पटना: कोरोना वायरस महामारी को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन किया गया. मानव जन-जीवन पर इसका व्यापक असर पड़ा है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान आपराधिक घटनाओं के साथ-साथ दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है, जबकि घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
जानकारी के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन की ओर से संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन में रोजाना 60 से 70 शिकायतें दर्ज की गई हैं. महिला हेल्पलाइन नंबर की प्रभारी प्रमिला कुमारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लागू है. ऐसे में काम-धंधा बंद होने के कारण लोग ज्यादा से ज्यादा समय घरों पर ही बिता रहे हैं. इस कारण घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं.
मदद के लिए तैयार है सखी सेंटर
बढ़ते घरेलू हिंसा के दौरान पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर लगातार अलर्ट पर है. महिला विकास निगम की ओर से संचालित महिला हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर महिलाएं अपनी समस्याओं को बता रही हैं. इस पर सेंटर दोनों पक्षों की तत्काल सुनवाई करने के बाद कार्रवाई की जा रही है.
पुराने मामलों का भी किया जा रहा निबटारा
बता दें कि पुराने फरियादियों को लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा से बचाने के लिए उनकी भी खोज-खबर ली जा रही है. लगातार उनका फीडबैक नोट किया जा रहा है. महिला हेल्पलाइन नंबर की परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी बताती है कि जब से लॉकगाउन लागू है, हर दिन 60 से 70 कॉल के माध्यम से नए मामले सामने आ रहे हैं. जिसमें से सबसे अधिक घरेलू उत्पीड़न के मामले हैं.
'रात 12 बजे तक भी आती हैं शिकायतें'
प्रमिला कुमारी बताती है कि कभी-कभी तो रात 12 बजे तक भी पीड़ित महिलाएं फोन पर शिकायत दर्ज करवाती हैं. सबसे ज्यादा मामला घरेलू हिंसा, साइबर क्राइम को लेकर हैं. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में हैं, ऐसे में फोन पर एक-दूसरे को छेड़छाड़ करते हैं. प्रमिला कुमारी बताती हैं कि जिस तरह से लगातार मामले दर्ज हो रहे थे उस को ध्यान में रखकर अब हम लोगों को कार्यालय बुला रहे हैं ताकि मामले की सुनवाई जल्द पूरी की जा सके.
लॉकडाउन के समय फोन से होता था काम
महिला हेल्पलाइन नंबर की प्रभारी प्रमिला कुमारी का बताना है कि लॉकडाउन में सभी संसाधन बंद थे. ऐसे में लोगों को उनके फोन पर ही परिजनों के साथ समस्या का समाधान करा दिया जाता था. लेकिन, जिस तरह अब लॉकडाउन में छूट मिली है तो शिकायत करने वालों को अब बुलाया जा रहा है ताकि शिकायत का निवारण जल्द पूरा किया जा सके. लेकिन, महिलाओं को यह सहूलियत भी दी गई है कि वे अपनी समस्या को व्हाट्सएप और मैसेज के माध्यम से भेजकर अपना केस जमा करा सकती हैं.
क्यों बढ़ी घेरलू हिंसा की शिकायतें?
प्रमिला बताती हैं कि अब तक 300 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. उनकी मानें तो लॉकडाउन के दौरान ऑफिस बंद होने के कारण लोग घरों में हैं. ज्यादातर सरकारी विभाग भी बंद थे. ऐसे में जो भी सरकारी कर्मी हैं वह अपनी पत्नियों के साथ ज्यादा झगड़ते रहते हैं. हाल के एक मामले का जिक्र करते हुए प्रमिला ने बताया कि इनदिनों लॉकडाउन के दौरान एक अधिकारी ने अपनी पत्नी को काफी ज्यादा प्रताड़ित किया इसके बाद महिला ने शिकायत की. शिकायत पर संज्ञान लेते हुए महिला हेल्पलाइन ने पीड़िता के पिता को कॉल कर मामला बताया और लिखित शिकायत जमा करने की बात कही ताकि उस महिला की समस्या का निवारण जल्द किया जा सके.