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पटना में बंद हुआ डोर टू डोर वैक्सीनेशन, दिव्यांगों और बुजुर्गों को लगाया जा रहा था टीका

बुजुर्गों और दिव्यांगों के कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के लिए शुरू किया गया डोर टू डोर वैक्सीनेशन अभियान बंद हो गया है. स्वास्थ्य विभाग का फोकस अभी पटना में 31 जुलाई तक शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन पर है.

Civil Surgeon Dr Vibha Kumari
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी
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Published : Jul 24, 2021, 10:47 PM IST

पटना: बीते दिनों पटना में बुजुर्गों और दिव्यांगों के कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन अभियान (Vaccination Campaign) शुरू किया गया था. इसके तहत पटना के शहरी क्षेत्रों में बुजुर्गों और दिव्यांगों को टीका लगाया जाना था. अभियान शुरू हुआ और 2 दिन घर-घर जाकर वैक्सीनेशन किया गया, लेकिन टीका की कमी के चलते इसे दो दिन बाद ही बंद करना पड़ा.

यह भी पढ़ें- किडनी की इस बीमारी से जूझ रहे हैं पप्पू यादव, जानिए क्या है ये और कितनी होती है परेशानी

पटना जिला की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने कहा, 'बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन संबंधी अब जो भी नया दिशा निर्देश आएगा उसके अनुरूप काम किया जाएगा. फिलहाल पटना के सभी वार्डों में वैक्सीनेशन खत्म करने का प्रयास चल रहा है. इसके लिए 35 मोबाइल वैक्सीनेशन टीम शहर के 75 वार्डों में टीकाकरण कर रही है. अभी हमारे पास जितनी भी टीम और टीकाकरण वैन हैं सभी टीकाकरण केंद्रों पर तैनात हैं. हमारे पास कोई एक्स्ट्रा टीम नहीं है. जब टीकाकरण वैन से टीकाकरण का काम पूरा हो जाएगा तब बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जाएगा.'

देखें वीडियो

"स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है जो दिव्यांग और बुजुर्ग हैं और अब तक वैक्सीनेशन से वंचित हैं. इन लोगों के वैक्सीनेशन के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. हमारा मुख्य फोकस इस बात पर है कि 31 जुलाई तक जिले में शत-प्रतिशत पहले डोज का वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा कर लिया जाए. हालांकि यह वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर करता है. अभी जिले में 76% से अधिक आबादी का पहले डोज का टीकाकरण हो चुका है."- डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना

यह भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना को लेकर राज्यों को जारी की एडवाइजरी, जानें क्या कहा ?

पटना: बीते दिनों पटना में बुजुर्गों और दिव्यांगों के कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन अभियान (Vaccination Campaign) शुरू किया गया था. इसके तहत पटना के शहरी क्षेत्रों में बुजुर्गों और दिव्यांगों को टीका लगाया जाना था. अभियान शुरू हुआ और 2 दिन घर-घर जाकर वैक्सीनेशन किया गया, लेकिन टीका की कमी के चलते इसे दो दिन बाद ही बंद करना पड़ा.

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पटना जिला की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने कहा, 'बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन संबंधी अब जो भी नया दिशा निर्देश आएगा उसके अनुरूप काम किया जाएगा. फिलहाल पटना के सभी वार्डों में वैक्सीनेशन खत्म करने का प्रयास चल रहा है. इसके लिए 35 मोबाइल वैक्सीनेशन टीम शहर के 75 वार्डों में टीकाकरण कर रही है. अभी हमारे पास जितनी भी टीम और टीकाकरण वैन हैं सभी टीकाकरण केंद्रों पर तैनात हैं. हमारे पास कोई एक्स्ट्रा टीम नहीं है. जब टीकाकरण वैन से टीकाकरण का काम पूरा हो जाएगा तब बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जाएगा.'

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"स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है जो दिव्यांग और बुजुर्ग हैं और अब तक वैक्सीनेशन से वंचित हैं. इन लोगों के वैक्सीनेशन के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. हमारा मुख्य फोकस इस बात पर है कि 31 जुलाई तक जिले में शत-प्रतिशत पहले डोज का वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा कर लिया जाए. हालांकि यह वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर करता है. अभी जिले में 76% से अधिक आबादी का पहले डोज का टीकाकरण हो चुका है."- डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना

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