पटना: प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन अभियान जल्द ही शुरू होने वाला है और इसके लिए काफी संख्या में लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है. वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने से कुछ दिनों पहले लोगों को उनका शेड्यूल भी मिल जाएगा कि कब उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर पर आकर वैक्सीन लेना है. लेकिन, कोरोना सस्पेक्टेड के लिए ये वैक्सीन कारगर नहीं है.
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'वैक्सीन का होगा मिस यूज'
पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि जो लोग कोरोना के सस्पेक्टेड है यानी कि जिन्हें सर्दी जुखाम और बुखार है उन्हें वह लोग वैक्सीन नहीं देते हैं. कोरोना के सस्पेक्टेड लोगों में वैक्सीन इसलिए नहीं दिया जाता है, क्योंकि टीका उन पर कोई ज्यादा प्रभावी नहीं होगा. ऐसे में वैक्सीन का मिस यूज होगा.
''जो लोग संक्रमण के सस्पेक्टेड हैं या एसिंप्टोमेटिक रूप से सस्पेक्टेड है और उन्होंने जांच नहीं कराई है, ऐसे लोगों में वैक्सीन देना इसलिए प्रभावी नहीं है, क्योंकि संक्रमण खुद एक तरह से वैक्सीन का काम करता है. संक्रमण होने के 4 से 5 दिनों के अंदर शरीर में एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती है. ऐसे में संक्रमण काल के दौरान जब वैक्सीन दिया जाएगा तो अचानक से एंटीबॉडी लेवल काफी बढ़ जाएगा और ये फिर कुछ दिनों बाद काफी कम हो जाएगा. ऐसे में वैक्सीन कारगर नहीं होगा.''- डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल
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'21 दिनों बाद ही वैक्सीन प्रभावी'
डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि जो लोग कोरोना के सस्पेक्टेड हैं, उन्हें वो यही सलाह देते हैं कि संक्रमण से ठीक होने के 21-22 दिनों बाद ही वैक्सीन लें, क्योंकि संक्रमण से उबरने के 21 दिनों बाद ही वैक्सीन प्रभावी होगा. ऐसे में जो वैक्सीन दी जाएगी, उसकी एंटीबॉडी लांग लास्टिंग होगी. वैक्सीन अगर लोग संक्रमण काल के दौरान ले लेते हैं, तो वैक्सीन भी वही काम करता है जो संक्रमण करता है. ऐसे में कई बार मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर भी हो सकती है.