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NMC बिल के विरोध में हड़ताल पर रहे प्रदेशभर के डॉक्टर, मरीज हुए परेशान

एनएमसी बिल से आक्रोशित डॉक्टरों के कारण प्रदेशभर के मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सुबह से लेकर शाम तक अस्पतालों में जहां मरीजों का तांता लगा रहा. वहीं, डॉक्टर हाथ में पोस्टर, बैनर लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठाते नजर आए.

एनएमसी का विरोध
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Published : Jul 31, 2019, 9:00 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 11:29 PM IST

पटना: लोकसभा से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग एनएमसी विधेयक 2019 के पास होने से गुस्साए डॉक्टरों ने बुधवार को पूरे देशभर में प्रदर्शन किया. दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल का असर बिहार के कई जिलों में देखने को मिला. ज्यादातर अस्पतालों में जूनियर से लेकर सीनियर डॉक्टर हड़ताल पर दिखे. इमरजेंसी सेवा को छोड़कर बाकी सभी कार्य ठप थे.

प्रदेशभर में बाधित रही चिकित्सीय सेवा

एनएमसी बिल से आक्रोशित डॉक्टरों के कारण प्रदेशभर के मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सुबह से लेकर शाम तक अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा रहा. वहीं, डॉक्टर हाथ में पोस्टर, बैनर लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठाते नजर आए. डॉक्टरों ने इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारे भी लगाए.

इन जगहों पर हुआ प्रदर्शन
आईएमए के आह्वान पर यह हड़ताल बिहार के दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना समेत कई अन्य जिलों में देखने को मिला. दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सहित पूरे बिहार के निजी और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बाधित रही. अचानक हुई इस हड़ताल से दूर-दराज ग्रामीण इलाकों से इलाज कराने आए मरीजों को काफी दिक्कतें हुईं.

patna
एनएमसी का विरोध

मुजफ्फरपुर SKMCH में भी सेवा बाधित
एनएमसी बिल के विरोध में एसकेएमसीएच के डॉक्टर भी बुधवार को 24 घंटे के लिए हड़ताल पर चले गए. जिससे उत्तर बिहार के आसपास के इलाके के मरीजों को भारी समस्या झेलनी पड़ी. हड़ताल को लेकर अस्पताल में सभी सेवा बाधित रही.

patna
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर

पटना में भी विरोध में नारेबाजी
पटना एम्स के डॉक्टरों ने आईएमए के आह्वान पर एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया है. एम्स के जूनियर और सीनियर डॉक्टर हाथों में एनएमसी बिल वापस लो की तख्ती लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. डॉक्टरों ने सरकार से बिल वापस लेने की मांग की. उनका कहना था कि जो बिल लोकसभा में पारित हुआ है वो कई मायने में एमबीबीएस की डिग्री लेकर मेहनत से डॉक्टर बनने वाले लोगों के साथ मजाक है.

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मरीजों परेशान

सासाराम में नहीं दिखा असर
एक ओर जहां पूरे देश में डॉक्टरों की हड़ताल है. वहीं, सासाराम के सदर अस्पताल के डॉक्टर्स आज काम कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना था कि एसोसिएशन की ओर से उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली है.

patna
हाथ में पोस्टर, बैनर लिए सड़क पर उतरे

पटना: लोकसभा से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग एनएमसी विधेयक 2019 के पास होने से गुस्साए डॉक्टरों ने बुधवार को पूरे देशभर में प्रदर्शन किया. दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल का असर बिहार के कई जिलों में देखने को मिला. ज्यादातर अस्पतालों में जूनियर से लेकर सीनियर डॉक्टर हड़ताल पर दिखे. इमरजेंसी सेवा को छोड़कर बाकी सभी कार्य ठप थे.

प्रदेशभर में बाधित रही चिकित्सीय सेवा

एनएमसी बिल से आक्रोशित डॉक्टरों के कारण प्रदेशभर के मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सुबह से लेकर शाम तक अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा रहा. वहीं, डॉक्टर हाथ में पोस्टर, बैनर लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठाते नजर आए. डॉक्टरों ने इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारे भी लगाए.

इन जगहों पर हुआ प्रदर्शन
आईएमए के आह्वान पर यह हड़ताल बिहार के दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना समेत कई अन्य जिलों में देखने को मिला. दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सहित पूरे बिहार के निजी और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बाधित रही. अचानक हुई इस हड़ताल से दूर-दराज ग्रामीण इलाकों से इलाज कराने आए मरीजों को काफी दिक्कतें हुईं.

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एनएमसी का विरोध

मुजफ्फरपुर SKMCH में भी सेवा बाधित
एनएमसी बिल के विरोध में एसकेएमसीएच के डॉक्टर भी बुधवार को 24 घंटे के लिए हड़ताल पर चले गए. जिससे उत्तर बिहार के आसपास के इलाके के मरीजों को भारी समस्या झेलनी पड़ी. हड़ताल को लेकर अस्पताल में सभी सेवा बाधित रही.

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प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर

पटना में भी विरोध में नारेबाजी
पटना एम्स के डॉक्टरों ने आईएमए के आह्वान पर एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया है. एम्स के जूनियर और सीनियर डॉक्टर हाथों में एनएमसी बिल वापस लो की तख्ती लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. डॉक्टरों ने सरकार से बिल वापस लेने की मांग की. उनका कहना था कि जो बिल लोकसभा में पारित हुआ है वो कई मायने में एमबीबीएस की डिग्री लेकर मेहनत से डॉक्टर बनने वाले लोगों के साथ मजाक है.

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मरीजों परेशान

सासाराम में नहीं दिखा असर
एक ओर जहां पूरे देश में डॉक्टरों की हड़ताल है. वहीं, सासाराम के सदर अस्पताल के डॉक्टर्स आज काम कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना था कि एसोसिएशन की ओर से उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली है.

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हाथ में पोस्टर, बैनर लिए सड़क पर उतरे
Intro:लोकसभा से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग एनएमसी विधेयक, 2019 पास होने के खिलाफ, आज देशभर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सहित पूरे बिहार के निजी और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बाधित कर रखा है। हालांकि इस हड़ताल के दौरान डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवा को बहाल कर रखा है। यह हड़ताल 24 घंटों का है, यानी बुधवार की सुबह 6 बजे से गुरुवार के सुबह 6 बजे तक ओपीडी सेवा बंद रहेगी। अचानक हुई इस हड़ताल से दूर दराज ग्रामीण इलाकों से इलाज कराने आए, मरीज व उनके परिजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:वही आंदोलन कर रहे ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य दामोदर सिंह ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन का विरोध पिछले दो सालों से हमलोग विरोध कर रहे हैं। लेकिन यह सरकार है जो किसी को किसी की नहीं सुन रही है। डॉक्टरों की हित की बात नहीं सुनती है। इन्होंने इस बिल को लोकसभा में पास करवा लिया है और समझाती है कि बिल पास करवा लेने से यह लागू हो जाएगा और किसी को किसी की चिंता करने की कोई बात नहीं है। एनएमसी बिल पूरी तरह से डॉक्टर के विरोध में है। इसमें ब्रिज कोर्स इसमें जो पढ़ाई की जो व्यवस्था है, यह पूरी तरह से डॉक्टर विरोधी है। क्योकि जो बच्चे कॉलेज में पढ़ रहे हैं, उनका भविष्य अंधकार में हो जाएगा। अगर यह बिल पास हो जाता है।


Conclusion:वही दूसरी तरफ डीएमसीएच के डॉक्टरों के द्वारा हड़ताल पर चले जाने से दूर दराज से आए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीएमसीएच इलाज कराने पहुंचे मरीजो तथा उनके परिजनों का कहना है कि बाढ़ के पानी में जैसे तैसे चलकर हमलोग अपना इलाज कराने यहां आए, लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि यहां के डॉक्टर आज हड़ताल पर है। अब उनको समझ मे नही आ रहा है कि अब वे लोग आखिर जाएं तो जाएं कहां। साथ ही उनलोगों का कहना है हड़ताल पर जाने से पहले कम से कम आमलोगों को इसकी सूचना दे देनी चाहिए। क्योंकि अस्पताल आने जाने में काफी कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।

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श्याम लाल महतो, मरीज
दामोदर सिंह, IMA सदस्य
Last Updated : Jul 31, 2019, 11:29 PM IST
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