पटना: राजधानी में आई आफत की बारिश ने लोगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा दी है. 10 दिनों बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं. अभी भी पूरी तरह से जल निकासी नहीं हो पाई है. जल जमाव के कारण हुई गंदगी से अब बिमारियों का खतरा मंडराने लगा है. लोगों में महामारी का भय बढ़ गया है. रोजाना दर्जनों मरीज पीएमसीएच इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए पटना डेंटल कॉलेज अस्पताल की टीम जलजमाव वाले क्षेत्रों का मुआयना कर रही है. वह बोट के सहारे घूम-घूमकर लोगों को राहत सामाग्री और दवाइयां बांट रही है. साथ ही यह भी बता रही है कि ऐसे समय में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए.
घूम-घूमकर कर रहे लोगों को जागरूक
पटना डेंटल कॉलेज अस्पताल की टीम ने लोगों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. इस नंबर पर कॉल करके पटनावासी समस्याओं का समाधान जान सकते हैं. यह टीम सवेदंनशील इलाकों में जरूरी दवाइयां बांट रही है. इस कार्य के लिए टीम बनाई गई है जो जी-जान से जुटी हुई है.
डॉक्टर ने दी जानकारी
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.ज्योति में ने बताया कि इन दिनों पूरे राजधानी में कई तरह की संक्रामक बीमारियों का भय बढ़ गया है. ऐसे में लोगों को जागरूक करना जरूरी है. पहले ही डेंगू तेजी से फैल रहा है अब वहीं कई अन्य बीमारियों के फैलने के आसार हैं. इसलिए लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है.
जलजमाव से बीमारियां और उसके रोकथाम
जलजमाव से होने वाली बीमारियां:- दूषित भोजन और पीने का पानी पीने से डायरिया, अतिसार हैजा, टायफाइड, हेपेटाइटिस जैसी बीमारी हो सकती है.
रोकथाम के उपाय:- हमेशा साफ पानी का सेवन करें. पानी को उबाल कर पिऐं. पानी के स्त्रोतों को कूड़ा-कचरा और पशुओं से दूर रखें. डायरिया होने पर ओआरएस घोल का सेवन लें.
जलजमाव से होने वाले कीट जनित बीमारियां:- मानव शरीर में कीट जनित बीमारियां खास कर मच्छरों और मख्खियों से विशेषकर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जैपनिज इंसेफलाइटिस, फाइलेरिया और कालाजार बीमारी हो सकती हैं.
रोकथाम के उपाय:- कूलर, टायर, कबाड़ और गमला आदि में पानी जमा नहीं होने दें. सोते समय हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करें. पूरे शरीर को ढ़कने वाला कपड़ा का उपयोग करें.