों को वापस बुलाकर उनकी जांच करानी चाहिये. इसके बाद जांच में ठीक और स्वस्थ लोगों को घर भेजना चाहिये.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा कि बिहार सरकार दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों को हर संभव मदद का दावा कर रही है. जबकि, जमीनी हकीकत यह है कि उनको कोई मदद नहीं मिल रही है. दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को सरकार खाना भी मुहैया कराने में भी नाकाम रही है. गौरतलब है कि सोमवार को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल थे. इस बैठक में नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के सामने कोटा में फंसे बिहारी छात्रों का मुद्दा उठाया था.
'महामारी से लड़ने में बिहार सरकार विफल'
प्रधानमंत्री के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने मोदी से कहा था कि कोटा से कुछ राज्यों ने अपने छात्रों को वापस बुला लिया है. कोटा में बिहारी छात्र अधिकाधिक संख्या में लॉकडाउन के कारण फंसे हैं. बिहार सरकार लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के नियमों में संशोधन नहीं होने तक किसी को वापस बुलाना संभव नहीं है. वहीं, अखिलेश सिंह ने बिहार में कोरोना की स्थिति को लेकर भी बिहार सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. इस वायरस से लड़ने में भी बिहार सरकार विफल साबित हो रही है.
'आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा दिन तक नहीं रोका जा सकता'
राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि महामारी से लड़ने के लिए बिहार सरकार के पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने के बावजूद केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है. केंद्र व राज्य दोनों जगह एनडीए सरकार होने के बावजूद संकट के इस दौर में बिहार को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने आगे बताया कि बिहार में अब जिन क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव कम है, वहां पर कामकाज शुरू कर देना चाहिये. आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा दिन तक नहीं रोका जा सकता.
एक दिन में रिकॉर्ड कुल 69 मामले आये सामने
बता दें कि पिछले कुछ दिनों तक बिहार में महामारी की स्थिति नियंत्रण में लग रही थी. वहीं, अब तेजी से बिहार में कोरोना का संक्रमण फैलता जा रहा है. लगभग 350 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, तीन लोगों की मौत हुई है. राज्य के 25 जिलों में इस वायरस का संक्रमण फैल चुका है. बिहार में कोरोना संक्रमण का अब तक 24 घंटे में सर्वाधिक मामले सोमवार को दर्ज किया गया. जिनमें एक दिन में रिकॉर्ड कुल 69 मामले सामने आये हैं.