पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Patna) काफी तेजी से फैल रहा है. ऐसे में कोरोना के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों के जो मरीज हैं, उनकी मुसीबतें बढ़ गई है. ऐसे मरीज कोमोरबिड कंडीशन (एक से अधिक रोग) होने की वजह से संक्रमित होने के डर से अस्पताल तक दिखाने नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे मरीजों के सहूलियत को लेकर राजधानी के बोरिंग रोड स्थित गुड डीड क्लीनिक में वीडियो कंसल्टेंसी की सुविधा शुरू की गई है. इस सुविधा के माध्यम से मरीज स्पेशलाइज्ड चिकित्सकों से निर्धारित राशि जमा कर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त कर सकेंगे.
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दिल्ली के रहने वाले और दिल्ली मैक्स अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट रहे डॉक्टर चन्द्रिल चुग ने बिहार में देश के कुछ वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ मिलकर गुड डीड क्लीनिक की शुरुआत की है. इस क्लीनिक के माध्यम से लोग घर बैठे देश के प्रसिद्ध और विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह प्राप्त कर सकते हैं. डॉक्टर चन्द्रिल चुग को अमेरिका में 12 वर्षों तक बतौर न्यूरोलॉजिस्ट कार्य करने का अनुभव प्राप्त है.
डॉक्टर चन्द्रिल चुग (Dr. Chandril Chug) ने बताया कि देश के कुछ राज्यों में आबादी के हिसाब से चिकित्सकों की काफी कमी है और ऐसे राज्यों में बिहार भी शामिल है. यहां से काफी संख्या में लोगों को विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली जाना पड़ता है और अभी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसी स्थिति में लोग अपने स्वास्थ्य को दिखाने अस्पताल तक नहीं जा पा रहे हैं. चिकित्सकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
डॉक्टर ने बताया कि इन सभी स्थितियों को देखते हुए उन्होंने वीडियो कंसल्टेंसी की सुविधा शुरू की है, ताकि न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी, हेपेटोलॉजी, डायबिटीज इत्यादि के मरीज विशेषज्ञ चिकित्सकों से चिकित्सा प्राप्त कर सकें. उन्होंने बताया कि टीम के चिकित्सक दवाइयों का जेनेरिक नाम लिखते हैं. लोगों को उस कंपोजीशन की दवाइयां आसानी से मिल जाए और दवाइयां लेने के बाद भी वीडियो कंसलटेंसी के माध्यम से चिकित्सक को वह दवाइयां दिखाते हैं, ताकि चिकित्सक कंफर्म कर सकें कि उन्होंने सही दवाई खरीदी है या नहीं.
डॉक्टर चन्द्रिल चुग ने बताया कि जनरल बीमारी दिखाने के लिए फीस पांच सौ रुपये है. जो अगले 15 दिन तक के लिए मान्य होगा. वहीं अगर किसी को किसी स्पेशलिस्ट चिकित्सक से दिखानी है तो परामर्श शुल्क एक हजार रुपये रखा गया है. यह भी अगले 15 दिनों के लिए मान्य होगा. उन्होंने बताया कि वीडियो कंसलटेंसी के माध्यम से डॉक्टर मरीज की स्थिति को ऑब्जर्व करते हैं और दवाइयां प्रेस्क्राइब करते हैं. अगर मरीज को क्लीनिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है तो उन्हें अस्पताल बुलाया जाएगा और फिजिकली देखा जाएगा.
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