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एक ही सैंपल के दो नतीजे आने पर 2 संस्थान के डॉक्टर परेशान, रैपिड टेस्ट किट पर संदेह

कोरोना वायरस के संक्रमण से लोग परेशान हैं. ऐसे में सरकार के दो अलग-अलग संस्थान एक ही जांच सैपल को नेगेटिव और पॉजिटिव देकर कठघरे में अपने आप को खड़ा कर लिया है.

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Published : Apr 23, 2020, 12:22 PM IST

पटना: देश में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. ऐसे में 'कोविड-19' की जांच रिपोर्ट को लेकर बिहार में कई सवाल उठने शुरू हो गये हैं. दरअसल, पटना के दो संस्थानों में एक ही मरीज की जांच रिपोर्ट अलग-अलग आई है. दोनों संस्थान अपनी जांच सही होने का दावा कर रहे हैं. इस बात को लेकर डॉक्टर के साथ-साथ मरीज भी परेशान हैं.

अभी देश में जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण दिनोंदिन बढ़ रहा है उससे सरकार और प्रशासन दोनों परेशान है, लेकिन अभी उससे भी ज्यादा परेशानी है जांच में सस्पेंस. सरकार के दो अलग-अलग संस्थान एक ही जांच सैपल को नेगेटिव और पॉजेटिव देकर कठघरे में अपने आप को खड़ा कर लिया है. इस बात से सरकार और डॉक्टर दोनों चिंतित हैं.

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कोरोना जांच रिपोर्ट पर संदेह

'रैपिड टेस्ट कीट की गुणवत्ता में संदेह'
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि अंतरराष्ट्रीय मेथर्ड के अनुसार आरटीपीसीआर कीट है, लेकिन अभी हाल के दिनों में रैपिट टेस्ट कीट से जांच की जा रही थी, जिसकी गुणवत्ता में संदेह है, इस कारण परेशानी हो रही है.

देखें रिपोर्ट.

उन्होंने बताया कि सरकार ने अभी रैपिट टेस्ट कीट पर पाबंदी लगा दिया है, लेकिन जांच टेक्नीशियन को केयरफुल होना अतिआवश्यक है. उनकी थोड़ी से भूल कई लोगों को परेशान कर सकती है. अगर जांच में कोई शक हो तो जल्द रिटेस्टिंग जांच करनी चाहिए.

पटना: देश में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. ऐसे में 'कोविड-19' की जांच रिपोर्ट को लेकर बिहार में कई सवाल उठने शुरू हो गये हैं. दरअसल, पटना के दो संस्थानों में एक ही मरीज की जांच रिपोर्ट अलग-अलग आई है. दोनों संस्थान अपनी जांच सही होने का दावा कर रहे हैं. इस बात को लेकर डॉक्टर के साथ-साथ मरीज भी परेशान हैं.

अभी देश में जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण दिनोंदिन बढ़ रहा है उससे सरकार और प्रशासन दोनों परेशान है, लेकिन अभी उससे भी ज्यादा परेशानी है जांच में सस्पेंस. सरकार के दो अलग-अलग संस्थान एक ही जांच सैपल को नेगेटिव और पॉजेटिव देकर कठघरे में अपने आप को खड़ा कर लिया है. इस बात से सरकार और डॉक्टर दोनों चिंतित हैं.

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कोरोना जांच रिपोर्ट पर संदेह

'रैपिड टेस्ट कीट की गुणवत्ता में संदेह'
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि अंतरराष्ट्रीय मेथर्ड के अनुसार आरटीपीसीआर कीट है, लेकिन अभी हाल के दिनों में रैपिट टेस्ट कीट से जांच की जा रही थी, जिसकी गुणवत्ता में संदेह है, इस कारण परेशानी हो रही है.

देखें रिपोर्ट.

उन्होंने बताया कि सरकार ने अभी रैपिट टेस्ट कीट पर पाबंदी लगा दिया है, लेकिन जांच टेक्नीशियन को केयरफुल होना अतिआवश्यक है. उनकी थोड़ी से भूल कई लोगों को परेशान कर सकती है. अगर जांच में कोई शक हो तो जल्द रिटेस्टिंग जांच करनी चाहिए.

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