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बिहार में कोरोना संक्रमितों की खोज में आज से घर-घर स्क्रीनिंग

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर कहा, मैं राज्यवासियों से अपील करता हूँ कि वे इस खतरनाक वायरस से निपटने में स्वास्थ्य विभाग की मदद करें. संदेह होने पर आगे आकर अपनी जांच कराएं और घर-घर जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद करें, ताकि जल्द से जल्द राज्य में कोरोना पर काबू पाया जा सके.'

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय
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Published : Apr 16, 2020, 10:02 AM IST

पटना: बिहार में कोरोना के संक्रमण को रोकने और इसके मरीजों की खोज के लिए राज्य सरकार अब पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर-टू-डोर अभियान चलाएगी. स्वास्थ्यकर्मी प्रत्येक घर के दरवाजे पर दस्तक देंगे और मरीजों की पड़ताल करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में मंगलवार को यह निर्णय लिया गया.

'स्वास्थ्य टीम की करें मदद'
इस बीच, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर कहा, मैं राज्यवासियों से अपील करता हूँ कि वे इस खतरनाक वायरस से निपटने में स्वास्थ्य विभाग की मदद करें. संदेह होने पर आगे आकर अपनी जांच कराएं और घर-घर जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद करें, ताकि जल्द से जल्द राज्य में कोरोना पर काबू पाया जा सके.'

  • मैं राज्यवासियों से अपील करता हूँ कि वे इस खतरनाक वायरस से निपटने में स्वास्थ्य विभाग की मदद करें। संदेह होने पर आगे आकर अपनी जांच कराएं और घर-घर जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद करें, ताकि जल्द से जल्द राज्य में कोरोना पर काबू पाया जा सके।

    — Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) April 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान'
इससे पहले, समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमितों को चिन्हित करने के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों सीवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाय. इन जिलों के सीमावर्ती जिलों में भी जो क्षेत्र प्रभावित हैं, वहां भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाय.

'डोर टू डोर स्क्रीनिंग'
उन्होंने कहा, 'अब तक जो कोरोना के 66 पॉजिटिव मामले पाये गये हैं, उन मरीजों के रहने वाले क्षेत्रों को केंद्र मानते हुए उसके 3 किलोमीटर की परिधि की भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग करायें.'

'गांव के सभी घरों की होगी स्क्रीनिंग'
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि 16 अप्रैल से स्क्रीनिंग शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'प्रत्येक मरीज को एपिसेंटर मान रहे हैं. मरीज के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी घरों तक पहुंचकर स्क्रीनिंग की जाएगी. इसी तरह 1-23 मार्च तक विदेश से जिस गांव में लोग आए हैं, उस गांव के सभी घरों की स्क्रीनिंग की जाएगी.'

'प्रखंड स्तर पर तैयार की जायेगी सूची'
प्रधान सचिव ने बताया कि दो-दो लोगों की टीम बनाकर यह जांच करायी जाएगी. उसके ऊपर एक सुपरवाइजर होंगे, जो स्क्रीनिंग किये लोगों की लिस्ट बनाकर संबंधित प्रखंड में जमा करेंगे और प्रखंड स्तर पर इसकी सूची तैयार की जायेगी.

'बिहार होगा पहला राज्य'
उन्होंने कहा, 'जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें प्रखंड स्तर पर बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा जायेगा. स्क्रीनिंग के लिए जाने वाले कर्मियों को थ्री प्लाई मास्क, ग्लब्स दिए जाएंगे और उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा जायेगा.' उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस तरह का अभियान चलाने वाला बिहार पहला राज्य होगा.

पटना: बिहार में कोरोना के संक्रमण को रोकने और इसके मरीजों की खोज के लिए राज्य सरकार अब पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर-टू-डोर अभियान चलाएगी. स्वास्थ्यकर्मी प्रत्येक घर के दरवाजे पर दस्तक देंगे और मरीजों की पड़ताल करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में मंगलवार को यह निर्णय लिया गया.

'स्वास्थ्य टीम की करें मदद'
इस बीच, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर कहा, मैं राज्यवासियों से अपील करता हूँ कि वे इस खतरनाक वायरस से निपटने में स्वास्थ्य विभाग की मदद करें. संदेह होने पर आगे आकर अपनी जांच कराएं और घर-घर जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद करें, ताकि जल्द से जल्द राज्य में कोरोना पर काबू पाया जा सके.'

  • मैं राज्यवासियों से अपील करता हूँ कि वे इस खतरनाक वायरस से निपटने में स्वास्थ्य विभाग की मदद करें। संदेह होने पर आगे आकर अपनी जांच कराएं और घर-घर जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद करें, ताकि जल्द से जल्द राज्य में कोरोना पर काबू पाया जा सके।

    — Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) April 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान'
इससे पहले, समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमितों को चिन्हित करने के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों सीवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाय. इन जिलों के सीमावर्ती जिलों में भी जो क्षेत्र प्रभावित हैं, वहां भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाय.

'डोर टू डोर स्क्रीनिंग'
उन्होंने कहा, 'अब तक जो कोरोना के 66 पॉजिटिव मामले पाये गये हैं, उन मरीजों के रहने वाले क्षेत्रों को केंद्र मानते हुए उसके 3 किलोमीटर की परिधि की भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग करायें.'

'गांव के सभी घरों की होगी स्क्रीनिंग'
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि 16 अप्रैल से स्क्रीनिंग शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'प्रत्येक मरीज को एपिसेंटर मान रहे हैं. मरीज के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी घरों तक पहुंचकर स्क्रीनिंग की जाएगी. इसी तरह 1-23 मार्च तक विदेश से जिस गांव में लोग आए हैं, उस गांव के सभी घरों की स्क्रीनिंग की जाएगी.'

'प्रखंड स्तर पर तैयार की जायेगी सूची'
प्रधान सचिव ने बताया कि दो-दो लोगों की टीम बनाकर यह जांच करायी जाएगी. उसके ऊपर एक सुपरवाइजर होंगे, जो स्क्रीनिंग किये लोगों की लिस्ट बनाकर संबंधित प्रखंड में जमा करेंगे और प्रखंड स्तर पर इसकी सूची तैयार की जायेगी.

'बिहार होगा पहला राज्य'
उन्होंने कहा, 'जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें प्रखंड स्तर पर बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा जायेगा. स्क्रीनिंग के लिए जाने वाले कर्मियों को थ्री प्लाई मास्क, ग्लब्स दिए जाएंगे और उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा जायेगा.' उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस तरह का अभियान चलाने वाला बिहार पहला राज्य होगा.

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