पटना: लोकसभा से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग एनएमसी विधेयक 2019 के पास होने से गुस्साए डॉक्टरों ने बुधवार को पूरे देशभर में प्रदर्शन किया. दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल का असर बिहार के कई जिलों में देखने को मिला. ज्यादातर अस्पतालों में जूनियर से लेकर सीनियर डॉक्टर हड़ताल पर दिखे. इमरजेंसी सेवा को छोड़कर बाकी सभी कार्य ठप थे.
एनएमसी बिल से आक्रोशित डॉक्टरों के कारण प्रदेशभर के मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सुबह से लेकर शाम तक अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा रहा. वहीं, डॉक्टर हाथ में पोस्टर, बैनर लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठाते नजर आए. डॉक्टरों ने इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारे भी लगाए.
इन जगहों पर हुआ प्रदर्शन
आईएमए के आह्वान पर यह हड़ताल बिहार के दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना समेत कई अन्य जिलों में देखने को मिला. दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सहित पूरे बिहार के निजी और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बाधित रही. अचानक हुई इस हड़ताल से दूर-दराज ग्रामीण इलाकों से इलाज कराने आए मरीजों को काफी दिक्कतें हुईं.
मुजफ्फरपुर SKMCH में भी सेवा बाधित
एनएमसी बिल के विरोध में एसकेएमसीएच के डॉक्टर भी बुधवार को 24 घंटे के लिए हड़ताल पर चले गए. जिससे उत्तर बिहार के आसपास के इलाके के मरीजों को भारी समस्या झेलनी पड़ी. हड़ताल को लेकर अस्पताल में सभी सेवा बाधित रही.
पटना में भी विरोध में नारेबाजी
पटना एम्स के डॉक्टरों ने आईएमए के आह्वान पर एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया है. एम्स के जूनियर और सीनियर डॉक्टर हाथों में एनएमसी बिल वापस लो की तख्ती लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. डॉक्टरों ने सरकार से बिल वापस लेने की मांग की. उनका कहना था कि जो बिल लोकसभा में पारित हुआ है वो कई मायने में एमबीबीएस की डिग्री लेकर मेहनत से डॉक्टर बनने वाले लोगों के साथ मजाक है.
सासाराम में नहीं दिखा असर
एक ओर जहां पूरे देश में डॉक्टरों की हड़ताल है. वहीं, सासाराम के सदर अस्पताल के डॉक्टर्स आज काम कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना था कि एसोसिएशन की ओर से उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली है.