पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमितों को चिन्हित करने के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों सिवान, बेगूसराय, नालंदा, नवादा में डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाई जाये.
जिनमें भी संक्रमण के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें प्रखंड स्तर पर बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा. इस तरह का अभियान चलाने वाला बिहार पहला राज्य होगा. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण की अब तक की स्थिति की समीक्षा की और कई निर्देश दिए. बैठक की कुछ प्रमुख बातें:
- पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर चलेगा स्क्रीनिंग अभियान.
- सिवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में डोर टू डोर चलेगा स्क्रीनिंग अभियान.
- इन जिलों के सीमावर्ती जिलों में भी जो क्षेत्र प्रभावित हैं वहां भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाई जायेगी.
- राज्य में अबतक कोरोना के 66 पॉजिटिव केस पाए गए हैं. उन मरीजों के रहने वाले क्षेत्रों को एपी सेंटर मानते हुए उसके 3 किलोमीटर की परिधि में भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाई जायेगी.
- 1 से 23 मार्च तक राज्य के बाहर से आने वाले लोगों की भी घर-घर तक स्क्रीनिंग कराई जायेगी.
- 16 अप्रैल से स्क्रीनिंग अभियान शुरू हो जायेगा.
- पूरे देश में इस तरह का अभियान चलाने वाला बिहार पहला राज्य होगा.
- जिनमें भी स्क्रीनिंग के दौरान संक्रमण के लक्षण दिखेंगे उन्हें प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा.
फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ कोई दुर्व्यवहार न करें
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि स्वास्थ्य सेवा में लगे फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न करें. ये लोग हर रोज जान जोखिम में डालकर देश और समाज के लिए काम कर रहे हैं. हम सभी का दायित्व है कि इन लोगों का उत्साह बढ़ाते रहें. साथ ही मुख्यमंत्री ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की.